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जल्दी खरीद लो: नहीं तो इस कारण बहुत ही महंगी हो जाएंगी कारें

BS का संबंध एमिशन स्टैंडर्ड से है। BS (Bharat Standard)  यानी  भारत स्टेज से पता चलता है कि आपकी गाड़ी कितना प्रदूषण फैलाती है। बीएस के जरिए ही भारत सरकार गाड़ियों के इंजन से निकलने वाले धुएं से होने वाले प्रदूषण को रेगुलेट करती है। BS के साथ जो नंबर होता है उससे ये पता चलता है कि इंजन कितना प्रदूषण फैलाता है।

SK Gautam
Published on: 15 April 2023 2:32 PM IST
जल्दी खरीद लो: नहीं तो इस कारण बहुत ही महंगी हो जाएंगी कारें
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नयी दिल्ली: भारत में गाड़ियों से उत्सर्जित होने वाले धुएं के कारण होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र सरकार की केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक मानक तैयार किया है । जिसको लेकर ऑटोमोबाइल कंपनियों को नए दिशा निर्देश दिए गए हैं। जिसके आधार पर मोटर कंपनियों ने अपने उत्पादों में इस मानक को लागू किया है ।

डीजल वाहनों के दाम में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी

जिसके कारण टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (TKM) एक वरिष्ठ अधिकारी ने ने बताया है कि अगले साल अप्रैल से भारत स्टेज-छह उत्सर्जन (BS-VI) मानक लागू होने के बाद उसके डीजल वाहनों के दाम में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो जाएगी ।

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टोयोटा किर्लोस्कर मोटर जापान की वाहन कंपनी टोयोटा और किर्लोस्कर समूंह का संयुक्त उद्यम है । कंपनी ने कहा कि उद्योग में वृद्धि के लिए जरूरी है कि लॉन्ग टर्म के संरचनात्मक समाधान के लिए माल एवं सेवा कर (GST) की दर में कटौती की जाए ।

दाम बढ़ाने पर हो रहा विचार

टीकेएम के उप प्रबंध निदेशक एन.राजा ने कहा, 'बीएस-4 से बीएस-6 में जाने से हमारे डीजल वाहनों के दाम 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगे' उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रतिकूल विनिमय दरों की वजह से कंपनी अपने वाहनों के दाम बढ़ाने पर विचार कर रही है। अभी तक कंपनी ने कीमतों में वृद्धि को रोका हुआ है।

कंपनी के ज्यादातर लोकप्रिय मॉडल इनोवा और फॉर्च्यूनर डीजल पावरट्रेन के साथ बेचे जाते हैं। जनवरी से जुलाई 2019 तक कंपनी के कुल वाहनों की बिक्री में डीजल-पेट्रोल का रेशियो 82:18 था। वहीं अगर पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट की बात की जाए, तो पेट्रोल-डीजल रेशियो 50:50 का है। राजा ने कहा कि बाजार में सुस्ती की वजह से मैन्युफैक्चरर और डीलर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई कंपनियां और ऑफर्स दे रहे हैं।

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22 साल की सबसे बड़ी गिरावट

देश में लगातार 10वें महीने पैसेंजर व्हीकल की बिक्री कम हुई है। SIAM की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में पैसेंजर व्हीकल की बिक्री पिछले साल इसी महीने की तुलना में 31.57 फीसदी घटकर 1,96,524 वाहन रह गई। वहीं अगस्त 2018 में 2,87,198 वाहनों की बिक्री हुई थी।

ऑटो सेल्स में आई ये 22 साल की सबसे बड़ी गिरावट है। देश के ऑटो सेक्टर की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। सियाम की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 1997-98 के बाद ऑटो सेल्स में किसी भी महीने में आई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। वहीं, इस दौरान बाइक बिक्री बिक्री गिरकर 3 साल के निचले स्तर पर आ गई है।

एक नजर क्या होता है BS नॉर्म्स?

भारत स्टेज एमिशन स्टैंडर्ड्स को 2000 में पेश किया गया था। ये एमिशन स्टैंडर्ड्स हैं जिसे केंद्र सरकार तय करती है। ये एमिशन स्टैंडर्ड्स इंटरनल कंबशन इंजन इक्विपमेंट (मोटर व्हीकल शामिल) से निकलने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तय किए जाते हैं। अलग-अलग नॉर्म्स केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित समयरेखा और मानकों के अनुसार लागू किए जाते हैं, जो पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत आता है।

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BS का संबंध एमिशन स्टैंडर्ड से है। BS (Bharat Standard) यानी भारत स्टेज से पता चलता है कि आपकी गाड़ी कितना प्रदूषण फैलाती है। बीएस के जरिए ही भारत सरकार गाड़ियों के इंजन से निकलने वाले धुएं से होने वाले प्रदूषण को रेगुलेट करती है। BS के साथ जो नंबर होता है उससे ये पता चलता है कि इंजन कितना प्रदूषण फैलाता है। यानी जितना बड़ा नंबर उतना कम प्रदूषण। इसी मानक के आधार पर BS 3, BS 4 और BS 6 निर्धारित किया जाता है।

क्या है BS 6 के फायदे

BS-6 लागू होने के बाद प्रदूषण को लेकर पेट्रोल और डीजल कारों के बीच ज्‍यादा अंतर नहीं रह जाएगा । डीजल कारों से 68 फीसदी और पेट्रोल कारों से 25 फीसदी तक नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन कम हो जाएगा। साथ ही डीजल कारों से PM का उत्सर्जन 80 फीसदी तक कम होने की संभावना है।



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