सैनिटाइजर है खतरनाक: सूंघकर न करें असली-नकली की पहचान, जा सकती है जान

कोविड काल में सैनिटाइजर का चलन काफी बढ़ गया है। घरों, कर्यालयों में तो लोग बाहर से आने पर हाथ सैनिटाइज कर ही रहे हैं। साथ ही, इसकी बोतल भी साथ लेकर चलने लगे हैं। 

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Published on: 29 July 2020 1:38 PM GMT
सैनिटाइजर है खतरनाक: सूंघकर न करें असली-नकली की पहचान, जा सकती है जान
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नई दिल्ली: संक्रमण से बचने के लिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल कभी-कभी खतरनाक हो सकता है। कोरोना वायरस के दौर में पैसे कमाने के लिए कुछ कंपनियां लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं। कंपनियों ने नकली और खतरनाक सैनिटाइजर मार्केट में उतार दिए गए हैं। सही जानकारी न होने पर लोग धड़ल्ले से इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे कोरोना व अन्य बैक्टीरिया तो मर ही नहीं रहे हैं, लेकिन मिथेनॉल की मिलावट होने से लोगों की जान पर खतरा जरूर बन गया है। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में औषधि विभाग की कार्रवाई में यह बात सामने आई है। तीन कंपनियों का सैनिटाइजर जब्त कर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।

नकली सैनिटाइजर बाज़ार में

कोविड काल में सैनिटाइजर का चलन काफी बढ़ गया है। घरों, कर्यालयों में तो लोग बाहर से आने पर हाथ सैनिटाइज कर ही रहे हैं। साथ ही, इसकी बोतल भी साथ लेकर चलने लगे हैं। बाजार में इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए कुछ कंपनियों ने पैसे कमाने के लिए नकली सैनिटाइजर बनाकर बेचने शुरू कर दिए हैं। औषधि प्रशासन विभाग की तरफ से लिए गए नमूनों की जांच में यह बात सामने आई है।

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औषधि निरीक्षक उमेश भारती ने बताया कि विभाग ने झांसी के विभिन्न क्षेत्रों से सैनिटाइजर के नमूने लेकर लैब में भेजे थे, इनमें से कुछ की रिपोर्ट आ गई है। न्यू रोड और सीपरी बाजार से एकत्र किए गए तीन कंपनियों के सैनिटाइजर नकली मिले हैं।

इनका माल जब्त कर लिया गया है। इसके अलावा एक कंपनी के सैनिटाइजर में तो मिथेनॉल तक पाया गया है, जो कि प्रतिबंधित है। औषधि निरीक्षक ने बताया कि तीनों ही कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया चल रही है। 12 और सैंपलों की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

नकली और असली में ऐसे करें फर्क

लोगों को सैनिटाइजर की खरीदारी करते समय नकली और असली का विषेश ध्यान देने की जरूरत है। केंद्र और राज्य सरकार ने सिर्फ आइसोप्रोफाइल एल्कोहल या एथेनॉल युक्त सैनिटाइजर को ही मंजूरी दी है।

ऐसे में लोग इनके मिश्रण वाले सैनिटाइजर का ही इस्तेमाल करें। वहीं, कई कंपनियां प्रोपेनॉल समेत दूसरी तरह की चीजें डालकर सैनिटाइजर बना रही हैं। इसके अलावा कुछ में एल्कोहल का प्रतिशत कम है। ये सब सैनिटाइजर बेअसर हैं। इसलिए कभी भी सैनिटाइजर की बोतल खरीदने से पहले उसपर लिखे पदार्थों के मिश्रण की जानकारी को अच्छे से पढ़ लें।

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मेथेनॉल वाला हैंड सैनिटाइजर इसलिए खतरनाक

स्वास्थ्य एजेंसियों के मुताबिक मेथेनॉल एल्कोहल का एक ऐसा रूप है, जो बहुत जहरीला होता है। मेथेनॉल का इस्तेमाल आमतौर पर रेसिंग गाड़ियों के ईंधन में और एंटीफ्रीज के तौर पर किया जाता है।

मेथेनॉल इतना खतरनाक हो सकता है कि इसे त्वचा पर लगाने से यह सीधे स्किन के अंदर चला जाता है और गंभीर मामलों में जानलेवा भी हो सकता है। मेथेनॉल युक्त सैनिटाइजर को हाथों पर लगाने से जहरीला प्रभाव फैल सकता है। यहां तक कि ऐसा एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर सूंघना भी खतरनाक हो सकता है।

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