×

किडनी डिजीज के मरीज दिन में खुद को रखें व्यस्त, रात को करें आराम

डॉ अनीता सक्सेना के मुताबिक, सोते समय स्लीप हाइजीन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग स्लीप हाइजीन का ध्यान नहीं रखते हैं उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

Newstrack
Published on: 21 March 2021 3:08 PM GMT
किडनी डिजीज के मरीज दिन में खुद को रखें व्यस्त, रात को करें आराम
X
रीनल डिजीज के मरीजों का स्लीप पैटर्न खराब हो जाता है, यह दिन में सोना पसंद करते हैं और रात में जागना पसंद करते हैं।

Anita Saxena

डॉ अनीता सक्सेना

लखनऊ: रीनल डिजीज के मरीजों का स्लीप पैटर्न खराब हो जाता है, यह दिन में सोना पसंद करते हैं और रात में जागना पसंद करते हैं। यह कहना है एसजीपीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग की डॉ अनीता सक्सेना का। उन्होंने बताया कि प्रकृति ने दिन और रात का निर्माण पृथ्वी पर निवास करने वाले विभिन्न जीव धारियों के जीवन विकास तथा उनमें संतुलन बनाए रखने के लिए किया है। इसी के तहत मनुष्य के लिए दिन में परिश्रम तथा रात में सोने की व्यवस्था पर बल दिया जाता है, क्योंकि शरीर का विकास तथा स्वस्थ जीवन इसी व्यवस्था पर निर्भर करता है।

उन्होंने बताया कि दिन के समय परिश्रम करने के बाद रात में शरीर को आराम देकर रिजनरेट किया जाता है। शरीर के सेल रात के समय में रिवाइव होते हैं, या यूं कहें कि सेल्स का रिजनरेशन होता है। किडनी की गंभीर बीमारी झेल रहे मरीजों को तो विशेष तौर पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह दिन के समय काम करें और रात के समय आराम। उन्होंने कहा कि सोने का बहुत बड़ा महत्व है। नींद दिमाग को शांत करती है आपके पूरे दिन की थकान मिटाती है। इतना ही नहीं शरीर को यह रिजनरेट करती है।

स्लीप हाइजीन का रखें ध्यान

डॉ अनीता सक्सेना के मुताबिक, सोते समय स्लीप हाइजीन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग स्लीप हाइजीन का ध्यान नहीं रखते हैं उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि जब व्यक्ति सोता है तो उसका सब कॉन्शस माइंड (अवचेतन मन) एक्टिव हो जाता है, इसी वजह से लोगों को सपने आते हैं, जो लोग कुछ ऐसा काम किए होते हैं, जो उचित नहीं होता या फिर वह किसी परेशानी में होते हैं, तो उनका ब्लड प्रेशर, यानी कि रक्तचाप बढ़ जाता है।

ये भी पढ़ें...Morning Walk बेहद जरूरीः 30 मिनट में होगा जादू, दिखने लगेंगे इतने फायदे

Health News

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे बहुत सारे लोग जब सुबह उठते हैं तो उनका ब्लड प्रेशर काफी बढ़ा हुआ होता है, जबकि दिन के समय ब्लड प्रेशर का स्तर सुबह के मुकाबले कम होता है यह दिक्कत सब कॉन्शस माइंड की हो सकती है। इन समस्याओं से बचने के लिए स्लीप हाइजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, जिसमें प्रमुख रुप से सोने से पहले कुछ तैयारियां करनी होती हैं।

उन्होंने बताया कि जब आप सोने जा रहे हों तो उससे करीब आधे घंटे पहले टीवी नहीं देखनी चाहिए, क्योंकि टीवी की मैग्नेटिक रेंज आपके दिमाग पर असर डालती हैं, उससे परेशानी और बढ़ सकती है। इसलिए टीवी से दूर रहें और हो सके तो सोने जाने से पहले (सामान्य लोग) दूध का सेवन जरूर करें, दूध पीने से अच्छी नींद आती है। उन्होंने बताया कि सोने से पहले भोजन का समय भी निर्धारित होना चाहिए, कम से कम 3 घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए, उसके बाद ही सोने जाना चाहिए। जिससे जो आपने खा रखा है, वह पेट में ना पड़ा रहे, खाना डाइजेस्ट हो जाए उसके बाद ही सोने की तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सोते समय शरीर का मेटाबोलिक रेट स्लो हो जाता है।

ये भी पढ़ें...जानें क्या है Down Syndrome Day, हर 830 बच्चों में एक डाउन सिंड्रोम से ग्रसित

किडनी के मरीजों की खराब हो जाती है स्लीप साइकिल

किडनी के मरीज की सोने की रिदम खराब हो जाती है या यूं कहें कि उनकी स्लीप साइकिल डिस्टर्ब हो जाती है। वह रात को सो नहीं पाते हैं, उसके पीछे का एक कारण यह भी है कि उनके शरीर में पानी अगर ज्यादा है, तो उनकी सांस फूलती। उन्होंने इसकी पहचान भी बताईं कि जो किडनी का मरीज सीधा ना लेट पाए या उसे सीधा लेटने में दिक्कत हो, तो समझ लीजिए उसके पेट में पानी ज्यादा है। ऐसे मरीजों को लगातार डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए जिससे उनके पेट में पानी कम रहे तथा उनका ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहे।

उन्होंने कहा कि दिन में सोने तथा रात में जागने की वजह से किडनी रोगियों की समस्या और बढ़ सकती है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि रोगी दिन के समय अपने आपको व्यस्त रखें, किसी एक्टिविटी में शामिल हो, जिससे शाम तक थक जाएं और रात में उन्हें अच्छी नींद आ जाए।

दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story