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एटम बम मतलब "परमाणु बम", तो ऐसे दुनिया हो जायेगी खाक!

प्यारे मित्रों आपको बताना चाहूंगा कि आधुनिकता के दौड़ में दुनिया पूरी तरह बदल सी गई है। आजकल बन्दूक के साथ आमने सामने की लड़ाई का समय नही है। समय में बदलाव की बयार है, अब समय है परमाणु हथियार की लड़ाई का।

Harsh Pandey
Published on: 15 April 2023 5:59 PM GMT (Updated on: 15 April 2023 7:19 AM GMT)
एटम बम मतलब परमाणु बम, तो ऐसे दुनिया हो जायेगी खाक!
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नई दिल्ली: केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा आर्टिकल 370 को हटाये एक महिने से ज्यादा का समय हो गया है। दुश्मन देश पाकिस्तान की कश्मीर चाहत अभी भी बरकरार है, पाकिस्तान कश्मीर मसले पर लगातार भारत के खिलाफ परमाणु युद्ध की धमकी देता आया है। निश्चित रूप से भारत के मुकाबले पाकिस्तान के पास सबसे ज्यादा परमाणु बम है, लेकिन वो भारत का बाल भी बांका नहीं कर सकता है।

इन दिनों परमाणु बम की चर्चायें जोरो पर है। आईये जानते है इसके बारे में! परमाणु बम होता क्या है, ये बनता कैसे है, साथ ही साथ अगर परमाणु युद्ध होता है तो क्या होगा, क्या कभी सोचा है आपने?

प्यारे मित्रों आपको बताना चाहूंगा कि आधुनिकता के दौड़ में दुनिया पूरी तरह बदल सी गई है। आजकल बन्दूक के साथ आमने सामने की लड़ाई का समय नही है। समय में बदलाव की बयार है, अब समय है परमाणु हथियार की लड़ाई का।अब चलिये परमाणु युद्ध की बात करते हैं...

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थोड़ा सोचिए, पाकिस्तान बार-बार परमाणु युद्ध की धमकी दे रहा है लेकिन भारत शांत होकर पाकिस्तान की धमकियों का जवाब नहीं दे रहा है। लेकिन अगर दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध हुआ तो इसका अंजाम बहुत भयानक होगा और कल्पना से भी परे हो सकता है।

आपको बता दें कि भारत के पास करीब 130-140 परमाणु बम हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 140-150 परमाणु बम हैं। अगर युद्ध हुआ तो एक बार में करोड़ों की तादाद में लोग मारे जाएंगे। इनमें से लाखों करोड़ों लोग बम की तपिश से झुलस जाएंगे, वहीं लाखों लोगों की मौत का कराण रेडिएशन बनेगा और पृथ्वी की आधी ओज़ोन परत तबाह हो जाएगी।

इसके साथ ही आसमान पर काला धुआं छा जाएगा, बेहिसाब ठंड पड़ेगी और करीब 2 अरब लोग भूख से मारे जाएंगे।

आपको बताते चलते है कि अगर हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध हुआ तो इसका प्रकोप सिर्फ एक शहर, एक प्रांत या एक देश तक सिमित नहीं होगा बल्कि इस विनाश की चपेट में पूरी दुनिया आ जाएगी।

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बहरहाल, दोनों देशों में कोई भी मुल्क पहले हमला करे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि इस चिंगारी को कोई भी भड़काए आग दोनों तरफ बराबर लगेगी।

उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के पास परमाणु बमो की कुल संख्या मिलाकर करीब 300 है। अगर इनमें से आधे परमाणु बमों का भी इस्तेमाल हुआ तो क्या होगा, इस सवाल से शरीर कांप जाती है।

भारतीय परमाणु की रेंज...

पाकिस्तान के पांच बड़े शहर कराची, लाहौर, इस्लामाबाद, रावलपिंडी और पेशावर हैं और ये पांचों शहर भारतीय परमाणु हथियार की रेंज में हैं। 1945 में हिरोशिमा में जिस परमाणु बम ने विनाश किया था वो सिर्फ 15 किलोटन का था। भारत के पास इससे कई गुना बड़े और खतरनाक परमाणु बम हैं।

अगर पाकिस्तान परमाणु जंग शुरू करता है तो भारत इन पाचों शहरों को निशाना बना सकता है जिसके बाद ऐसे तबाही मचेगी जिसके बारे में सोचना ही अकल्पनीय है।

अगर इस्लामाबाद पर 100 किलोटन का एटमी बम फोड़ा गया तो धमाके के 0.79 किलोमीटर तक सब कुछ खत्म हो जाएगा। कंक्रिट की बिल्डिंग छोड़ कर कुछ भी नहीं बचेगा। 3.21 किलोमीटर तक भूकंप के बेहद तेज झटके लगेंगे। 10.5 किलोमीटर तक रेडिएशन फैलेगा जिससे इंसान जानवर कोई भी नहीं बच पाएगा।

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धमाके की वजह से 14.2 किलोमीटर तक सारी इमारते गिर जाएगी और बिल्डिंग में छिपे इंसान भी नहीं बच पाएंगे। 47.9 किलोमीटर थर्मल रेडिएशन का असर होगा जो लाखों लोगों को निगल जाएगा। 100 किलोमीटर तक घरों की खिड़कियां चटक जाएंगी।

बता दें कि इस्लामाबाद के 13 किलोमीटर दूर पेशावर है, 36 किलोमीटर वाह शहर है और 110 किलोमीटर मरदान शहर है, यानि एक बम तीन शहर बर्बाद कर देगा। लेकिन ऐसा नहीं है कि परमाणु बम का असर सिर्फ पाकिस्तान तक रहेगा, बल्कि प्रलय तो परमाणु बम से मची बर्बादी के बाद आएगा और करीब 2 अरब लोग भूखे प्यासे मर जाएंगे।

बेहिसाब ऊर्जा वाला बम...

