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लाखों-करोड़ रुपये का झटका: 21 दिनों में लॉकडाउन से भारत को कितना हुआ नुकसान
लॉकडाउन का 3 मई तक विस्तार किया जा चुका है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इन 21 दिनों में देश की अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान पहुंचा है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश को संबोधित किया। मंगलवार को PM मोदी ने देश की जनता को संबोधित करते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाए जाने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि पूरी निष्ठा के साथ 3 मई तक लॉकडाउन के नियमों का पालन करें, जहां हैं, वहां रहें, सुरक्षित रहें।
21 दिनों में देश की अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान?
बता दें कि इससे पहले PM नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देश को 21 दिनों तक लॉकडाउन रखने की घोषणा की थी। जो कि आज यानि 14 अप्रैल खत्म होने वाला था। लेकिन लॉकडाउन का 3 मई तक विस्तार किया जा चुका है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इन 21 दिनों में देश की अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान पहुंचा है।
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हो सकता है 7 से 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
विश्लेषकों और उद्योग मंडलों (Analysts and industry boards) ने अनुमान जताया है कि इन 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते भारत की सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को 7 से 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर फैक्ट्री और बिजनेस बंद पड़े रहे। साथ ही रेलवे और फ्लाइट की सेवा को भी बंद रखा गया था। साथ ही इस दौरान वाहनों और लोगों की आवाजाही पर भी रोक लगाई गई है।
21 दिनों के लॉकडाउन के चलते लगभग 70 फीसदी आर्थिक गतिविधियां, निवेश, निर्यात और जरूरी वस्तुओं को छोड़कर अन्य उत्पादों की खपत रुकी हुई है। इस दौरान केवल कृषि, खनन, आवश्यक सेवाएं, आईटी सेवाएं, कुछ वित्तीय और जन सेवाओं को ही काम शुरु करने की अनुमति दी गई है।
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सेंट्रल इंस्टीट्यूशनल रिसर्च ने कहा- महामारी तब आई जब...
इस पर सेंट्रल इंस्टीट्यूशनल रिसर्च ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी ऐसे समय में आई जब भारत की अर्थव्यवस्था में साहसिक राजकोषीय और मौद्रिक उपायों के बाद मरम्मत की उम्मीद दिख रही थी। सेंट्रल इंस्टीट्यूशनल रिसर्च ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को 7 से 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है।
GDP को पहुंचेगा 7.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
वहीं पहले एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च लिमिटेड ने आशंका जताई थी कि 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था को रोजाना 4.64 अरब डॉलर यानी 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। इस तरह GDP को 98 अरब डॉलर यानी करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
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ट्रक परिवहन सेवा व्यवसाय में 35, 200 करोड़ का नुकसान
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के महासचिव नवीन गुप्ता का कहना है कि ट्रक परिवहन सेवा व्यवसाय में पहले 15 दिन करीब 35 हजार 200 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। नवीन गुप्ता ने कहा कि देश के एक करोड़ ट्रकों में से तकरीबन 90 फीसदी से अधिक ट्रक सड़कों से गायब हैं। इस दौरान केवल जरूरी जिंसों को ही एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जा रहा है। नवीन गुप्ता ने कहा था कि अगर लॉकडाउन को हटाया जाता है तो भी ट्रकों को कामकाज के सामान्य स्तर पर आने में लगभग 2 से 3 महीने का समय लग जाएगा।
खुदरा कारोबार में 30 अरब डॉलर का भारी नुकसान
वहीं व्यापारियों के संगठन कैट ने अनुमान जताया है कि देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से खुदरा कारोबार में 30 अरब डॉलर का भारी नुकसान हुआ है। बता दें कि देश के खुदरा क्षेत्र में 7 करोड़ छोटे, मझोले और बड़े कारोबारी हैं। इस बीच, कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने इस साल (2020-21) के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाया है।
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