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जानें ये जरूरी बात: सोते वक्त इन नियमों का करें पालन, नहीं होगा तनाव

पृथ्वी में चुम्बकीय शक्ति होती है। इसमें दक्षिण से उत्तर की ओर लगातार चुंबकीय धारा प्रवाहित होती रहती है। जब हम दक्षिण की ओर सिर करके सोते हैं, तो यह ऊर्जा हमारे सिर ओर से प्रवेश करती है और पैरों की ओर से बाहर निकल जाती है।

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Published on: 22 Aug 2020 5:52 PM IST
जानें ये जरूरी बात: सोते वक्त इन नियमों का करें पालन, नहीं होगा तनाव
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सोशल मीडिया से सांकेतिक फोटो

लखनऊ: शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार, योग-ध्यान के साथ-साथ नियमित दिनचर्या बहुत जरूरी है। इस नियमित दिनचर्या में सही वक्त पर नींद लेना भी शामिल है। सोने के लिए सही तरीकों को लेकर शास्त्रों में इस बारे में बताया गया है। एक स्वस्थ मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए 24 घंटे में कम से कम आठ घंटे की नींद लेनी आवश्यक है।

यहां हम आपको बताते हैं कि शास्त्रों के हिसाब से सोने का सही तरीका-

दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोयें

दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोना बेहतर माना गया है। ऐसी स्थिंति में स्वाभाविक तौर पर पैर उत्तर दिशा में रहेगा। शास्त्रों के साथ-साथ प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, सेहत के लिहाज से इस तरह सोने का निर्देश दिया गया है। यह मान्यता भी वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है।

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उत्तर की ओर करें पैर

दरअसल, पृथ्वी में चुम्बकीय शक्ति होती है। इसमें दक्षिण से उत्तर की ओर लगातार चुंबकीय धारा प्रवाहित होती रहती है। जब हम दक्षिण की ओर सिर करके सोते हैं, तो यह ऊर्जा हमारे सिर ओर से प्रवेश करती है और पैरों की ओर से बाहर निकल जाती है। ऐसे में सुबह जगने पर लोगों को ताजगी और स्फूर्ति महसूस होती है।

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यहां जानें जरूरी बात: सोते वक्त इन नियमों का करें पालन, नहीं होगा तनाव

दक्षिण की ओर पैर करके सोने से मानसिक तनाव बढ़ता है

इसके विपरीत, दक्षिण की ओर पैर करके सोने पर चुम्बकीय धारा पैरों से प्रवेश करेगी है और सिर तक पहुंचेगी। इस चुंबकीय ऊर्जा से मानसिक तनाव बढ़ता है और सवेरे जगने पर मन भारी-भारी रहता है।

सनातन धर्म में सूर्य को जीवनदाता माना गया है

दूसरी स्थि्ति यह हो सकती है कि सिर पूरब और पैर पश्चिम दिशा की ओर रखा जाए। कुछ मान्यताओं के अनुसार इस स्थि‍ति को बेहतर बताया गया है। दरअसल, सूरज पूरब की ओर से निकलता है। सनातन धर्म में सूर्य को जीवनदाता और देवता माना गया है। ऐसे में सूर्य के निकलने की दिशा में पैर करना उचित नहीं माना जा सकता। इस वजह से पूरब की ओर सिर रखा जा सकता है।

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सोने के समय इन बातों का रखें ध्यान

>शास्त्रों में संध्या के वक्त, खासकर गोधूलि बेला में सोने की मनाही है।

>सोने से करीब 2 घंटे पहले ही भोजन कर लेना चाहिए। सोने से ठीक पहले कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए।

>अगर बहुत जरूरी काम न हो तो रात में देर तक नहीं जागना चाहिए।

>जहां तक संभव हो, सोने से पहले चित्त शांत रखने की कोशि‍श करनी चाहिए।

>सोने से पहले प्रभु का स्मरण करना चाहिए और इस अनमोल जीवन के लिए उनके प्रति आभार जताना चाहिए।



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