×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बच्चा कर रहा ऐसी शिकायत तो हो जाएं सावधान, खतरे में पड़ सकती है जिंदगी

विटामिन डी की कमी पूरा करने के लिए इमरजेंसी में सप्लीमेंट दे सकते हैं मगर उससे अच्छा है कि बच्चों की डाइट बेहतर करें। सबसे अधिक जरूरी धूप है। कम से कम 45 मिनट उसे रोजाना सुबह की धूप दें। धूप में ही सुबह होम वर्क कराएं और उसे खेलने दें।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 9 Dec 2020 8:35 AM IST
बच्चा कर रहा ऐसी शिकायत तो हो जाएं सावधान, खतरे में पड़ सकती है जिंदगी
X
आपका बच्चा कर रहा ऐसी शिकायत तो हो जाएं सावधान, होने वाला है गंभीर बीमारियों का शिकार

लखनऊ बच्चे सारा दिन शारीरिक और मानसिक रूप से इतने एक्टिव और व्यस्त रहते हैं कि जाहिर है वो थक जाएंगे। कई बार सुबह स्कूल जाते समय वो ठीक से खाते-पीते भी नहीं। स्कूल में भी लंच बॉक्स का खाना खाते हैं और आधा छोड़ देते हैं। प्रॉपर न्यूट्रिशन ना मिलने से भी बच्चों को थकान समस्या हो जाती है। हालांकि, थकान कभी-कभार महसूस तो कोई परेशानी नहीं, लेकिन बच्चा बार-बार थकान महसूस होने की शिकायत करे, तो यह उनकी सेहत के लिए सही नहीं है

आपका बच्चा दिखने में स्वस्थ है, मगर उसे नींद नहीं आती है, चिड़चिड़ा है, और थोड़ी सी एक्टिविटी में थक जाता है, रात में थकान की शिकायत करता है। पैरों में मालिश के बाद सोता है तो सतर्क होने की जरूरत है। ये बच्चे के शरीर में विटामिन डी की मात्रा बेहद कम होने के संकेत हैं जो आगे चलकर बीमारियों के संकेत दे सकते हैं।

लक्षण ...

थकान एक प्रकार का लक्षण है जो किसी खास कारणों से होता है। इसे किसी बीमारी या डिसॉर्डर में शामिल नहीं किया जा सकता। अपनी दिनचर्या, उठना-बैठना, खाने-पीने पर ध्यान न देना थकान की अहम वजह है। पर बच्चों को हर दिन ऐसा महसूस होने लगे, तो फिर इसे नजरअंदाज करना उचित नहीं। यदि इसे समय रहते दूर नहीं किया जाएगा, तो लो फील होगा और इंसुलिन लेवल भी कम होता जाएगा

30 फीसदी बच्चे दिखने में सामान्य मगर विटामिन डी की बेहद कमी वाले मिले हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में हुए एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों पर हुए रिसर्च में दो तरह के बच्चों को शामिल किया गया है। एक तो ऐसे बच्चे जो दिखने में सामान्य थे।

यह पढ़ें....हेलीकाॅप्टर से माॅडल का न्यूड वीडियो बनाता था पुलिस वाला, अब हुआ ये हाल

child2e

विटामिन डी की कमी

दूसरे ऐसे बच्चे जो दिखने में कुपोषित और अति कुपोषित श्रेणी के थे। यह बच्चे किसी गम्भीर बीमारी की वजह से हैलट में भर्ती कराए गए थे। उन पर डॉक्टरो ने रिसर्च किया है। शोधकर्ता डॉक्टरों के गाइड प्रो. एके आर्या का कहना है कि बच्चों में विटामिन डी की मात्रा बेहद कमी मिल रही है।

हड्डिया कमजोर..

50 फीसदी भी विटामिन डी नहीं मिल रहा है। बच्चा दिखने में स्वस्थ है मगर उसकी हडिडयां भुरभुरी हो रही हैं। विटामिन डी की कमी से बच्चों को कई तरह की बीमारियां घेरती हैं। भर्ती होने वाले या ओपीडी में आने वाले बच्चों की जांच की जाती है तो यह कमी दिख जाती है। यही बच्चे अति गम्भीर होकर भर्ती होते हैं। विटामिन डी की कमी पूरा होते ही बच्चे ठीक हो जाते हैं।

child

यह पढ़ें...9 दिसंबर राशिफल: इन राशियों पर बरसेगी गजानन की कृपा, जानें पंचांग, करें ये उपाय

ऐसा था रिसर्च का रिजल्ट

120 बच्चे शामिल किए। 0-5 साल के बच्चे रिसर्च में लिए गए, 03 साल तक बच्चों की मॉनीटरिंग, 60 बच्चे दिखने में सामान्य स्वस्थ थे, 60 बच्चे कुपोषित और अति कुपोषित थे

30 फीसदी सामान्य दिखने वाले बच्चों में विटामिन डी की मात्रा बेहद कम, विटामिन डी की मात्रा 70 फीसदी कुपोषित बच्चों में सामान्य से बेहद न्यूनतम स्तर पर मिली, 90 फीसदी अति कुपोषित यानी सीवियर एक्यूट मेलन्यूट्रीशन यानी सैम बच्चों में कम थी विटामिन डी।

child1

बीमारियों को दस्तक

इसकी कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता शून्य हो सकती है। बच्चों का विकास रुक सकता है। निमोनिया, डायरिया, कार्डियोमायोपैथी, बार बार फ्रैक्चर, अनिद्रा, स्किन बीमारी, साइनस इंसफेक्शन, मेनेनजाइटिस और ब्लड डिसआर्डर सम्बंधी बीमारी।

यह पढ़ें...हस्तरेखा : जिनकी होती है ऐसी हथेली, उनकी नहीं रहती कभी तिजोरी खाली

ऐसे करें बच्चों का विकास

रिसर्च में यह बात सामने आई है कि बच्चों को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं मिली। विटामिन डी की कमी पूरा करने के लिए इमरजेंसी में सप्लीमेंट दे सकते हैं मगर उससे अच्छा है कि बच्चों की डाइट बेहतर करें। सबसे अधिक जरूरी धूप है। कम से कम 45 मिनट उसे रोजाना सुबह की धूप दें। धूप में ही सुबह होम वर्क कराएं और उसे खेलने दें।



\
Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story