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कोरोना वैक्सीन के बारे में सच्चाई जानें, अफवाह न सुनें और न फैलाएं

देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत हो चुकी है। वैक्सीनेशन के बाद कुछ लोगों की मौत को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाह सामने आई है।

Roshni Khan
Published on: 26 Jan 2021 6:33 AM GMT
कोरोना वैक्सीन के बारे में सच्चाई जानें, अफवाह न सुनें और न फैलाएं
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कोरोना वैक्सीन के बारे में सच्चाई जानें, अफवाह न सुनें और न फैलाएं (PC: social media)

नई दिल्ली: केंद्र ने राज्यों से कहा है कि कोरोना वैक्सीन के बारे में भ्रामक बातें फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाये। राज्यों को बताया गया है कि आपदा प्रबंधन कानून और आईपीसी की धाराओं के तहत ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सकती है, जो कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर अफवाह उड़ा रहे हैं।

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सोशल मीडिया पर उड़ रही हैं अफवाहें

देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत हो चुकी है। वैक्सीनेशन के बाद कुछ लोगों की मौत को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाह सामने आई है। इन अफवाहों में लोगों से वैक्सीनेशन न कराने और इससे जानलेवा खतरे जैसी बाते हैं। ये भी उड़ाया जा रहा है कि वैक्सीन से सीरियस साइड इफ़ेक्ट होते हैं, कहीं ये उड़ाया जा रहा है कि वैक्सीन से नपुंसकता हो जाती है वगैरह। ऐसे में लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है साथ ही अफवाहों पर लगाम भी लगाना जरूरी है। सोशल मीडिया पर इसके पहले भी तमाम मसलों पर अफवाहें उड़तीं रहीं हैं। फेसबुक और व्हाट्सअप को सरकार ने सख्ती से कहा भी था कि झूठी जानकारी और अफवाहों को फैलने से रोकें।

बहरहाल, हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अफवाहें न तो सुनें, न उन पर ध्यान दें और न ऐसी चीजों को आगे बढ़ाएं। देश और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है ये सबको ध्यान में रखना होगा।

corona corona (PC: social media)

जागरूक बनें

-वैक्सीन से मौतों की अफवाह उड़ाई गयी है जबकि सच्चाई है कि इन मौतों का टीकाकरण से कोई संबंध नहीं पाया गया है।

-एक अफवाह में दावा किया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन से शरीर में एमआरएनए अणु आएंगे, लोगों के डीएनए को बदल देगा। लेकिन, यह दावा गलत है। इस दावे का कोई आधार नहीं है। पीआईबी की फैक्ट चेक विंग ने इसपर एक फैक्ट चेक किया है, जिसमें दावे को गलत बताया गया है। यह दावा फेक है। कोरोना वायरस वैक्सीन मानव डीएनए को नहीं बदलेगा।

-ये भी अफवाह उड़ाई गयी कि वैक्सीन में चिप है, वैक्सीन में चर्बी मिली हुई है। ये बातें झूठी हैं। सच्चाई ये है कि वैक्सीन के डिब्बों को ट्रैक करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है न कि वैक्सीन में चिप डाली गयी है। रही बात चर्बी की तो ये भी झूठ है। वैक्सीन में किसी तरह की कोई चर्बी नहीं है।

तो सभी वैक्सीनों के साइड इफ़ेक्ट होते हैं

-जहाँ तक साइड इफ़ेक्ट की बात है तो सभी वैक्सीनों के साइड इफ़ेक्ट होते हैं। आमतौर पर कोई भी वैक्सीन लगने के बाद त्वचा का लाल होना, टीके वाली जगह पर सूजन और कुछ वक्त तक इंजेक्शन का दर्द होना आम बात है। कुछ लोगों को वैक्सीन लगने के पहले तीन दिनों में थकान, बुखार और सिरदर्द भी होता है। ये किसी नुकसान या बीमारी का लक्षण नहीं होता बल्कि इसका मतलब होता है कि वैक्सीन अपना काम कर रही है और शरीर ने बीमारी से लड़ने के लिए जरूरी एंटीबॉडी बनाना शुरू कर दिया है। साइड इफ़ेक्ट के बारे में बहुत चिंता करने की बात नहीं है, हाँ अगर कोई पहले से बीमार है या किसी चीज से गंभीर एलर्जी है तो ऐसे में जरूर अपने डाक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए।

किसी ईमेल, मेसेज या लिंक पर भरोसा न करें

-अफवाहों के साथ साथ वैक्सीन के नाम पर ठगी करनेवालों से भी बहुत सावधान रहने की जरूरत है। ठग लोग आपको वैक्सीन के नाम पर लूटने की कोशिश में हैं सो इनसे बच कर रहिये। किसी ईमेल, मेसेज या लिंक पर भरोसा न करें। वैक्सीन का सिर्फ एक ही जरिया है- कोविन ऐप। ये सरकारी ऐप है और इसी के जरिये सब काम हो रहा है। वैसे कुछ नकली और फर्जी ऐप भी चल रहे हैं, उनके चक्कर में कतई न पड़ें।

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प्रधानमंत्री ने की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि भारतीय वैज्ञानिकों ने कोविड-19 का टीका विकसित कर अपना कर्तव्य पूरा किया और अब हमें झूठ तथा अफवाह फैलाने वाले हर नेटवर्क को सही सूचना के जरिए परास्त कर अपना कर्तव्य पूरा करना है।

रिपोर्ट- नीलमणि लाल

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