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TikTok वालों सावधान: इन स्मार्टफोन को है बड़ा खतरा, संभल कर रहें
ये हैकिंग TikTok एप की कमियों को दिखाने के लिए जानबूझ कर की गई। साथ ही ये भी बताने के लिए कि यूजर्स कंटेंटे डिलीवर करने के लिए HTTPS के बजाए अनसिक्योर HTTP का यूज कर रहे हैं।
नई दिल्ली: डेवलपर्स ने यह दावा किया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म TikTok यूजर्स कंटेंटे डिलीवर करने के लिए HTTPS का नहीं, बल्कि अनसिक्योर HTTP का यूज करते हैं। डेवलपर्स ने इसे साबित करने के लिए TikTok एप को बिल्कुल आसानी से फेक सर्वर से कनेक्ट कर लिया।
WHO के अकाउंट से फेक वीडियो की शेयर
TikTok में साइबर सिक्योरिटी के जोखिमों को प्रूफ करने के लिए मिस्क नाम के एक डेवलपर ने आसानी से हैक के जरिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानि WHO के अकाउंट से फेक वीडियो शेयर की। इसके अलावा डेवलपर्स ने अमेरिकन रेड क्रॉस और ब्रिटिश रेड क्रॉस के अकाउंट से भी फेक वीडियो शेयर की गई।
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TikTok की कमियों को दिखाने के लिए की गई हैकिंग
डेवलपर्स का कहना है कि ये हैकिंग TikTok एप की कमियों को दिखाने के लिए जानबूझ कर की गई। साथ ही ये भी बताने के लिए कि यूजर्स कंटेंटे डिलीवर करने के लिए HTTPS के बजाए अनसिक्योर HTTP का यूज कर रहे हैं।
यूजर्स की प्राइवेसी को पहुंचाता है नुकसान
बता दें कि चाइनीज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म TikTok के कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क द्वारा वीडियो और अन्य मीडिया HTTP पर ट्रांसफर किया जाता है। HTTP डेटा की परफॉर्मेंस को भले ही ठीक कर देता है, लेकिन इससे यूजर्स की प्राइवेसी को नुकसान पहुंचता है। मिस्क ने अपने ब्लॉग में बताया कि हैकर्स द्वारा बेहद आसानी से किसी भी वीडियो को दूसरे अकाउंट पर स्विच किया जा सकता है। ये वेरिफाइड अकाउंट के साथ भी हो सकता है।
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इन एंड्रॉयड वर्जन को है खतरा
डेवलपर मिस्क ने कोरोना वायरस से रिलेटेड कुछ फेक वीडियोज तैयार किए और उन वीडियोज को WHO और रेड क्रॉस के अकाउंट से टिकटॉक पर शेयर कर दिया। इस तरह की हैकिंग सीरियस है, लेकिन डेवलपर्स की तरफ से यह साफ किया गया है कि ऐसा फेक सर्वर के इस्तेमाल से किया गया है। मतलब फेक सर्वर के अलावा अन्य कोई इसे नहीं देख पाएगा। डेवलपर्स ने एंड्रॉयड वर्जन 15.7.4 और iOS वर्जन 15.5.6 ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए टिकटॉक को खतरा बताया है।
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