परमाणु धमाके में एक सेकेंड में बेहिसाब ऊर्जा निकलती है। विस्फोट की जगह पर तापमान हजारों डिग्री सेलसिय्म पहुंच जाता है। इस धमाके के बाद जो काला धुआं निकलेगा वो पृथ्वी पर छा जाएगा और दिन में काली अमावस्या का प्रकोप शुरू हो जाएगा।

अगर हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होता है तो इसका असर दुनिया पर कैसे पड़ेगा, वैज्ञानिकों ने जब इस पर शौध किया तो दुनिया भर में सन्नाटा पसर गया।

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भारत-पाक परमाणु युद्ध से निकला काला धुआं धीरे-धीरे पूरी दुनिया पर छाने लगेगा। करीब 15 दिन में पूरी दुनिया में अंधेरा छा जाएगा। धुआं बेहद काला होगा जो सूरज की रोशनी को सोख लेगा जिस कारण तापमान गिरना शुरू हो जाएगा और दुनिया में प्रचंड ठंड की मार पड़ेगी। पेड़-पौधे, वनस्पतियां सब खत्म हो जाएंगे। न्यूक्लियर धुएं से पृथ्वी का मौसम साइकिल खत्म हो जाएगा।

इसके साथ ही भारत और पाकिस्तान में तो ज़िंदगी पहले ही दम तोड़ चुकी होगी। अमेरिका में भी खेत कभी लहरा नहीं सकेंगे और दुनिया भर में भूख से दंगें फसाद शुरू हो जाएंगे।

हिरोशिमा में परमाणु धमाके को बीते 74 साल...

हिरोशिमा में परमाणु धमाके को 74 साल बीत चुके हैं लेकिन आज भी वहां पैदा होते बच्चों में रेडिएशन का असर नजर आता है। भारत-पाकिस्तान युद्ध तो उससे सैकड़ों गुना ज्यादा विध्वंसक होगा जिसका असर सैकड़ों साल तक मौजूद रहेगा।

हिंदु्स्तान और पाकिस्तान दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं। पाकिस्तान के पास करीब 150 परमाणु बम हैं जिनमें से 66% बम जमीन से वार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पर मौजूद हैं। वहीं भारत 56 फीसदी परमाणु बमों को मिसाइल से पाकिस्तान पर दाग सकता है।

खास बात यह है कि पाकिस्तानी लड़ाकू विमान 38 फीसद परमाणु बम दाग सकते हैं जबकि भारत अपने फाइटर प्लेन से 45 फीसद परमाणु हमला कर सकता है।

वहीं पाकिस्तान के पास जल यानि समंदर के अंदर से परमाणु हमला करने का कोई तरीका नहीं है जबकि भारतीय पनडुब्बी में 12 परमाणु मिसाइल हर वक्त तैयार रहती हैं।

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परमाणु युद्ध होगा या नहीं ये पाकिस्तान को तय करना है क्योंकि जिस तरह से पाकिस्तान न्यूक्लियर वॉर के लिए तड़प रहा है वो साफ बताता है कि इमरान खान को परमाणु युद्ध कैसे लड़ा जाता है इसका ज़रा भी अंदाजा नहीं है। परमाणु युद्ध की रणनीति जल, थल और नभ से तय होगी।

पाकिस्तान का कुल क्षेत्र 7 लाख वर्ग किलोमीटर का है जबकि भारत का क्षेत्र 32 लाख वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा है। यानि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान को मिला दिया जाए तो वो पाकिस्तान से बड़े साबित होंगे। ऐसे में अगर पाकिस्तान भारत पर पहले परमाणु वार करता भी है तो हिंदुस्तान तब भी खड़ा रहेगा लेकिन हिंदुस्तान के आक्रोश के सामने पाकिस्तान भस्म हो जाएगा।

परमाणु बम, एक नजर...

नाभिकीय अस्त्र या परमाणु बम एक विस्फोटक युक्ति है जिसकी विध्वंसक शक्ति का आधार नाभिकीय अभिक्रिया होती है। यह नाभिकीय संलयन या नाभिकीय विखण्डन या इन दोनो प्रकार की नाभिकीय अभिक्रियों के सम्मिलन से बनाये जा सकते हैं। दोनो ही प्रकार की अभिक्रिया के परिणामस्वरूप थोड़े ही सामग्री से भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है।

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आज का एक हजार किलो से थोड़ा बड़ा नाभिकीय हथियार इतनी ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है जितनी कई अरब किलो के परम्परागत विस्फोटकों से ही उत्पन्न हो सकती है। नाभिकीय हथियार महाविनाशकारी हथियार कहे जाते हैं।

द्वितीय विश्वयुद्ध में सबसे अधिक शक्तिशाली विस्फोटक, जो प्रयुक्त हुआ था, उसका नाम 'ब्लॉकबस्टर' था। इसके निर्माण में तब तक ज्ञात प्रबलतम विस्फोटक ट्राईनाइट्रोटोलुईन का 11 टन प्रयुक्त हुआ था।

इस विस्फोटक से 2000 गुना अधिक शक्तिशाली प्रथम परमाणु बम था जिसका विस्फोट टी. एन. टी. के 22,000 टन के विस्फोट के बराबर था। अब तो प्रथम परमाणु बम से बहुत अधिक शक्तिशाली परमाणु बम बने हैं।

Harsh Pandey

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