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कौन था ये एक्टर जिसकी आखों से डरती थी लड़कियां, मिला था पद्म भूषण
हिंदी सिनेमा जगत के मशहूर एक्टर व विलेन प्राण का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 12 फरवरी 1920 में हुआ था। उनकी दमदार एक्टिंग के लोग कायल थे।
मुंबई: हिंदी सिनेमा जगत के मशहूर एक्टर व विलेन प्राण का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 12 फरवरी 1920 में हुआ था। उनकी दमदार एक्टिंग के लोग कायल थे। पर्दे पर जब भी उनका रोल आता था लोग अपना दिल थामके के बैठ जाते थे। क्योंकि प्राण की रौबीली आंखें दिखती थीं तो लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते थे। लड़कियां डर के मारे चीख पड़ती थीं।
तीन घंटे की फिल्म में हीरो से टक्कर लेता यह शख्स अपनी असल जिन्दगी में किसी नायक की छवि से बहुत ऊपर है। लोग जितना इनका सम्मान करते थे, उतना ही इनकी दरियादिली के कायल भी थे।
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उन्होंने 40 के दशक में अपना फिल्मी करियर शुरू किया था। शुरुआत की कुछ फिल्मों में उन्होंने हीरो का रोल प्ले किया था लेकिन उन्हें पहचान मिली विलेन के रोल से। उन्होंने प्रमुख रूप से जिद्दी, बड़ी बहन, उपकार, जंजीर, डॉन, अमर अकबर एंथनी और शराबी जैसी फिल्मों में अपने एक्टिंग का लोहा मनवाया।
पिता कृष्ण सिकंद सरकारी ठेकेदार थे
प्राण के पिता कृष्ण सिकंद सरकारी ठेकेदार थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद प्राण अपने पिता के काम में हाथ बंटाने लगे। एक दिन उनकी मुलाकात लाहौर के मशहूर पटकथा लेखक वली मोहम्मद से हुई। इसी दौरान वली ने प्राण को फिल्मों में काम करने का प्रस्ताव दिया। उस वक्त प्राण ने इस प्रस्ताव पर ध्यान नहीं दिया लेकिन बार-बार कहने पर मान गये।
1940 में पंजाबी फिल्म से उन्होंने अपने फिल्मी सफर की शुरू किया। 1945 में खलनायक के रूप में उनकी पहली फिल्म आई। एक टाइम था जब प्राण का फिल्म में होना ही सफलता की गारंटी माना जाता था।
साल 1948 में उन्होंने 'जिद्दी' फिल्म में काम किया। इसके बाद ही प्राण ने तय किया के वो खलनायकी में करियर बनायेंगे। प्राण कम से कम 40 साल तक बतौर खलनायक काम करते रहे।
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हर फिल्म में प्राण ही खलनायक के रोल में नजर आते थे। उन्हें साल 2001 में भारत सरकार ने भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया था। प्राण ने 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उनकी आखिरी फिल्म मृत्युदाता थी।