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Phosphorus Deficiency: आपके शरीर को चाहिए फास्फोरस – जानिए क्या हैं वार्निंग संकेत
Phosphorus Deficiency Symptoms: फास्फोरस हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूत करता है। हमारे शरीर में 80 फीसदी फॉस्फोरस हमारे स्केल्टन यानी कंकाल की संरचना बनाता है, और कंकाल का निर्माण फॉस्फोरस का एक आवश्यक कार्य है। फास्फोरस की कमी से अक्सर हड्डियों की कमजोरी हो जाती है।
Phosphorus Deficiency Symptoms Causes: आपने हड्डियों को मजबूत बनाने में कैल्शियम की भूमिका के बारे में बहुत सुना होगा, लेकिन शायद हड्डियों की हेल्थ में फास्फोरस के योगदान के बारे में नहीं सुना होगा। लेकिन ये जान लीजिये कि शरीर में 85 फीसदी फास्फोरस आपकी हड्डियों और दांतों में पाया जाता है। फास्फोरस एक आवश्यक खनिज है जो हमारे शरीर में ट्रेस यानी बहुत कम मात्रा में मौजूद होता है लेकिन यह कई महत्वपूर्ण कार्य करता है।
फॉस्फोरस की जरूरत क्यों?
फास्फोरस हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूत करता है। हमारे शरीर में 80 फीसदी फॉस्फोरस हमारे स्केल्टन यानी कंकाल की संरचना बनाता है, और कंकाल का निर्माण फॉस्फोरस का एक आवश्यक कार्य है। फास्फोरस की कमी से अक्सर हड्डियों की कमजोरी हो जाती है। मान लीजिए किसी में फास्फोरस की भारी कमी है तो उसका स्केल्टन अपेक्षाकृत कम अवधि में अपने सभी खनिजों को खो देगा, जिससे मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी का भी अनुभव होगा। लंबे समय से चली आ रही फॉस्फोरस की कमी से अक्सर ऑस्टियोपोरोसिस हो जाता है, जो हड्डियों को भुरभुरा कर देता है। इस स्थिति में हड्डियाँ ज़रा से धक्के से टूट जाती हैं।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस अधिक आम है। 50 वर्ष से अधिक आयु की प्रत्येक 5 में से 1 महिला इससे प्रभावित होती है। इस स्थिति वाले बहुत से लोग इसके बारे में तब तक अनजान होते हैं जब तक कि उन्हें फ्रैक्चर या चोट का अनुभव नहीं होता है। इस स्थिति को डेवलप होने से बचने के लिए रेगुलर व्यायाम जरूरी है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि अपने आहार में फास्फोरस का सेवन बढ़ाने से ऑस्टियोपोरोसिस को पलटा जा सकता है और हड्डियों की मजबूती को बहाल किया जा सकता है। कैल्शियम, विटामिन डी और फास्फोरस जैसे पोषक तत्वों का एक संयुक्त प्रयास हड्डियों को बहुत जरूरी ताकत प्रदान कर सकता है।
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सेल्स में फास्फोरस की भूमिका
शरीर के लगभग सभी प्राथमिक कार्यों में फास्फोरस की भूमिका होती है। अध्ययनों से पता चला है कि फास्फोरस कोशिका झिल्ली, डीएनए, आरएनए और प्रोटीन के लिए आवश्यक है। फास्फोरस भोजन से ऊर्जा प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण है। हमारा शरीर भोजन को ग्लूकोज में तोड़ता है, जो आगे एडेनोसिन डाइफॉस्फेट में टूट जाता है, फिर फास्फोरस इसे एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट में बदल देता है।
फास्फोरस मिलेगा कहाँ से
हमारे शरीर के कामकाज को सही से चलाने के लिए, एक औसत वयस्क को अपने दैनिक आहार में लगभग 700 मिलीग्राम फॉस्फोरस की आवश्यकता होती है। दूध, पनीर और दही फास्फोरस के बेहतरीन स्रोत हैं। मांस में भी काफी मात्रा में फास्फोरस होता है। अन्य स्रोतों में दाल, राजमा, आलू, दलिया, मटर, ब्राउन राइस, काजू, तिल, शतावरी, सेब और टमाटर शामिल हैं। बता दें कि पशु स्रोतों से प्राप्त फास्फोरस मं पौधों की तुलना में अधिक अवशोषण दर होती है।
फास्फोरस कमी के लक्षण
- शरीर के वजन में परिवर्तन
- चिड़चिड़ापन
- कब्ज
- एंग्जायटी
- भूख कम लगना
थकान
- कमजोर हड्डियाँ
- जोड़ों में अकड़न
- अनियमित श्वास