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डॉक्टरों नर्सों व स्वास्थ्यकर्मियों को बड़ी राहत, अब बख्शे नहीं जाएंगे ऐसे लोग
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि हर किसी को मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंस) का पालन करना अधिक महत्वपूर्ण है। घर पर बनाए जा रहे मास्कों की तकनीकी रूप से जांच की जा रही है। जल्द ही उचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
नई दिल्लीः दिल्ली सरकार ने जिलाधिकारियों, नगर निगमों और पुलिस को महामारी रोग अधिनियम के तहत एक आदेश जारी किया है, जिसमें उन मामलों को देखा जा रहा है जिनमें मकान मालिक, डॉक्टर और नर्सों को किराये के मकान खाली करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
भारत में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस की। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने डॉक्टरों, नर्सों व स्वास्थ्यकर्मियों की लगातार आ रही शिकायतों पर यह बात कही।
निजामुद्दीन क्षेत्र को लेकर लव अग्रवाल ने कहा कि यह बात हमें समझनी चाहिए कि यह गलती खोजने का समय नहीं है। इस वक्त उठाए गए त्वरित कदमों की सराहना की जानी चाहिए। उनका इशारा कोरोना संक्रमित, कोरोना पीड़ित और उनके संपर्क में आए लोगों को क्वारंटाइन किये जाने की ओर था।
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संयुक्त सचिव ने कहा कि हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम जिन क्षेत्रों में कोई मामला पाते हैं, उसमें हमारी नियंत्रण प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जाए।
मास्क नहीं ये है बचाव का तरीका
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि हर किसी को मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंस) का पालन करना अधिक महत्वपूर्ण है। घर पर बनाए जा रहे मास्कों की तकनीकी रूप से जांच की जा रही है। जल्द ही उचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
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विदेश मंत्रालय ने देश में रसद वस्तुओं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए दक्षिण कोरिया, तुर्की और वियतनाम के सप्लायर्स की पहचान की है। डीआरडीओ लोकल मैनुफैक्चर्रस के साथ मिलकर एन 95 मास्क की सप्लाई और बढ़ाने के भी प्रयास कर रहा है।
इस बीच आईसीएमआर के आर. गंगाखेडकर ने बताया कि अब तक 42,788 नमूनों का परीक्षण किया गया है, जिनमें 4,346 नमूनों का कल परीक्षण किया गया था। 123 प्रयोगशालाओं को कार्यात्मक बनाया गया है। 49 निजी प्रयोगशालाओं को अनुमति दी गई है। कल निजी प्रयोगशालाओं में 399 रोगियों का परीक्षण किया गया।