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फ्लू को हल्के में न लें, छह गुना बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा

flu: यह शोध फ्लू के रोगियों और उनकी देखभाल करने वालों को दिल के दौरे के लक्षणों के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता पर जोर देता है। शोध के लेखकों ने कहा है कि यह फ्लू शॉट लेने के महत्व को भी रेखांकित करता है।

Neel Mani Lal
Published on: 3 April 2023 12:55 AM IST
फ्लू को हल्के में न लें, छह गुना बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा
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flu infection increase the risk of heart attack (Photo-Social Media)

Heart Attack: इन दिनों फ्लू काफी फैला हुआ है। बहुत से लोग इसे मामूली सर्दी जुखाम समझ लेते हैं। लेकिन ये जान लीजिए कि फ्लू बहुत खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि एक रिसर्च से ये पता चला है कि किसी व्यक्ति को फ्लू का पता चलने के एक हफ्ते के भीतर दिल का दौरा पड़ने की संभावना छह गुना अधिक होती है।

जागरूकता जरूरी

यह शोध फ्लू के रोगियों और उनकी देखभाल करने वालों को दिल के दौरे के लक्षणों के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता पर जोर देता है। शोध के लेखकों ने कहा है कि यह फ्लू शॉट लेने के महत्व को भी रेखांकित करता है। नीदरलैंड्स के शोधकर्ताओं के इस शोध के निष्कर्ष 18 अप्रैल को क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी और संक्रामक रोगों की यूरोपीय कांग्रेस की ऑनलाइन और कोपेनहेगन, डेनमार्क में एक बैठक में प्रस्तुत किए जाने वाले हैं।

खतरनाक है इन्फ्लूएंजा वायरस

नीदरलैंड में यूट्रेक्ट यूएमसी में जूलियस सेंटर फॉर लाइफ साइंसेज एंड प्राइमरी केयर के शोधकर्ता एनीमेरिजन डी बोअर ने कहा, "इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण और तीव्र दिल के दौरे के बीच संबंध के को दिखाना महत्वपूर्ण है। हमारे परिणाम टीकाकरण सहित इन्फ्लूएंजा संक्रमण को रोकने के लिए रणनीतियों पर जोर देते हैं। दिल के दौरे के लक्षणों के लिए चिकित्सकों और अस्पताल में भर्ती फ्लू-रोगियों के बीच जागरूकता बढ़ाने की भी जरूरत है।

पहले भी हुई है रिसर्च

2018 के कनाडा के एक अध्ययन में भी फ्लू और दिल के दौरे के बीच संबंध बताया गया था लेकिन इस रिसर्च में केवल अस्पताल में भर्ती लोगों को शामिल किया गया था। मौजूदा अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने 16 प्रयोगशालाओं के परीक्षण के परिणामों का विश्लेषण किया जिसमें डच आबादी का लगभग 40 फीसदी, मृत्यु और अस्पताल के रिकॉर्ड शामिल थे।नीदरलैंड्स में 2008 और 2019 के बीच प्रयोगशालाओं द्वारा इन्फ्लूएंजा के 26,000 से अधिक मामलों की पुष्टि की गई थी।शोधकर्ताओं ने पाया कि 401 व्यक्तियों को उनके फ्लू निदान के एक वर्ष के भीतर कम से कम एक दिल का दौरा पड़ा। 419 दिल के दौरे में से 25 दिल के दौरे फ्लू के निदान के बाद पहले सात दिनों में थे; निदान से पहले वर्ष में 217 और फ्लू के निदान के बाद वर्ष में 177 दौरे थे लेकिन इनमें पहले सात दिनों को शामिल नहीं किया गया। फ्लू से निदान होने के एक वर्ष के भीतर 401 रोगियों में से लगभग एक तिहाई किसी भी कारण से मर गए।शोधकर्ताओं ने गणना की कि अध्ययन किए गए व्यक्तियों में फ्लू के निदान के बाद के सप्ताह में दिल का दौरा पड़ने की संभावना पहले या बाद के वर्ष की तुलना में 6.16 गुना अधिक थी। कनाडाई अध्ययन में पाया गया था कि उन सात दिनों में दिल का दौरा पड़ने की संभावना 6.05 गुना अधिक थी।

क्या करता है फ्लू वायरस

इन्फ्लूएंजा वायरस रक्त के थक्के को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। शोध के लेखकों ने कहा कि यह सूजन के साथ जो वायरस के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का हिस्सा है, धमनियों में बने फैटी प्लेक को कमजोर कर सकता है। यदि प्लेक फट जाती है, तो रक्त का थक्का बन सकता है, हृदय को रक्त की आपूर्ति को अवरुद्ध कर सकता है और दिल का दौरा पड़ सकता है।

भारत की स्थिति

ताजा रिसर्च नीदरलैंड्स की है और इसके पहले कनाडा में रिसर्च हुई थी। भारत में ऐसी कोई रिसर्च होने की जानकारी नहीं है, शायद इसलिए कि इन्फ्लूएंजा पश्चिमी देशों में ज्यादा फैलता है। भारत में फ्लू का प्रकोप कम ही रहता है हालांकि इस बार इन्फ्लूएंजा वायरस काफी फैला हुआ है। ऐसे में सभी को एहतियात बरतने और लक्षणों को समझने की जरूरत है।



Neel Mani Lal

Neel Mani Lal

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