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Health News: बात साइकोलॉजी की – मैनीक्योर का सम्बन्ध है पॉजिटिव इमोशन और रिलैक्सेशन से

Health News: शोध से पता चला कि जिन व्यक्तियों ने सैलून मैनीक्योरिस्ट से नाखून देखभाल सेवाएं प्राप्त कीं, उन्होंने उन लोगों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण पॉजिटिव भावनाओं और अधिक रिलैक्स महसूस करने की सूचना दी बनिस्बत उनके जिन्होंने स्वयं अपने नाखून की देखभाल की थी।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 5 Nov 2023 4:48 PM IST
Talk about psychology – Manicure is related to positive emotions and relaxation
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बात साइकोलॉजी की – मैनीक्योर का सम्बन्ध है पॉजिटिव इमोशन और रिलैक्सेशन से: Photo- Social Media

Health News: आपकी गर्लफ्रेंड या बीवी अगर अपने नाखूनों की कायदे से देखभाल करती है और इसके लिए सैलून में टाइम लगाती है तो इसे अच्छा संकेत मानिये और ख़ुशी मनाइए क्योंकि एक नई रिसर्च से पता चला है कि नाखून की देखभाल यानी मैनीक्योर चाहे सैलून में कराया जाये या घर पर, महिलाओं में पॉजिटिव इमोशन और आराम की भावना को बढ़ावा दे सकती है। पार्लर या सैलून में मैनीक्योर कराते वक्त जो व्यक्तिगत साझेदारी की गहरी भावना बनती है वह भी इन मनोवैज्ञानिक स्थितियों को प्रभावित करती है।

यह अध्ययन "फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी" में प्रकाशित हुआ है।

इंसान लंबे समय से अपनी सुन्दरता और उपस्थिति को निखारने के तरीके खोज रहा है और सौंदर्य उद्योग ने इस इच्छा का जम कर लाभ उठाया है। सौंदर्य की इस खोज में मेकअप एक प्रमुख स्थान रहा है और इस पर ढेरों रिसर्च भी हुईं हैं। लेकिन नाखून की देखभाल के बारे में कम ही सोचा गया है। आकर्षण और मनोवैज्ञानिक बेहतरी पर मेकअप के असर का बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया है, लेकिन मैनीक्योर पर बहुत कम ध्यान दिया गया है।


क्यों हुई ये रिसर्च?

नाखूनों की देखभाल और उसका मनोवैज्ञानिक असर पता करने की रिसर्च में शोधकर्ता यह समझना चाहते थे कि इस ब्यूटी रूटीन का लोगों की भावनाओं, रिलैक्स की फीलिंग और समग्र कल्याण पर क्या प्रभाव पड़ता है। जापान के सैतामा गाकुएन विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन लेखक अत्सुशी कावाकुबो के अनुसार - स्व-देखभाल प्रथाओं के अंतर्संबंध और मानसिक कल्याण पर उनके प्रभाव पर बढ़ते शोध के कारण मुझे इस विषय में दिलचस्पी हो गई। सैलून में नाखून की देखभाल जैसी सरल चीज़ क्या मनोवैज्ञानिक प्रभाव डाल सकती है मैंने यह पता अकरने की कोशिश की है। मैं इस अनजान क्षेत्र की संभावनाओं का पता लगाना चाहता था।

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नाखूनों की देखभाल के मनोवैज्ञानिक प्रभावों को जानने के लिए शोधकर्ताओं ने विभिन्न आयु समूहों और क्षेत्रों की जापानी महिलाओं को शामिल करते हुए एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया। अध्ययन में ऐसी जापानी महिलाओं ने भाग लिया, जिनकी उम्र 20 से लेकर 40 के बीच थी। सर्वे में प्रतिभागियों से कई तरह के सवालात पूछे गए थे।

Photo- Social Media

क्या निकला रिसर्च में?

-रिसर्च के निष्कर्षों में निकल कर आया कि मेकअप की तरह नाखून की देखभाल का भी व्यक्तियों पर सकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव होता है। प्रतिभागियों ने नाखून देखभाल सेशन के दौरान सकारात्मक भावनाओं, शांति और जीवंतता में वृद्धि का अनुभव करने की सूचना दी। इससे पता चलता है कि मेकअप के प्रभाव के समान, नाखून की देखभाल बेहतर भावनात्मक कल्याण और रिलेक्सेशन में योगदान कर सकती है।

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-शोध से पता चला कि जिन व्यक्तियों ने सैलून मैनीक्योरिस्ट से नाखून देखभाल सेवाएं प्राप्त कीं, उन्होंने उन लोगों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण पॉजिटिव भावनाओं और अधिक रिलैक्स महसूस करने की सूचना दी बनिस्बत उनके जिन्होंने स्वयं अपने नाखून की देखभाल की थी। इससे पता चलता है कि नाखून देखभाल के लिए सैलून जाने के अलग ही लाभ हैं क्योंकि सैलून का अनुभव का किसी व्यक्ति के मूड और रिलैक्स होने पर अधिक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

-सैलून में नाखून देखभाल करवाने के दौरान छिटपुट बातचीत की गहराई मनोवैज्ञानिक स्थिति को प्रभावित करती पाई गई। सतही बातचीत जिसमें शौक और दैनिक जीवन के बारे में चर्चा शामिल है, पॉजिटिव भावनाओं, रिलैक्सेशन और ऊर्जा में वृद्धि के साथ सकारात्मक रूप से जुड़ा हुआ था। हालाँकि, गहन बातचीत विशेष रूप से नकारात्मक व्यक्तित्व लक्षणों और कठिनाइयों के संबंध में, कुछ मनोवैज्ञानिक परिणामों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा देखा गया इससे पता चलता है कि नाखून की देखभाल के दौरान अपने बारे में बातचीत की प्रभावशीलता इसकी गहराई और सामग्री पर निर्भर करती है।

-प्रोफ़ेसर कावाकुबो के अनुसार - शोध से पता चलता है कि सैलून में नाखून देखभाल कराने और वहां इस दौरान हल्कीफुल्की बातचीत से लोगों की मनोवैज्ञानिक स्थिति में पॉजिटिव वृद्धि मिल सकती है।



Shashi kant gautam

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