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यह सिर्फ सब्जी नहीं,नैचुरल एंटीबायोटिक है,जो हर बीमारी के इलाज में है मददगार
जयपुर:मशरूम की गिनती शाही व स्वादिष्ट सब्जी में की जाती है। मशरूम काफी लोकप्रिय सब्जी है, जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी की पसंदीदा है। इसमें और सब्जियों की तुलना में अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। मशरूम में लाइसिन नामक अमीनो अम्ल अधिक मात्रा में होता है, जबकि गेहूं, चावल आदि अनाजों में इसकी मात्रा बहुत कम होती है। यह अमीनो अम्ल मानव के सन्तुलित भोजन के लिए आवश्यक होता है। मशरूम में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट हमें फ्री रेडिकल्स से बचाता है। यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है
यह ब्लड प्रैशर जैसी बीमारी को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। जो लोग इस बीमारी से परेशान हैं, उन्हें मशरूम का सेवन अवश्य करना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट की पर्याप्त मात्रा होने के कारण यह कब्ज, अपचन, अति अम्लीयता सहित पेट के विभिन्न विकारों को दूर करता है, साथ ही शरीर में कोलेस्ट्रॉल एवं शर्करा के अवशोषण को कम करता है।
मशरूम वह सब कुछ देगा, जो डायबिटीज रोगी को चाहिए। इसमें विटामिन, मिनरल और फाइबर होता है। इसमें फैट, कार्बोहाइड्रेट और शुगर भी नहीं होती, जो डायबिटीज रोगी के लिए जानलेवा है। यह शरीर में इन्सुलिन का निर्माण करता है।
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इसमें लीन प्रोटीन होता है, जो वजन घटाने में बड़ा कारगर होता है। मोटापा कम करने वालों को प्रोटीन डाइट पर रहने को बोला जाता है, जिसमें मशरूम खाना अच्छा माना जाता है।
इसमें सोडियम सॉल्ट नहीं पाया जाता, जिस कारण मोटापे, गुर्दे तथा हृदयघात रोगियों के लिए आदर्श आहार है। हृदय रोगियों के लिए कोलेस्ट्रॉल, वसा एवं सोडियम सॉल्ट सबसे अधिक हानिकारक पदार्थ होते हैं।
मशरूम में लौह तत्व यूं तो कम मात्रा में पाया जाता है, लेकिन मौजूद होने के कारण रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाये रखता है। इसमें बहुमूल्य फॉलिक एसिड की उपलब्धता होती है, जो केवल मांसाहारी खाद्य पदार्थों से प्राप्त होता है। लौह तत्व एवं फॉलिक एसिड के कारण यह रक्त की कमी की शिकार अधिकांश ग्रामीण महिलाओं एवं बच्चों के लिए सर्वोत्तम आहार है।