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क्या होती है 3 डी प्रिंटिंग? जानिए इसके फायदे और कैसे करें इस्तेमाल
थ्री प्रिंटिंग एक विनिर्माण की एक तकनीक प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल कर हम रोजमर्रा की चीजें बना सकते हैं। यह एक खास पीढ़ी की मशीन है जिसमें एक ही मशीन से अलग -अलग प्रकार की सामग्रियों को आसानी से बनाया जा सकता है। इसके साथ विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन किया जा सकता है।
लखनऊ : बढ़ती तकनीकी की दुनिया में आज हमें कल्पना करने के लिए ज्यादा सोचने की जरुरत नहीं है। आज के युग में जिस चीज की हम कल्पना करना चाहते है उसे आसानी से सच भी कर सकते हैं। आज ऐसा तकनीकी युग हो गया है कि इंसान जिस भी चीज की कल्पना कर सकता है उसे थ्री डी प्रिंटिंग की मदद से छाप कर निकाल भी सकता है। फिर चाहे वो आपकी पसंदीदा गाड़ी हो, घर हो, जूते हो, या कुछ भी चीजे, जिन्हें आप पसंद करते हैं अपने डिजाइन की मदद से उसे बना सकते हैं।
क्या है 3 डी प्रिंटिंग ?
थ्री डी प्रिंटिंग एक विनिर्माण की एक तकनीक प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल कर हम रोजमर्रा की चीजें बना सकते हैं। यह एक खास पीढ़ी की मशीन है जिसमें एक ही मशीन से अलग -अलग प्रकार की सामग्रियों को आसानी से बनाया जा सकता है। इसके साथ विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन किया जा सकता है। आपको बता दें कि जहां साधारण प्रिंटिंग मशीन में इंक और पन्नों की जरुरत होती है। वहीं इस 3 डी प्रिंटिंग मशीन में प्रिंट की जाने वाली वस्तु के आकार और रंग आदि का चुनाव कर प्रिंट करने वाले पदार्थ को डाला जाता है।
3D प्रिंटिंग के फायदे
-थ्री डी आपको सस्ती और सुंदर वस्तु बनाकर दे सकता है। वो भी कठिन आकार वाली जिसे कोई और मशीन नहीं बना सकती है।
-थ्री डी प्रिंटिंग मशीन में काम काफी तेज होता है किसी गाड़ी को बनाने में महज 12 से 13 हफ्ते में गाड़ी तैयार हो जाती है।
-इस प्रिंटर में बड़ी आसानी से आपकी पसंदीदा जरुरतों के हिसाब से वस्तुओं को बनाकर दे सकता है।
-इस थ्री डी प्रिंटर में बड़ी कम लागत के साथ सामानों को अपने हिसाब से प्रिंट किया जा सकता है।
-आज हर क्षेत्र में 3 डी प्रिंटिंग का इस्तेमाल बड़ी आसानी से हो रहा है।
कैसे बनाते है बाइक को 3 डी तकनीक से नया
3 डी तकनीक से किसी भी पुरानी चीज को नया भी कर सकते हैं। आज हमने न्यूज़ट्रैक की टीम की मदद से कुछ सर्वे भी किए। जिसमें हमने लखनऊ की नक्खास जैसी मार्केट में देखा। दो पहिया वाहन कंपनियों ने इस 3 डी प्रिंटिंग की मदद से कई बाइकों का नवीनिकरण किया है। इन बाइकों में यामाहा की R15, पल्सर जैसी कई कंपनियों के दो पहिया वाहन को हर दिन नया रूप देते हैं।
3D प्रिंटिंग का वैश्विक स्तर
आपको बता दें कि थ्री डी प्रिंटिंग कोई नई तकनीक नहीं है। इस तकनीक को काफी सालों से वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत में भी कई ऑटो सेक्टर ने इस तकनीक से काफी व्यापार बढ़ाया है। वर्ष 2017 में वैश्विक 3 डी प्रिंटिंग बाजार तकरीबन 7.01 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था। औद्योगिक स्तर पर किए जाने वाले 3 डी प्रिंटिंग के उपयोग की बात करें तो बाजार में इसकी हिस्सेदारी 80 प्रतिशत थी।
उत्तरी अमेरिका में 3 डी प्रिंटिंग
वर्ष 2018 के दौरान 3 डी प्रिंटिंग का सर्वाधिक उपयोग हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बनाने में किया गया। 2018 उत्तरी अमेरिका, 3 डी प्रिंटिंग का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल करने के कारण बाजार में अपनी 37 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी के साथ पहले नंबर पर रहा।
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एक सॉफ्ट सिलिकन ह्रदय बनाया
स्विट्ज़रलैंड के वैज्ञानिकों द्वारा 3 डी प्रिंटर की मदद से ‘एक सॉफ्ट सिलिकन ह्रदय’ बनाया गया जो लगभग मानव हृदय की तरह काम करता है। आपको बता दें कि अमेरिका और चीन ने इस 3 डी प्रिंटिंग की मदद से एम्ब्रियोनिक स्टेम कोशिका का आविष्कार किया। वहीं यूनाइटेड किंगडम में इस 3 डी प्रिंटिंग की मदद से विश्व के पहले कॉर्निया का निर्माण किया गया।
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