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हर रोज करते हैं योग तो जानिए उसके लिए मैट की क्या है जरूरत

जिस आसन पर हम योग का अभ्यास करते है उसे योग मैट कहा जाता है। बाजार में कई प्रकार के योग मैट मौजूद हैं, ऐसे में हर किसी को कनफ्यूज़न रहता है की उन्हें किस तरह के मैट का इस्तेमाल करना चाहिए।

suman
Published on: 8 May 2019 3:52 PM IST
हर रोज करते हैं योग तो जानिए उसके लिए मैट की क्या है जरूरत
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जयपुर : आज के समय में हर कोई योग के महत्व समझता है । बहुत से लोग योग के बारे में इन्टरनेट के जरिये जानकारी हासिल कर योगा करते है। जब भी आपने किसी योग आसन को करने की विधि देखी होगी, तो पहली लाइन यही पढ़ी होगी की किसी समतल जगह का चुनाव कर उस पर आसन बिछा ले। जिस आसन पर हम योग का अभ्यास करते है उसे योग मैट कहा जाता है। बाजार में कई प्रकार के योग मैट मौजूद हैं, ऐसे में हर किसी को कनफ्यूज़न रहता है की उन्हें किस तरह के मैट का इस्तेमाल करना चाहिए।

योग सैंकड़ो साल पुराने समय से किया जा रहा है। योगियों ने इसे पानी, पत्थर, लकड़ी, चट्टानों और हर महौल और जगह इसे किया है। लेकिन अब योग को एक नई परिभाषा मिली है, और यदि लोग इसके चलते योग करने को प्रेरित होते हैं तो इसमें कोई बुरी बात भी नहीं। तो जरूरत के हिसाब से मैट का इस्तेमाल करना सही भी है। लेकिन किस तरह के मैट का इस्तेमाल करें? जो लोग योग करने की शुरुआत कर रहे हैं वे मैट का इस्तेमाल कर सकते हैं। लिखित और मौखिक योग परंपरा बताती हैं कि पुराने योगी भी घास या जानवरों की खाल से हाथ से बनाए मैट्स का इस्तेमाल किया करते थे।

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आप सिंथेटिक मेट या हाथ से बुने मैट का इस्तेमाल कर सकते हैं। मैट, गद्दी का काम करता है, सपोर्ट देता है और अन्य बाधक कारकों को रोकता है। कई लोगों को ज़मीन पर योग के दौरान उनकी हथेलियों, घुटने, कोहनी, और कशेरुकाओं दबाने पर दर्द और असुविधा होती है। इन लोगों के लिये मैट सहायक होता है। विन्यास फ्लो, जैसे कुछ आसनों को सीधे फ्लोर पर नहीं किया जाता है। क्योंकि इससे कलाइयों पर ज्यादा जोर पड़ता है। वहीं तड़ासन और वृक्षासन, दाढो मुख श्वनासन और कुम्भ्कासन जैसे आसनों को करने के लिये मैट की जरूरत पड़ती है।

मैट एक गद्दी का काम करता है जो न केवल आसनों को करने में सपोर्ट देता है बल्कि कई बार चोट लगने से भी बचाता है। कुछ लोगो को ज़मीन पर योग करने के दौरान उनकी हथेलियों, घुटने, कोहनी आदि को दबाने पर दर्द और असुविधा होती है। ऐसे लोगो के लिए मेट बहुत सहायक है।कुछ आसनों को सीधे फ्लोर पर बिलकुल नहीं किया जाता है। क्योंकि इससे कलाइयों पर ज्यादा जोर पड़ता है।



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