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Higher Risk Of Stroke: नींद, खर्राटा और स्लीप एपनिया स्ट्रोक का है सबसे बड़ा कारण, जानिये विस्तार से

Higher Risk Of Stroke: नींद, खर्राटे, स्लीप एपनिया आदि समस्याएं स्ट्रोक के उच्च जोखिम से जुड़ी होती हैं। स्ट्रोक एक जानलेवा मानसिक और शारीरिक समस्या है जो अक्सर ब्लड वेसल की ब्लॉकेज के कारण होती है जो अपनी बारीक शाखाओं के माध्यम से अपने शरीर के अंगों तक खून नहीं पहुंचने देती है।

Preeti Mishra
Published on: 12 April 2023 10:21 AM GMT
Higher Risk Of Stroke: नींद, खर्राटा और स्लीप एपनिया स्ट्रोक का है सबसे बड़ा कारण, जानिये विस्तार से
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Higher Risk Of Stroke (Image credit:social media)

Higher Risk Of Stroke: स्ट्रोक एक जीवन खतरे की स्थिति है जिसमें दिमाग के कुछ हिस्सों के खून के आवागमन के कारण उनमें क्षति हो जाती है। इससे उन हिस्सों का उपयोग नहीं किया जा सकता जिससे कि स्ट्रोक हुआ है। स्ट्रोक कई प्रकार के होते हैं, जैसे इस्केमिक स्ट्रोक, हेमोरेजिक स्ट्रोक, लक्षणों वाला स्ट्रोक, सीएटी स्ट्रोक आदि। स्ट्रोक के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं: असमर्थता, भाषा में असुविधा, भूलने की समस्या, लकवा, आंखों में अस्पष्टता, सिरदर्द, चक्कर आना, अस्थायी या स्थायी अंधापन या नमी, हाथ या पैरों में असमर्थता आदि।

जब इस तरह की स्थिति होती है, तो तुरंत चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है। अगर स्ट्रोक के लक्षण समय पर पहचाने और उपचार किये जाएं तो लकवा के समय आने वाली कुछ असुविधाओं से बचा जा सकता है। हालिया हुए एक अध्ययन के मुताबिक़ नींद, खर्राटे, स्लीप एपनिया की मात्रा स्ट्रोक के उच्च जोखिम से जुड़ी हुई पायी गयी है। यानी स्ट्रोक होने के ये प्रमुख कारण माने गए हैं।

क्या नींद, खर्राटे, स्लीप एपनिया की मात्रा स्ट्रोक के उच्च जोखिम से होती है जुड़ी

जी हाँ, नींद, खर्राटे, स्लीप एपनिया आदि समस्याएं स्ट्रोक के उच्च जोखिम से जुड़ी होती हैं। स्ट्रोक एक जानलेवा मानसिक और शारीरिक समस्या है जो अक्सर ब्लड वेसल की ब्लॉकेज के कारण होती है जो अपनी बारीक शाखाओं के माध्यम से अपने शरीर के अंगों तक खून नहीं पहुंचने देती है।

अधिकतर स्ट्रोक उम्रदराजी लोगों में होते हैं, लेकिन ये नये जन्मे बच्चों और युवा लोगों में भी हो सकते हैं। नींद, खर्राटे और स्लीप एपनिया इस बीमारी से पीड़ित लोगों में अधिकतर देखा जाता है।

नींद की कमी या अधिक नींद लेना, खर्राटे लेना या स्लीप एपनिया के साथ जीवन जीने वाले लोगों को स्ट्रोक के जोखिम से जुड़े संकेत दिख सकते हैं। इन सभी समस्याओं के साथ संबंधित समस्याएं खराब शरीरी तौर पर ब्लड वेसल तंग हो सकते हैं, जो स्ट्रोक का खतरा बढ़ाते हैं। इसलिए, स्ट्रोक के जोखिम से बचने के लिए समय पर उपचार लेना और संतुलित जीवन जीना बेहद जरुरी है।

नींद की कमी से होता है स्ट्रोक (Stroke Due To Lack Of Sleep)

हाँ, नींद की कमी से स्ट्रोक का जोखिम बढ़ता है। नींद की कमी से अधिक तनाव होता है जो शरीर के ब्लड वेसलों को तंग करता है और उनमें खून का दबाव बढ़ाता है। इससे शरीर की रक्त प्रवाह रुक जाती है और ब्लड क्लॉटिंग का जोखिम बढ़ जाता है, जो स्ट्रोक के लिए एक अहम कारक होता है।

