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Skin Problems in kids: हाईवे किनारे या नजदीक रहने वाला बच्चा उम्र से पहले हो जाएगा बूढ़ा, टेंशन में डाल देगी ये रिसर्च

Skin Problems in kids:हवा में मौजूद जो टॉक्सिक पोल्यूटेंट्स होते हैं वो स्किन में रैशेज, उम्र से जल्दी बुढ़ापा दिखना, एलर्जी आदि की समस्या पैदा करते हैं।

Neel Mani Lal
Published on: 16 Jun 2023 11:21 AM IST
Skin Problems in kids: हाईवे किनारे या नजदीक रहने वाला बच्चा उम्र से पहले हो जाएगा बूढ़ा, टेंशन में डाल देगी ये रिसर्च
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Skin Problems in kids (photo: social media )

Skin Problems in kids: जिस तरह दिन प्रति दिन मौसम बदल रहा है प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता ही जा रहा है। वायु प्रदूषण का न सिर्फ हमारे फेफड़ों पर असर पड़ता है बल्कि इसके कारण स्किन में भी बहुत सारी समस्याएं पैदा हो जाती है। हवा में मौजूद जो टॉक्सिक पोल्यूटेंट्स होते हैं वो स्किन में रैशेज, उम्र से जल्दी बुढ़ापा दिखना, एलर्जी आदि की समस्या पैदा करते हैं। इसी के साथ, आंखों की समस्याएं भी होती हैं। यही नहीं, एक नई रिसर्च में पता चला है कि हाईवे तथा घने ट्रैफिक के पास रहने वाले बच्चों में स्किन की बहुत गंभीर समस्याएं हो जाती हैं।

ऐटोपिक डर्मेटाइटिस का खतरा

एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि बहुत ज्यादा ट्रैफिक से बच्चों में ऐटोपिक डर्मेटाइटिस या एक्जिमा का खतरा बढ़ सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रैफिक की वजह से बच्चों को स्किन से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। रिसर्च में पाया गया कि हाईवे से 1000 मीटर की दूरी पर रहने वाले बच्चों में ऐटोपिक डर्मेटाइटिस का खतरा कम था। वहीं हाईवे से 500 मीटर की दूरी पर रहने वाले बच्चों में इसके होने की संभावना काफी ज्यादा थी।

एटोपिक डर्मेटाइटिस की सूजन, या एक्जिमा, आमतौर पर बच्चों में होती है और एलर्जी रोगों को जन्म दे सकती है, जिसे एटोपिक मार्च भी कहा जाता है। अमेरिका में लगभग 1 करोड़ बच्चों को एटोपिक डर्मेटाइटिस है, और एक तिहाई को मध्यम से गंभीर बीमारी है।

कई तरह की एलर्जी भी मुमकिन

ट्रैफिक से उत्पन्न प्रदूषण के चलते कई तरह की दूसरी एलर्जी भी हो सकती है। इसे एटोपिक मार्च भी कहा जाता है। स्टडी में कहा गया है कि प्रदूषण के चलते 2019 में दुनिया में करीब 90 लाख लोगों की मौत हुई थी। इनमें से 66.7 लाख मौतें वायु प्रदूषण की वजह से हुई।

ऐटोपिक डर्मेटाइटिस के लक्षण

ऐटोपिक डर्मेटाइटिस में स्किन में खुजली, रूखापन और लालिमा के साथ त्‍वचा खुरदुरी हो सकती है। ऐटोपिक एक्‍जिमा पूरे शरीर पर छोटे-छोटे धब्‍बों के रूप में हो सकता है। वयस्‍क और बच्‍चों में हाथों पर या बाजुओं और पैरों के जोड़ों के आसपास, जैसे कोहनी या टखनों के पीछे की खुजली होना। एटॉपिक एक्‍जिमा के शिकार लोगों में रूखी त्‍वचा के धब्‍बे होते हैं, जिनमें खुजली भी होती है।खुजली वाली जगह से खून भी निकल सकता है।

एटोपिक डर्मेटाइटिस वाले बच्चों में त्वचा की सतह से लीकेज होता है और पर्यावरणीय खतरों के संपर्क में आने पर एलर्जी संबंधी भड़काऊ प्रतिक्रिया हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप संभवतः फ़ूड एलर्जी, अस्थमा और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

इलाज का बहुत बड़ा बाजार

ग्लोबल एटोपिक डर्मेटाइटिस ट्रीटमेंट मार्केट का मूल्य 2021 में 5.2 बिलियन डॉलर था और 2029 तक 7.6 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। 2022 और 2029 की पूर्वानुमान अवधि के दौरान 4.8 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है।



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Neel Mani Lal

Neel Mani Lal

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