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कोरोना से छुटकाराः ये सस्ती दवा मार गिराएगी वायरस को
कोरोना संक्रमित हुए और मेटफॉर्मिन दवा ले रहे थे उनमें मौत की दर, यह दवा नहीं लेने वाले डायबिटीज के मरीजों की तुलना में कम रही है। यह दवाई न लेने वाले 22 लोगों की मौत हुई वहीं दवाई लेने वाले सिर्फ तीन मरीजों की।
दुनिया भर के वैज्ञानिक जब कोरोना वायरस खत्म करने की दवा या वैक्सीन तलाशने में जुटे हैं। ऐसे में मधुमेह के रोगियों को दी जाने वाली एक साधारण सी दवा मेटफॉर्मिन उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है। चीन-अमेरिका में डायबिटिक कोविड मरीजों को दी गई इस दवा की डोज के बेहतर नतीजे सामने आए हैं। मेटफार्मिन की एक गोली की कीमत डेढ़ रुपये मात्र है।
जबकि केजीएमयू के क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट डॉ. वेद प्रकाश कहना है कि मधुमेह के रोगियों में कोरोना वायरस अधिक जानलेवा बन रहा है। लिहाजा, मरीज की हालत पर काबू पाने के लिए ब्लड शुगर का कंट्रोल करना आवश्यक होता है। आमतौर पर कोविड-डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन पर ले लिया जाता है।
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मेटफार्मिन कोरोना पीड़ित शुगर मरीजों के लिए उम्मीद किरण बन गई है क्योंकि एक शोध में इस दवा का सेवन करने वाले मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है। चीन के वुहान व अमेरिका के मिन्नेसोटा यूनिवर्सिटी की स्टडी में करीब छह हजार मरीजों पर इसका अध्ययन किया गया। इससे डायबिटीज के मरीज की कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की दर में गिरावट पाई गई।
मेरठ में हो रहा प्रयोग
इस बीच बड़ी खबर यह है कि मेरठ में मरीजों की मृत्युदर अधिक होने से डायबिटीज-कोविड मरीजों को मेटफॉर्मिन भी साथ में देकर असर का आकलन करने का निर्देश दिया गया है। इसकी डोज 500 एमजी से 1000 एमजी तक हर रोज तय की गई है।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में सिर की जुएं मारने वाली दवा आइवरमेक्टिन को लेकर भी इस तरह की खबरें आई थीं लेकिन यह थ्योरी सक्सेसफुल नहीं पाई गई।
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वुहान के डॉक्टरों ने एक शोध में कहा था कि डायबिटीज से पीड़ित जो लोग कोरोना संक्रमित हुए और मेटफॉर्मिन दवा ले रहे थे उनमें मौत की दर, यह दवा नहीं लेने वाले डायबिटीज के मरीजों की तुलना में कम रही है। यह दवाई न लेने वाले 22 लोगों की मौत हुई वहीं दवाई लेने वाले सिर्फ तीन मरीजों की।
शोध का अध्ययन कर दवा को भारत में भी कोविड 19 प्रोटोकॉल में शामिल किया जा सकता है। इसके बाद भर्ती डायबिटीज-कोविड मरीजों को ये दवा देकर उसके असर का आकलन किया जाएगा।