नींद की कमी वाले लोगों में हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, स्वस्थ नींद की अवधि बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है।

नींद की समस्या से ग्रस्त लोगों को इस समस्या से निपटने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करने की आवश्यकता होती है, जैसे कि नियमित व्यायाम करना, समय पर सोना, स्वस्थ आहार खाना और तनाव को कम करने के तरीकों का अनुसरण करना। इसके अलावा, नींद की समस्याओं के लिए चिकित्सा सलाह भी ली जा सकती है।

क्या खर्राटे आने के कारण होता है स्ट्रोक (Does snoring cause stroke?)

खर्राटे के कारण सीधी तौर पर स्ट्रोक नहीं होता है, लेकिन यह एक उपाधि का कारण बन सकते हैं। खर्राटे का मुख्य कारण अधिक वजन, उच्च रक्तचाप और अल्कोहल की सेवा होती है। यदि आप इन समस्याओं से पीड़ित हैं, तो आपको खर्राटे का सामना करना पड़ सकता है।

जब खर्राटे होते हैं, तो हमारे फेफड़ों में ज्यादा दबाव होता है जो शरीर के ब्लड वेसलों को तंग करता है और उनमें खून का दबाव बढ़ाता है। इससे शरीर की रक्त प्रवाह रुक जाती है और ब्लड क्लॉटिंग का जोखिम बढ़ जाता है, जो स्ट्रोक के लिए एक अहम कारक होता है। इसलिए, अधिक वजन, उच्च रक्तचाप और अल्कोहल की सेवा करने से आपके खर्राटे का सामना करना पड़ सकता है, जो आपको स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है।

इसलिए, आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना और उपरोक्त समस्याओं को संभवतः समाधान करना चाहिए, जिससे स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम कम होगा।

क्या स्लीप एपनिया बनता है स्ट्रोक का कारण (Does sleep apnea cause stroke?)

हां, स्लीप एपनिया के कारण स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है। स्लीप एपनिया एक निद्रा संबंधी विकार है जो रात में उच्च ध्वनि से खर्राटे लेने और नींद में ठीक से सांस न लेने के कारण होता है। इस स्थिति में, शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है जो शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाती है।

यह नुकसान शरीर के रक्त प्रवाह में असंतुलितता पैदा कर सकते हैं, जो शरीर के खून के वाहक स्थानों में खून क्लॉट या रक्त स्राव की बढ़ती हुई गति के कारण रुकावट पैदा कर सकते हैं। इस स्थिति के कारण, यह स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाता है।

स्लीप एपनिया के साथ संबंधित अन्य समस्याएं जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह और वजन की बढ़ती हुई मात्रा भी स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। इसलिए, स्लीप एपनिया जैसे समस्याओं का ठीक से संभाल रखना और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है।

स्ट्रोक के उच्च जोखिम से बचने के उपाय (Ways to avoid high risk of stroke)

स्ट्रोक के उच्च जोखिम से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

स्वस्थ खान-पान:

स्वस्थ खान-पान एक स्वस्थ जीवन शैली का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अपने आहार में फल, सब्जियां, अनाज और पौष्टिक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए और अपनी दैनिक आहार में तेजी से वजन बढ़ाने वाले आहार को कम करना चाहिए।

नियमित शारीरिक गतिविधियाँ:

अपने शारीर को सक्रिय रखने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधियों को शामिल करना चाहिए। यह आपके दिल, फेफड़ों, और सिर्फ मस्तिष्क के लिए भी बहुत लाभदायक होता है।

स्वस्थ मनोवृत्ति:

स्ट्रोक का जोखिम बढ़ाने वाली अन्य फिजिकल समस्याओं के साथ-साथ मानसिक संतुलन को भी बचाएं। नियमित मेडिटेशन, योग या शांति प्रदान करने वाली गतिविधियों से स्ट्रेस कम करने का प्रयास करें।

अल्कोहल और धूम्रपान का नियमित सेवन न करें:

अल्कोहल और धूम्रपान का नियमित सेवन स्ट्रोक के जोखिम का कारण बनता है। अत्यधिक मात्रा में शराब और ध्रूमपान का सेवन स्ट्रोक के जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है।

Preeti Mishra

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