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रूसी वैक्सीनः कई देशों ने किया रिजेक्ट, इंसानी ट्रायल का ये है सच

कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के लगभग नौ महीने बाद रूस ने दावा किया है कि उसके वैज्ञानिकों ने इस खतरनाक वायरस की वैक्सीन बना ली है।

Newstrack
Published on: 14 Aug 2020 11:56 AM GMT
रूसी वैक्सीनः कई देशों ने किया रिजेक्ट, इंसानी ट्रायल का ये है सच
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रूसी वैक्सीनः कई देशों ने किया रिजेक्ट, इंसानी ट्रायल का ये है सच

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के लगभग नौ महीने बाद रूस ने दावा किया है कि उसके वैज्ञानिकों ने इस खतरनाक वायरस की वैक्सीन बना ली है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन किया गया और उनकी एक बेटी को इसकी खुराक दी गई। पुतिन ने कहा कि ये वैक्सीन अच्छी तरह से काम करती है और कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी प्रदान करती है। रूस के गामालेया इंस्टीट्यूट और रक्षा मंत्रालय की साझेदारी में तैयार की गई इस वैक्सीन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।

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रूसी वैक्सीनः कई देशों ने किया रिजेक्ट, इंसानी ट्रायल का ये है सच

अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने इसे रिजेक्ट कर दिया है बाकी देशों ने भी नपी तुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है. समेत दरअसल, इस वैक्सीन का इंसानी ट्रायल अभी तक पूरा नहीं हुआ है और उससे पहले ही इसे इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीन की प्रक्रिया में तेजी बरतने के लिए रूस को चेताया भी था। अमेरिकी विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची भी तेजी को लेकर चिंता व्यक्त कर चुके हैं।

वैक्सीन को लेकर चिंता क्यों

रूस ने वैक्सीन बनाने की दौड़ में आगे चल रही कंपनियों को पछाड़ते हुए जिस गति से इसे तैयार किया है, उसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हो सकता है कि तय प्रकिया को नजरअंदाज किया गया हो, जिससे लोगों की जान को खतरा हो सकता है। वो इसे लेकर भी चिंतित हैं कि इंसानी ट्रायल में महीनों या सालों का समय लगता है, लेकिन रूस ने दो महीनों में कैसे पूरा कर लिया।

कई देशों ने दिखाई रुचि

रूस के उद्योग और व्यापार मंत्री डेनिस मेंतरूव ने कहा था कि इस साल हर महीने कई हजार खुराक का उत्पादन किया जाएगा। अगले साल हर महीने कई लाख खुराकों का उत्पादन होगा। वहीं रूस के प्रत्यक्ष निवेश फंड के प्रमुख किरिल दिमित्रेव ने कहा कि 20 से ज्यादा देशों ने इस वैक्सीन के उत्पादन में रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि भारत और ब्राजील समेत कई देश इस वैक्सीन को उम्मीद की नजर से देख रहे हैं।

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रूसी वैक्सीनः कई देशों ने किया रिजेक्ट, इंसानी ट्रायल का ये है सच

किसने क्या कहा

- फिलिपीन्स के राष्ट्रपति दुतर्ते ने तो कहा है वैक्सीन का परीक्षण उनपर किया जाए। उन्होंने कहा है कि उनपर सार्वजानिक स्थाप पर जनता के सामने वैक्सीन की खुराक दी जाए। दुतर्ते ने कहा है कि वे इस वैक्सीन के मामले में रूस के साथ हैं।

- जर्मनी के स्वस्थ्य मंत्री जेन्स स्पह्न ने कहा है कि रूस ने वैक्सीन का समुचित परीक्षण नहीं किया है जबकि वैक्सीन की सेफ्टी बहुत बड़ा मुद्दा होता है।

- इजरायल ने कहा है कि वो रूस की वैक्सीन का अध्ययन करेगा और यदि ये एक संजीदा प्रोडक्ट निकला तो वैक्सीन खरीदने के लिए बातचीत शुरू की जायेगी।

- ब्राज़ील और कजाकिस्तान ने रूस के अधिकारीयों से वैक्सीन के बारे में बातचीत की है लेकिन अभी कोई फैसला नहीं किया गया है।

- मेक्सिको ने कहा है वो अभी रूस से और जानकारी पाने का इन्तजार करेगा।

- भारत में एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने रूस की कोरोना वैक्सीन की सुरक्षा और साइड इफेक्ट जांचने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यह भी जांचना होगा कि इस वैक्सीन से इम्युनिटी कितनी बढ़ती है।

- डब्लू एच ओ ने कहा है कि वह रूस की वैक्सीन का सघन परीक्षण और समीखा कारागा उसके बाद ही कुछ पक्के तौर पर कहा जा सकता है।

- अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस की वैक्सीन पर पहले ही शंका जाहिर की थी। ब्रिटन ने तो कहा है कि वह इस वैक्सीन को अपने यहाँ इस्तेमाल नहीं करेगा।

- जॉर्जटाउन यूनवर्सिटी में जन स्वास्थ्य कानून विशेषज्ञ लॉरेंस गॉस्टिन का कहना है, - मुझे चिंता है कि रूस ने कुछ प्रकियाओं को नजरअंदाज किया है। इससे जो वैक्सीन आ रही है वो न तो इच्छित नतीजे देगी और न ही लोगों के लिए सुरक्षित होगी। वैक्सीन ऐसे काम नहीं करती। सबसे पहले ट्रायल पूरे होने चाहिए।"

- अमेरिका के विशेषज्ञ डॉक्टर फाउची भी कह चुके हैं कि बिना पूरे ट्रायल के लाई गई वैक्सीन लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकती है।

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