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चीनी ऐप से सावधान: आपकी सेफ्टी से हो रहा खिलवाड़, हो जाएं सतर्क

लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद देश में चीनी उत्पादों के खिलाफ मुहिम में तेजी आ गई है। भारत में लोग चीनी ऐप्स और चाइनीज स्मार्टफोन के साथ-साथ उसके द्वारा बनाए गए उत्पादों को बॉयकॉट करने की तैयारी में जुटे हैं।

Shreya
Published on: 19 Jun 2020 8:36 AM GMT
चीनी ऐप से सावधान: आपकी सेफ्टी से हो रहा खिलवाड़, हो जाएं सतर्क
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नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद देश में चीनी उत्पादों के खिलाफ मुहिम में तेजी आ गई है। भारत में लोग चीनी ऐप्स और चाइनीज स्मार्टफोन के साथ-साथ उसके द्वारा बनाए गए उत्पादों को बॉयकॉट करने की तैयारी में जुटे हैं। भारत में बड़ी संख्या में चाइनीज फोन, मोबाइल एप्लीकेशन और तमाम प्रोडक्ट्स यूज किए जाते हैं।

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अगर देखा जाए तो चीन के लिए भारत हमेशा से ही एक फायदेमंद मार्केट रहा है। लेकिन कुछ खुफिया एजेंसियों का कहना है कि चीन के एप्लीकेशन्स सेफ नहीं होते हैं और इनके द्वारा यूजर्स का डेटा भारत के बाहर स्टोर किया जा रहा है। क्योंकि जब एप्लीकेशन को मोबाइल फोन में इंस्टॉल किया जाता है तो एक्सेस के लिए गैर-जरूरी जानकारी मांगा जाता है, जिसका कि उस एप्लीकेशन से कोई लेना-देना नहीं होता है।

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ये हैं कुछ चाइनीज ऐप

UC Browser, UC News, CM Browser, DU Browser, BeautyPlus, ClubFactory, SHAREit, SHEIN, hello, TikTok, LIKE, Mi Store, Mi Video call-Xiaomi, Live, Bigo Video, Baidu Translate, CacheClear DU Apps studio, Clean Master – Cheetah, Bigo, Clash of Kings, DU Battery Saver, DU Cleaner, DU Privacy, DU recorder, ES File Explorer, Kwai, Mail Master, Virus Cleaner, Mi CommunityQQ Player, QQ Security Centre इसके अलावा भी कई चाइनीज ऐप हैं।

ये ऐप किस तरह पहुंचाते हैं नुकसान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि SHAREit, TikTok, UC Browser जैसे ऐसे कई चाइनीज ऐप हैं, जो एक्सेस के लिए यूजर के कैमरे, गैलरी और माइक्रोफोन के एक्सेस की भी डिमांड करते हैं। उसके बाद इनके द्वारा यूजर्स का डेटा चोरी कर चाइना टेलिकॉम कंपनी या फिर अपनी पैरंट कंपनी को भेजा जाता है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि ये यूजर्स के डेटा को विदेशी एजेंसियों को ट्रांसफर करते हैं।

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इन ऐप्स में मांगी जाती है लोकेशन का एक्सेस

यूजर्स को लोकेशन का एक्सेस कैब सर्विस, फूड डिलिवरी या फिर ऑनलाइन शॉपिंग जैसी कंपनी को देना जरूरी होता है। लेकिन कुछ चाइनीज ऐप बिना जरूरत के ही लोकेशन का एक्सेन मांगते हैं। उसके बिना यूजर को ऐप का एक्सेन नहीं दिया जाता। Arrka Consulting की को-फाउंडर शिवांगी नाडकर्णी ने बताया कि यूसी ब्राउजर भी लोकेशन का एक्सेन मांगता है, जिससे यह पता किया जा सके कि व्यक्ति कहां से जानकारी सर्च कर रहा है।

इस बीच एक रिपोर्ट से पता चला है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भारत सरकार को 52 चाइनीज मोबाइल ऐप्स को ब्लॉक करने और लोगों से इसका यूज ना करने के लिए कहा है।

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