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फेसबुक ला रहा है एक ऐसी डिवाइस, सोचने भर से ही हो जाएगी टाइपिंग

दुनिया की अग्रणी मैसेजिंग एप फेसबुक जल्द ही आपके दिमाग को पढ़ने वाला डिवाइस ला रहा है। फेसबुक इस तकनीक पर काम कर रहा है। 2017 के डेवेलपर कॉन्फ्रेंस के दौरान कंपनी ने ब्रेन रीडिंग का आईडिया रखा था।

Aditya Mishra
Published on: 31 July 2019 9:07 PM IST
फेसबुक ला रहा है एक ऐसी डिवाइस, सोचने भर से ही हो जाएगी टाइपिंग
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लखनऊ: दुनिया की अग्रणी मैसेजिंग एप फेसबुक जल्द ही आपके दिमाग को पढ़ने वाला डिवाइस ला रहा है। फेसबुक इस तकनीक पर काम कर रहा है।

2017 के डेवेलपर कॉन्फ्रेंस के दौरान कंपनी ने ब्रेन रीडिंग का आईडिया रखा था और अब कंपनी ने एक अपडेट जारी किया है जिसमें कहा गया है कि ये प्रोजेक्ट आगे बढ़ रहा है।

सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने ब्रेन रीडिंग कंप्यूटर इंटरफेस को लेकर अपने प्लान के बारे में जानकारी दी है। इसे कंपनी युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रैंसिस्को के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर तैयार किया जा रहा है।

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ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस से ऐसा संभव

फेसबुक ने बताया कि वह दिमाग को पढ़ने वाली तकनीक पर काम कर रहा है। इसके तहत एक मेथड का डेमोंस्ट्रेशन किया गया है जो दिमाग से एक पूरे फ्रेज को रीड कर सकते है। अभी भी ऐसी टेक्नॉलाजी है जिसके तहत सोच कर लिखा जा सकता है। यानी ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस से अभी भी ऐसा संभव है।

फेसबुक के मुताबिक उसका एक डिविजन है जो हार्डवेयर पर काम करता है जिसे फेसबुक रियेलिटी लैब्स कहा जाता है। नेचर कम्यूनिकेशन जर्नल के जरिए ये दिखाने की कोशिश की गई है कि कैसे रिसर्चर्स इंसान के दिमाग से सीधे स्पीच को कंप्यूटर के स्क्रीन पर लेकर आ गए हैं।

इस रिसर्च के लिए रिसर्चर्स ने तीन मरीजों के साथ काम किया है जिनका एपिलेप्सी का इलाज चल रहा था। इनके दिमाग में इलेक्ट्रोड इंप्लांट करके रिसर्चर्स ने सालों बिताए हैं।

शोधकर्ताओं ने कहा है कि यह फाइंडिंग उन पेशेंट्स के लिए फायदेमंद साबित होगी जो ब्रेन इंजरी की वजह से बोल नहीं सकते। इनके लिए कम्यूनिकेशन डिवाइस बनाई जा सकेगी।

फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट ने दी ये जानकारी

फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट एंड्रयू बोसवर्थ ने एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने कहा है, 'आज हम नॉन इनवेसिव वेयरेबल डिवाइस पर किए जा रहे काम का एक अपडेट शेयर कर रहे हैं।

ये ऐसी डिवाइस है जो ये पता लगा पाएगी कि आप क्या सोच रहे हैं। हमारा प्रोग्रेस असली संभावना दिखाता है कि फ्यूचर में एआर ग्लास के साथ कैसे इंटरएक्शन हो सकता है।

फेसबुक की ओर से यह भी साफ किया गया है कि ये टेक्नॉलाजी ग्राहकों के लिए अभी नहीं आएगी। क्योंकि अभी ब्रेन रीडिंग टेक्नॉलाजी का डेवेलपमेंट अपने शुरुआती दौर में है और यह अभी पहले कदम की तरह है।

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Aditya Mishra

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