×

हेपेटाइटिस में कोरोनाः जानलेवा है ये दुर्योग, बचाव में ही है समझदारी

पूरी दुनिया में आज वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जा रहा है। इस साल की थीम है हेपेटाइटिस मुक्त भविष्य। लिवर की बीमारी हेपेटाइटिस से दुनिया भर में हर साल करीब 13 लाख मौतें हो रही हैं।

Newstrack
Published on: 28 July 2020 9:26 AM GMT
हेपेटाइटिस में कोरोनाः जानलेवा है ये दुर्योग, बचाव में ही है समझदारी
X

लखनऊ: पूरी दुनिया में आज वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जा रहा है। इस साल की थीम है हेपेटाइटिस मुक्त भविष्य। लिवर की बीमारी हेपेटाइटिस से दुनिया भर में हर साल करीब 13 लाख मौतें हो रही हैं। मानसून के नमी वाले वातावरण में अन्य संक्रामक रोगों की तरह ही हेपेटाइटिस के संक्रमण के खतरें भी बढ़ जाते है। इधर, देश में कोरोना संक्रमण भी अपने चरम पर है, ऐसे में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि हेपेटाइटिस संक्रमण से जूझ रहे लोगों के लिए कोरोना का खतरा ज्यादा गंभीर हो सकता है। अमेरिका की स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फार डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेशन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि हेपेटाइटिस से जूझ रहे लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

ये भी पढ़ें:अब ये नेता योगी को दे रहीं सलाहः कहा सुधारें कानून व्यवस्था, लिखा पत्र

क्या होता है हेपेटाइटिस

दूषित भोजन व पानी या अन्य किसी संक्रमित चीज के उपयोग से शरीर में पहुंचे वायरस के कारण लिवर में सूजन आ जाती है, जिसको हेपेटाइटिस कहते है। हेपेटाइटस वायरस 05 तरह का होता है, जिन्हे ए, बी, सी डी और ई के तौर पर जाना जाता हैं। हेपेटाइटिस ए वायरस दूषित भोजन और पानी से शरीर में फैलता है। ऐसे मामलों में लिवर में सूजन, भूख न लगना, बुखार, उल्टी व जोड़ों में दर्द रहता है, हेपेटाइटि बी वायरस संक्रमित रक्त, सुई या असुरक्षित यौन संबंध के जरिए फैलता है। लिवर पर असर होने से रोगी को उल्टी, थकान, पेटदर्द, त्वचा का रंग पीला होने जैसी दिक्कतें होती हैं। हेपेटाइटिस ए व बी की तुलना में हेपेटाइटिस सी वायरस ज्यादा खतरनाक होता है। शरीर पर टैटू गुदवाने, दूषित रक्त चढ़वाने, संक्रमित सुई के प्रयोग या दूसरे के शेविंग किट के इस्तेमाल से यह फैलता है। इसके लक्षण देर से दिखाई देते हैं।

हेपेटाइटिस बी व सी के मरीजों में हेपेटाइटिस डी के संक्रमण की ज्यादा आशंका होती है। यह भी दूषित रक्त चढ़वाने, संक्रमित सुई के प्रयोग या दूसरे के शेविंग किट के इस्तेमाल से यह फैलता है। इस संक्रमण से उल्टी और हल्का बुखार आता है। हेपेटाइटिस ई वायरस दूषित खानपान से फैलता है। इससे प्रभावित होने पर मरीज को थकान, वजन घटने, त्वचा पर पीलापन और हल्का बुखार आता है। हालांकि, भारत में इसके मामले कम है। इसका संक्रमण होने पर मरीज को थकान, वजन घटने, स्किन पीली दिखना और बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं। इन सभी हेपेटाइटिस संक्रमणों में से बी व सी सबसे खतरनाक माने जाते है। इनसे लिवर सिरोसिस और कैंसर जैसी बीमारी हो जाती है और अगर जल्द ही इसका इलाज न किया जाए तो लिवर पूरी तरह से खराब हो सकता है।

बचाव के लिए इन बातो का ध्यान रखें

हेपेटाइटिस से बचने के लिए ठेले-खोमचों पर मिलने वाली दूषित खाने की दुकानों पर न खाये, अधिक गर्म, तेल और मसाले वाले फूड, रिफाइंड आटा, डिब्बाबंद फूड, अल्कोहल वाले प्रोडक्ट लेने से बचें। केक, पेस्ट्रीज और चॉकलेट सीमित मात्रा में लें। खाने में हरी सब्जियां, पपीता, खीरा, सलाद, नारियल पानी, टमाटर, अंगूर, मूली, ब्राउन राइस किशमिश, बादाम को अपने दैनिक भोजन में शामिल करें। इसके अलावा हेपेटाइटिस संक्रमित व्यक्ति की चीजों का इस्तेमाल न करे और असुरक्षित शारीरिक संबंध न बनाए।

ये भी पढ़ें:मंत्री ने दी बिजली पानी काटने की धमकीः अस्पताल नहीं दे रहा था बेड, ये है मामला

लक्षण और इलाज

हेपेटाइटिस वायरस के संक्रमण के लक्षण जैसे त्वचा में पीलापन, जी मचलाना, यूरिन पीला होना, हल्का बुखार के दिखने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाये और उसकी सलाह पर लिवर फंक्शन टैस्ट, पेट का अल्ट्रासाउंड और लिवर बायोप्सी की जांच कराएं। कुछ कॉमन लक्षण जैसे लिवर का आकार बढ़ने, को देखकर लिवर फंक्शन टैस्ट, पेट का अल्ट्रासाउंड और लिवर बायोप्सी कराने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर हेपेटाइटिस-बी की जांच के साथ इसका टीका लगवाने की सलाह दी जाती है। प्रसव के बाद नवजात शिशु को भी इसका टीका जरूर लगवाएं।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story