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Monsoon Season Disease: लखनऊ में हुई जोरदार बारिश से इन बिमारियों का बढ़ सकता है खतरा, रहें सावधान

Monsoon Season Disease: भारी वर्षा के कारण अक्सर विभिन्न क्षेत्रों में जल जमाव हो जाता है, जिससे मच्छरों जैसे रोग फैलाने वाले जीवों के लिए प्रजनन स्थल बन जाता है। रुका हुआ पानी मच्छरों को अंडे देने और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करता है, जिससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों में वृद्धि होती है।

Preeti Mishra
Published on: 2 Aug 2023 5:00 PM IST
Monsoon Season Disease: लखनऊ में हुई जोरदार बारिश से इन बिमारियों का बढ़ सकता है खतरा, रहें सावधान
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Monsoon Season Disease (Image credit: social media)

Monsoon Season Disease: देश के अन्य राज्यों की तरह लखनऊ में भी मानसून ने दस्तक दे दी है। इन दिनों लखनऊ में जोरदार बारिश हो रही है। बरसात का मौसम गर्मी में राहत देने के साथ ही बीमारियों को लेकर गहरी चिंता का भी कारण बन जाता है। भारी वर्षा के कारण अक्सर विभिन्न क्षेत्रों में जल जमाव हो जाता है, जिससे मच्छरों जैसे रोग फैलाने वाले जीवों के लिए प्रजनन स्थल बन जाता है। रुका हुआ पानी मच्छरों को अंडे देने और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करता है, जिससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों में वृद्धि होती है।

साथ ही बरसात के मौसम में त्वचा संक्रमण, फंगल संक्रमण और श्वसन संबंधी बीमारियाँ बढ़ सकती हैं। कुछ रोग वाहक, जैसे कि मच्छर और किलनी, बरसात के मौसम में प्रवास कर सकते हैं और अपने निवास स्थान का विस्तार कर सकते हैं, जिससे कुछ बीमारियों का तेज़ी से प्रसार बढ़ सकता है।

बरसात के मौसम में इन बीमारियों का रहता है खतरा

बरसात के मौसम में रोग पैदा करने वाले जीवों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ होने के कारण कई बीमारियों का खतरा अधिक होता है। कुछ सामान्य बीमारियाँ जो बरसात के मौसम में प्रचलित हैं या बढ़ सकती हैं उनमें शामिल हैं:

मच्छर जनित रोग( Mosquito-Borne Diseases) :

डेंगू (Dengue) : एडीज मच्छरों द्वारा फैलने वाला डेंगू फ्लू जैसे लक्षण पैदा कर सकता है, जिसमें तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द और दाने शामिल हैं। गंभीर मामलों में, इससे डेंगू रक्तस्रावी बुखार या डेंगू शॉक सिंड्रोम हो सकता है, जो जीवन के लिए खतरा हो सकता है।

मलेरिया(Malaria) : प्लास्मोडियम परजीवियों के कारण होता है और एनोफिलिस मच्छरों द्वारा फैलता है, मलेरिया में बार-बार बुखार, ठंड लगना और फ्लू जैसे लक्षण होते हैं। अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो गंभीर मलेरिया घातक हो सकता है।

चिकनगुनिया (Chikungunya): यह वायरल बीमारी एडीज मच्छरों द्वारा फैलती है और डेंगू के समान लक्षण पैदा करती है, जिसमें बुखार, जोड़ों का दर्द, सिरदर्द और दाने शामिल हैं।

जीका वायरस (Zika Virus): एडीज मच्छरों द्वारा भी प्रसारित, जीका वायरस संक्रमण हल्के लक्षण पैदा कर सकता है, लेकिन जन्म दोषों से जुड़े होने के कारण यह गर्भवती महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करता है।

जलजनित रोग (Waterborne Diseases):

हैजा (Cholera): हैजा जीवाणु विब्रियो कॉलेरी के कारण होता है और आमतौर पर दूषित पानी और भोजन से फैलता है। इससे गंभीर दस्त और निर्जलीकरण होता है।

टाइफाइड बुखार (Typhoid Fever) : साल्मोनेला टाइफी जीवाणु के कारण होने वाला टाइफाइड बुखार दूषित पानी और भोजन से फैलता है। इससे तेज बुखार, सिरदर्द, पेट दर्द और अन्य फ्लू जैसे लक्षण होते हैं।

श्वासप्रणाली में संक्रमण (Respiratory Infections) :

सामान्य सर्दी (Common Cold): बारिश के मौसम में घर के अंदर भीड़ बढ़ने और वेंटिलेशन कम होने के कारण सामान्य सर्दी सहित वायरल श्वसन संक्रमण अधिक प्रचलित होते हैं।

इन्फ्लूएंजा ,फ्लू (Influenza, Flu ) : मौसमी फ्लू के वायरस भी ठंडी और नम स्थितियों में पनपते हैं, जिससे इन्फ्लूएंजा संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

पानी से संबंधित संक्रमण (Water-Related Infections) :

लेप्टोस्पायरोसिस( Leptospirosis) : यह जीवाणु संक्रमण दूषित पानी के संपर्क से फैलता है, खासकर बाढ़ के दौरान। इससे तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और लीवर और किडनी को नुकसान सहित गंभीर लक्षण हो सकते हैं।

फंगल संक्रमण (Fungal Infections):

दाद (Ringworm): फंगल संक्रमण, जैसे दाद, गर्म और नम स्थितियों में पनपते हैं। दाद त्वचा, नाखून और खोपड़ी को प्रभावित कर सकता है।

गैस्ट्रोइंटेस्टिनल संक्रमण (Gastrointestinal Infections):

गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Gastroenteritis): वायरल या बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस दूषित भोजन और पानी से फैल सकता है, जिससे दस्त, उल्टी और पेट में दर्द हो सकता है।
उचित स्वच्छता, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना, सुरक्षित और साफ पानी पीना, मच्छर निरोधकों का उपयोग करना और दूषित पानी के संपर्क से बचने जैसे निवारक उपाय बारिश के मौसम में इन बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, बीमारी के प्रकोप के बारे में सूचित रहना और किसी भी लक्षण के लिए तुरंत चिकित्सा सहायता लेना भी इन बीमारियों को रोकने और प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

बरसात के मौसम में बीमारियों से बचने के टिप्स

बरसात का मौसम रोग पैदा करने वाले जीवों के लिए अनुकूल परिस्थितियों के कारण विभिन्न बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है। बरसात के मौसम में बीमार पड़ने से बचने के टिप्स :

हाइड्रेटेड रहें
सुरक्षित भोजन खाएं
व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें
रुके हुए पानी से बचें
मच्छर निरोधकों का उपयोग करें
सुरक्षात्मक कपड़े पहनें
भारी बारिश के दौरान घर के अंदर रहें
रहने की जगहों को साफ रखें
भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें
अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दें
अपने पैरों को सुरक्षित रखें
शीघ्र चिकित्सा सहायता लें
टीका लगवाएं
पीने के पानी को लेकर सतर्क रहें



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Preeti Mishra

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