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वर्ल्ड टेलीविजन डे: टीवी से स्मार्ट टीवी तक, कैसा रहा TELEVISION का सफर

आज टीवी का सफर भले ही 95 साल पुराना हो, लेकिन यह अपने सबसे मॉडर्न में है। टीवी, एलसीडी या एलईडी। आज वर्ल्ड टेलीविजन डे है।  9 दशक पहले कभी भारी-भरकम डिब्बे के रूप में दिखने वाला इडियट बॉक्स बोलने से ही चलने लगता है। 1924 में बक्से, कार्ड और पंखे के मोटर से तैयार हुई टीवी से लेकर स्मार्ट टीवी दलाव का सफर तय किया है।

suman
Published on: 21 Nov 2019 5:02 AM GMT
वर्ल्ड टेलीविजन डे: टीवी से स्मार्ट टीवी तक, कैसा रहा TELEVISION का सफर
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जयपुर: भारत में 1962 में 41 टीवी सेट और एक चैनल से टीवी की शुरुआत हुई। अब देश हर घर में टेलीविजन जगह बना चुका था। देश में कलर टीवी 1982 में आया। उस समय लोग 8 हजार रुपए का टीवी 15 हजार रुपए में खरीदने को तैयार थे। जानते हैं टेलीविजन के सफर से जुड़े किस्से...

टेलीविजन के आविष्काआज टीवी का सफर भले ही 95 साल पुराना हो, लेकिन यह अपने सबसे मॉडर्न में है। टीवी, एलसीडी या एलईडी। आज वर्ल्ड टेलीविजन डे है। 9 दशक पहले कभी भारी-भरकम डिब्बे के रूप में दिखने वाला इडियट बॉक्स बोलने से ही चलने लगता है। 1924 में बक्से, कार्ड और पंखे के मोटर से तैयार हुई टीवी से लेकर स्मार्ट टीवी दलाव का सफर तय किया है।रक जॉन लोगी बेयर्ड ने किया । 13 अगस्त 1888 को स्कॉटलैंड में जन्मे बेयर्ड में टेलीफोन से इतना लगाव था कि 12 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपना टेलीफोन बनाया और सोचा एक दिन ऐसा आएगा, जब लोग हवा के माध्यम से तस्वीरें भेजेंगे। बेयर्ड ने 1924 में बक्से, बिस्किट के टिन, सिलाई की सुई, कार्ड और बिजली के पंखे से मोटर का इस्तेमाल कर पहला टेलीविजन बनाया था।

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मार्च 1954 में वेस्टिंगहाउस ने पहला कलर टीवी सेट बनाया। शुरुआत में इसके सिर्फ 500 यूनिट्स ही बनाए गए थे। उस समय इसकी कीमत करीब 6,200 रुपए थी। फिर अमेरिकन इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी आरसीए ने कलर टीवी CT-100 को बनाया। कीमत लगभग 5 हजार रुपए थी। कंपनी ने इसके 4 हजार यूनिट तैयार किए थे।

इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग के छात्र बी शिवाकुमारन ने चेन्नई में हुए एक एग्जीबिशन में पहली बार टीवी को पेश किया था। यह एक कैथोड-रे ट्यूब वाला टीवी था। हालांकि इससे जरिए ब्रॉडकास्ट नहीं किया गया, लेकिन इसे भारत की पहली टीवी के तौर पर पहचान मिली।

आज टीवी पर हजारों चैनल्स की भरमार हो लेकिन उस दौर में दूरदर्शन ने जितनी लोकप्रियता हासिल की उसे टक्कर दे पाना मुश्किल है। दूरदर्शन का नाम पहले 'टेलीविजन इंडिया' था। 1959 में शुरू हुए दूरदर्शन का 1965 में रोजाना प्रसारण होना शुरू हुआ। 1986 में शुरू हुए रामायण और महाभारत जैसे सीरियल्स को देखने के लिए लोगों में इतना उत्साह रहता था कि इस दौरान हर रविवार को सुबह देश भर की सड़कों पर कर्फ्यू जैसा सन्नाटा पसर जाता था।

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5 जुलाई 1954 में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने पहली बार टेलीविजन पर डेली न्यूज बुलेटिन का प्रसारण किया गया। उस दौरान टीवी पर एंकर की बजाए सिर्फ फोटो और नक्शे ही दिखाई देते थे। न्यूज एंकर का चेहरा देखने से समाचार जैसी गंभीर चीज से लोगों का ध्यान भटकता है। उस समय 20 मिनट के इस न्यूज बुलेटिन को रिचर्ड बैकर ने पढ़ा था। हालांकि इसके तीन साल बाद उन्हें स्क्रीन पर दिखने का मौका मिला था।

टेलीविजन के रिमोट कंट्रोल का आविष्कार यूजीन पोली ने किया था। यूजीन पोली का जन्म 1915 में शिकागो में हुआ था। वे जेनिथ इलेक्ट्रॉनिक में काम करते थे। 1950 में रिमोट कंट्रोल वाला पहला टीवी बाजार में आया, इसका रिमोट तार के जरिए टीवी सेट से जुड़ा होता था। 1955 में पूरी तरह से वायरलेस रिमोट कंट्रोल वाले टीवी की शुरुआत हुई।

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