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Health Insurance: हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान, वरना उठाना पड़ सकता है नुकसान
Health Insurance: अब हर कोई हेल्थ इंश्योरेंस खरीदता हैं। जिसके बाद बीमा कंपनी सर्जिकल खर्च, देखभाल के खर्च और गंभीर बीमारी के खर्च जैसे आदि खर्चों में आर्थिक मदद प्रदान करती है। लेकिन अक्सर लोग हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते वक्त कुछ ऐसी गलतियां कर देते जिसके कारण उन्हें पॉलिसी का पूरा लाभ नहीं मिलता है।
Health Insurance Price in India: आज के समय में जिस तरीके से लोगों की लाइफस्टाइल खराब हो रही है। उसी तरीके से लोगों में बीमारियां बढ़ रही हैं। जिसके चलते अब हर कोई हेल्थ इंश्योरेंस खरीद रहा है। जिसमें बीमा कंपनी सर्जिकल खर्च, देखभाल के खर्च और गंभीर बीमारी के खर्च जैसे आदि खर्चों में आर्थिक मदद प्रदान करती है। लेकिन अक्सर लोग हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते वक्त कुछ ऐसी गलतियां कर देते जिसके कारण उन्हें पॉलिसी का पूरा लाभ नहीं मिलता है। इसी क्रम में हम आपको उन बातों के बारे में बता रहे है, जिसका ध्यान आपको पॉलिसी खरीदते वक्त जरूर रखना चाहिए।
क्लेम सेटलमेंट को करें चेक
कई बार बीमा पॉलिसी क्लेम सेटलमेंट सही वक्त पर नहीं करती है। जिससे ग्राहक को बीमा खरीदने का लाभ समय पर नहीं मिल पाता है। ऐसे में आप जब भी कोई बीमा पॉलिसी खरीदें, तो सबसे पहले उसके क्लेम सेटलमेंट के बारे में सही से जानकारी प्राप्त करें। ऐसा करने से आपको बीमा क्लेम जल्दी मिल जाएगा और कोई समस्या भी नहीं होगी।
वेटिंग पीरियड का रखें ख्याल
कुछ बीमा कंपनियां अपने ग्राहकों को लंबा वेटिंग पीरियड देती है। जिसके चलते ग्राहकों को बहुत टाइम तक इंश्योरेंस कवर का लाभ नहीं मिलता है। ऐसे में ग्राहक बीमा पॉलिसी कराते वक्त पॉलिसी वेटिंग पीरियड पर जरूर ध्यान दें। इसके साथ ही कम वेटिंग पीरियड वाले हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव करें।
पॉलिसी की शर्तें सही से पढ़ें
कई बार लोग पॉलिसी खरीदते वक्त टर्म और कंडीशन को ना तो सही तरीके से पढ़ते हैं और ना समझते हैं। ऐसे में पॉलिसी क्लेम करते वक्त उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए आप जब भी हेल्थ इंश्योरेंस खरीदें, पॉलिसी के टर्म-कंडीशन सही से जरूर पढ़ें। पॉलिसी में क्या-क्या कवर होगा ये ठीक से समझ लें। इस दौरान हॉस्पिटल के ऑपरेशन के साथ-साथ रूम चार्जेस, मेडिसिन आदि के चार्ज को ध्यान से पढ़ें।
अपनी मेडिकल हिस्ट्री न छुपाएं
हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त आप अपनी सारी मेडिकल हिस्ट्री की सही-सही जानकारी बीमा कंपनी को बताएं। दरअसल अगर आपने कोई बात छुपाई या कोई गलत जानकारी दी, तो स्वास्थ्य बीमा कंपनी आपको क्लेम देने से मना कर सकती है। ऐसे में आपको इलाज के दौरान दिक्कतों को सामना करना पड़ सकता है।
को-पे को चुनना पड़ेगा भारी
अक्सर लोग प्रीमियम के थोड़े से पैसे बचाने के लिए को-पे की सुविधा ले लेते हैं। इसमें क्लेम की स्थिति में पॉलिसी धारक को खर्चों का 10 फीसदी भुगतान करना होता है। बता दें को-पे को चुनने से प्रीमियम में कम डिस्काउंट मिलता है। आपकी जेब भी खाली हो जाती है।
अस्पतालों का नेटवर्क
किसी भी हेल्थ प्लान में निवेश करने से पहले सुनिश्चित करें कि आप हमेशा उसी प्लान के लिए जाएं, जो आपके क्षेत्र में अधिकतम नेटवर्क अस्पताल प्रदान करता है अन्यथा आपका निवेश आपात स्थिति के समय में आपके काम में नहीं आएगा।