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Health News: वजन घटाने वालों सावधान! आर्टीफीशियल स्वीटनर से खतरा

Health News: वजन घटाने के लोग तरह तरह के जतन करते हैं और ज्यादातर जतन इंटरनेट, यूट्यूब या कहे सुने नुस्खों पर आधारित होते हैं। ऐसा ही एक नुस्खा है शक्कर का उपयोग छोड़ कर उसके सब्स्टीट्यूट का इस्तेमाल करना।

Neel Mani Lal
Published on: 16 May 2023 6:03 AM IST
Health News: वजन घटाने वालों सावधान! आर्टीफीशियल स्वीटनर से खतरा
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वजन घटाने वालों सावधान! आर्टीफीशियल स्वीटनर से खतरा: Photo- Social Media

Health News: वजन घटाने के लोग तरह तरह के जतन करते हैं और ज्यादातर जतन इंटरनेट, यूट्यूब या कहे सुने नुस्खों पर आधारित होते हैं। ऐसा ही एक नुस्खा है शक्कर का उपयोग छोड़ कर उसके सब्स्टीट्यूट का इस्तेमाल करना। लेकिन शक्कर के सब्स्टीट्यूट के इस्तेमाल से कोई फायदा नहीं होता बल्कि सेहत को नुकसान तक पहुंच सकता है।

डब्लूएचओ की नई गाइडलाइन

विश्व स्वास्थ्य संगठन की नई गाइडलाइंस के अनुसार, यदि आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो चीनी के विकल्प का उपयोग न करें। डब्लूएचओ ने कहा है कि उपलब्ध साक्ष्यों की समीक्षा से पता चलता है कि गैर-चीनी स्वीटनर्स के उपयोग से "वयस्कों या बच्चों में शरीर की चर्बी कम करने में कोई दीर्घकालिक लाभ नहीं मिलता है।" सीधे शब्दों में कहें तो आर्टीफीशियल स्वीटनर्स से चर्बी नहीं घटती है।

गंभीर नुकसान का खतरा

समीक्षा से यह भी संकेत मिलता है कि लंबे समय तक चीनी के विकल्प के उपयोग से खराब प्रभाव हो सकते हैं जैसे कि टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

डब्ल्यूएचओ के निदेशक फ्रांसेस्को ब्रांका ने कहा है कि - शक्कर की जगह नॉन शुगर स्वीटनर्स लेने से लंबी अवधि में वजन नियंत्रण में मदद नहीं मिलती है। लोगों को कृत्रिम शक्कर सेवन को कम करने के अन्य तरीकों पर विचार करने की आवश्यकता है, जैसे कि प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले शक्कर वाले भोजन का सेवन करना, जैसे फल या बिना पका हुआ भोजन आदि। उन्होंने कहा कि नॉन शुगर स्वीटनर्स किसी तरह के आवश्यक आहार नहीं हैं और इसका कोई पोषण मूल्य नहीं है। लोगों को अच्छे स्वास्थ्य के लिए कम उम्र से ही भोजन में मिठास को पूरी तरह से कम करना चाहिए। डब्लूएचओ ने कहा है कि इसकी सिफारिश पहले से डायबिटिक लोगों को छोड़कर सभी लोगों पर लागू होती है।

स्टीविया का इस्तेमाल

बहुत से लोग शक्कर की जगह स्टीविया उत्पादों को अधिक "प्राकृतिक" मानते हैं, क्योंकि वे स्टीविया के पौधे से प्राप्त होते हैं। अमेरिका स्थित क्लीवलैंड क्लिनिक के शोधकर्ताओं द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि एरिथ्रिटोल ब्लड क्लोटिंग, स्ट्रोक, दिल का दौरा और असमय मौत से जुड़ा हुआ है। एरिथ्रिटोल एक तरह का एंजाइम है जो आर्टिफीशियल मिठास में उपयोग किया जातस है। यह बल्क या स्वीटन स्टेविया, मोनक्फ्रूट और केटो में प्रयोग किया जाता है। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों में पहले से डायबिटीज या हृदय रोग का जोखिम था और उनके रक्त में एरिथ्रिटोल का उच्चतम स्तर है तो उन लोगों को दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की संभावना दोगुनी थी।

Neel Mani Lal

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