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सावधान: वैक्सीन तो आ गयी है, लेकिन ये लापरवाही पड़ेगी बहुत भारी
कोरोना की वैक्सीन लगना शुरू होने के बाद भी सजगता और एहतियात पूरी शिद्दत से बरतने होंगे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैक्सीन संक्रमण से नहीं बचायेगी बल्कि संक्रमण के बाद होने वाली गंभीर बीमारी से बचायेगी।
लखनऊ: फाइजर की कोरोना वैक्सीन अब लोगों को लगाई जाने लगी है। मॉडर्ना की वैक्सीन को मंजूरी मिल गयी है और इसका भी रोलआउट शुरू होने वाला है। ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन भी तैयार है। इन सभी वैक्सीनों ने ह्यूमन ट्रायल के दौरान कोरोना की गंभीर बीमारी के प्रति अच्छा बचाव दिखाया है। भारत में वैक्सीन लगानी के अभियान की तैयारियां चल रहीं हैं और उम्मीद की जा रही है कि जनवरी में टीकाकरण शुरू हो जाएगा। सरकार ने टीकाकरण से सम्बंधित आम सवालों के जवाब भी जारी कर दिए हैं। ये अच्छी खबरें हैं लेकिन कोरोना वायरस का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। ये बात हम सबको ध्यान में रखनी है।
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वैक्सीन संक्रमण से नहीं बचायेगी बल्कि संक्रमण के बाद होने वाली गंभीर बीमारी से बचायेगी
कोरोना की वैक्सीन लगना शुरू होने के बाद भी सजगता और एहतियात पूरी शिद्दत से बरतने होंगे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैक्सीन संक्रमण से नहीं बचायेगी बल्कि संक्रमण के बाद होने वाली गंभीर बीमारी से बचायेगी। इसलिए सभी को संक्रमित होने से बचने की जरूरत है। बहुत से लोग ये सोचते हैं कि एक बार कोरोना की वैक्सीन लग जाने के बाद उनको मास्क लगाने की जरूरत नहीं रहेगी। लेकिन ऐसे लोगों को ये गंभीरता से जान लेना चाहिए कि उनको वैक्सीन लेने के बाद भी मास्क पहनना होगा क्योंकि वे वैक्सीन के बाद भी संक्रमण फैला सकते हैं।
कोरोना वायरस वैक्सीनों ने साबित कर दिया है
कोरोना वायरस वैक्सीनों ने साबित कर दिया है कि वे गंभीर बीमारी से बचाव करते हैं लेकिन नाक में पनपते वायरस के खिलाफ ये कितनी असरदार हैं इसकी कोई गारंटी नहीं है। कोरोना बीमारी का सबसे गंभीर लक्षण फेफड़ों में आता है और फेफड़े ही शरीर में सर्कुलेट होती एंटीबॉडी को नाक या गले की अपेक्षा सबसे आसानी से हासिल कर पाते हैं। यानी अगर किसी ने वैक्सीन लगवाई है तो भी वो कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है। फर्क ये रहेगा कि ऐसा व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ेगा। लेकिन वायरस नाक-गले में पनपेंगे जरूर। वैक्सीन लगे ऐसे लोग जिनमें किसी तरह के लक्षण नहीं होने के बावजूद भारी वायरल लोड है वे लोग सबसे बड़े संवाहक हो सकते हैं क्योंकि ऐसे लोग सुरक्षा के एक झूठे भरोसे में हो जाते हैं।
corona (PC: social media)
वायरस का म्यूटेशन
किसी भी अन्य वायरस की तरह कोरोना वायरस भी लगातार म्यूटेट होता जा रहा है। म्यूटेशन का मतलब है कि वायरस की जेनेटिक संरचना बदलती रहती है। लेकिन वायरस म्यूटेट हो कर कभी ज्यादा घातक भी बन जाता है या ज्यादा संक्रामक हो जाता है। यूरोप में वायरस के नए स्ट्रेन से लोगों के गंभीर रूप से बीमार पड़ने की घटनाएं हो रहीं हैं। इसलिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।
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क्या करें
- घर से बाहर कदम रखें तो मास्क अवश्य लगायें।
- जहाँ भी आप काम करते हैं वहां मास्क लगा कर ही रहें।
- मास्क सही तरह से पहनें, नाक और मुंच पूरी तरह से कवर रहना चाहिए।
- भीड़ में जाने से बचें। यदि मजबूरी हो तो मास्क जरूर लगायें।
- कोई भी ऐसी सतह जिसे सार्वजानिक तौर पर छुआ जाता है उसे नहीं छुएं।
- दरवाजों के हैंडल, लिफ्ट के बटन, रेलिंग, आदि कोई भी सावर्जनिक सतह को छोने के बाद हाथ साबुन से धोएं।
- किसी से भी बात करें तो कम से कम 6 फुट की दूरी बना कर रखें।