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Hackers बने चौधरी: इन कंपनियों के साथ ऐसे धोखाधड़ी, लगाया करोड़ों का चूना
तकनीकी कंपनियां अपने डिवाइसेज यानी की स्मार्टफोन, स्मार्ट टीवी, फिटनेस बैंड, स्मार्ट स्पीकर को सेफ रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ती हैं। लेकिन इसके बाद भी हैकर्स इन डिवाइसेज में धोखा करने का कोई न कोई रास्ता ढूंढ ही लेती हैं।
नई दिल्ली : तकनीकी कंपनियां अपने डिवाइसेज यानी की स्मार्टफोन, स्मार्ट टीवी, फिटनेस बैंड, स्मार्ट स्पीकर को सेफ रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ती हैं। लेकिन इसके बाद भी हैकर्स इन डिवाइसेज में धोखा करने का कोई न कोई रास्ता ढूंढ ही लेती हैं। यह बात एक बार फिर एक हैकिंग कॉन्टेस्ट में उस समय सच साबित हुई, जब दो हैकर्स सोनी, शाओमी, सैमसंग और कई दूसरी कंपनियों डिवाइसेज में फ्रॉड करने में सफल रहे। हैकर्स ने इस तरह 1,45,000 डॉलर (लगभग 1.02 करोड़ रुपये) जीते।
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कई डिवाइसेज में खामियों को उजागर
बता दें कि एंड्रायड पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, टोक्यो में Pwn2Own हैकिंग कॉन्टेस्ट में Team Fluoroacetate ने अपनी काबिलियत दिखाई और कई डिवाइसेज में खामियों को उजागर किया। हैकर्स की टीम में एमाट कामा और रिचर्ड झू शामिल थे।
इस रिपोर्ट में कहा है कि इन दो 'वाइट हैट' हैकर्स ने सबसे पहले सोनी के X800G स्मार्ट टीवी को टारगेट किया। रिपोर्ट के अनुसार, 'हैकर्स ने जावास्क्रिप्ट OOB रीड बग का इस्तेमाल करते हुए टेलिविजन के बिल्ट-इन वेब ब्राउजर में सेंधमारी की और डिवाइस का कंट्रोल हासिल कर लिया। इस तरह हैकर्स ने 15 हजार डॉलर (करीब 10.64 लाख रुपये) कमाए।'
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टारगेट किया और स्मार्टफोन को हैक
बता दें कि हैकर्स ने इसके बाद Amazon Echo Show 5 को हैक किया। ऐमजॉन के स्मार्ट स्पीकर में सेंधमारी करने के लिए दोनों हैकर्स ने इंटेगर ओवरफ्लो का इस्तेमाल किया और इस तरह करीब 60,000 डॉलर (करीब 42.56 लाख रुपये) जीते।
उन्होंने सैमसंग के दो डिवाइसेज (Galaxy S10 स्मार्टफोन और Q60 स्मार्ट टीवी) को हैक किया और इससे उन्हें 45,000 डॉलर (करीब 31.92 लाख रुपये) की बग बाउंटी मिली। हैकर्स ने शाओमी के Mi 9 को भी टारगेट किया और इस स्मार्टफोन को हैक करने पर उन्हें 20,000 डॉलर (करीब 14.18 लाख रुपये) का रिवॉर्ड मिला।
यह कॉन्टेस्ट एक सालाना इवेंट है और साल 2007 से आयोजित हो रही है। इस कॉन्टेस्ट का मकसद डिवाइसेज या सॉफ्टवेयर की खामियों को उजागर करना है। कॉन्टेस्ट के दौरान जो भी बग और खामियां सामने आती हैं, वह आयोजनकर्ताओं को हैंड ओवर कर दी जाती हैं।
आयोजनकर्ता इन खामियों को संबंधित कंपनियों को बताते हैं। प्रतिभागी, डिवाइसेज को सफलतापूर्वक हैक करके पैसे कमाते हैं और कॉन्टेस्ट के आखिर में विजेता घोषित किया जाता है।
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