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अब मुश्किल नहीं रही स्तन कैंसर की पहचान

आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (एआई) के मार्फत स्तन कैंसर को पहचानने की नई तकनीकी का इजाद कर लिया गया है। भारत में होने वाले इस आम कैंसर को एआई और मशीन...

Deepak Raj
Published on: 13 Feb 2020 4:38 PM GMT
अब मुश्किल नहीं रही स्तन कैंसर की पहचान
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योगेश मिश्र

लखनऊ। आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (एआई) के मार्फत स्तन कैंसर को पहचानने की नई तकनीकी का इजाद कर लिया गया है। भारत में होने वाले इस आम कैंसर को एआई और मशीन लर्निंग से पहचाना जा सकेगा। ब्रिटेन और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इसके लिए गूगल के साथ मिलकर एक ऐसा कंप्यूटर एलगॉरिदम तैयार किया है।

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जो स्तन कैंसर के किसी भी ग्रेड को पहचान सकेगा। भले ही उसे डॉक्टर व रेडियोलॉजिस्ट न पहचान पाते हों। इस मशीन का परीक्षण 25,856 अंग्रेज और 3097 अमेरिकी महिलाओं के तकरीबन एक लाख मीमोग्राम डॉटा पर किया गया है। स्तन कैंसर के विश्लेषण से पहले एआई प्रोग्राम को एक्सरे तस्वीरें स्कैन करना बताया जाता है।

9.4 फीसदी ब्रेस्ट कैंसर ट्युमर को डॉक्टर नहीं पहचान पाए

शिकागो के नार्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के एनेस्थेसिआलॉजी विभाग डॉ. मोजियार एतेमादी का कहना है कि आमतौर पर दस में से एक स्तन कैंसर के ट्युमर की पहचान डॉक्टर नहीं कर पाते। जिन 28 हजार से अधिक महिलाओं पर यह परीक्षण किया गय उसमें से 9.4 फीसदी ब्रेस्ट कैंसर ट्युमर को डॉक्टर नहीं पहचान पाए।

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जबकि एआई से जांच के बाद यह आंकड़ा 2.7 फीसदी रह गया। कैंसर के गलत पहचान के मामले घटकर 1.2 फीसदी रह गए। भारत में औसतन 4 मिनट के भीतर एक महिला को स्तर कैंसर की बीमारी पता चलती है। हर 13 मिनट पर इस बीमारी के चलते एक महिला की मौत होती है।

28 में एक महिला को ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा रहता है। 50 फीसदी ब्रेस्ट कैंसर की पहचान स्टेज 3 और 4 में होती है। सालाना 2 लाख इस बीमारी के मरीज सामने आ रहे हैं।

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