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स्ट्रेस होगा कम जानवरों के साथ जब बिताएंगे वक्त, रिसर्च में हुआ खुलासा
वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर पेट्रीसिया पेंड्री ने बताया कि उन्होंने रिसर्च में पाया कि इन पालतुओं के साथ महज 10 मिनट रहने से भी हेल्थ में काफी फर्क पड़ सकता है। रिसर्च में जिन स्टूडेंट्स ने कुत्ते और बिल्लियों के साथ समय बिताया उनमें कॉर्टिसोल हार्मोन में कमी पाई गई।यह तनाव पैदा करने वाला एक अहम हार्मोन है।
जयपुर: वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च में पाया है कि पालतू जानवरों के साथ वक्त बिताने से कॉलेज स्टूडेंट्स का स्ट्रेस लेवल कम होता है। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर पेट्रीसिया पेंड्री ने बताया कि उन्होंने रिसर्च में पाया कि इन पालतुओं के साथ महज 10 मिनट रहने से भी हेल्थ में काफी फर्क पड़ सकता है। रिसर्च में जिन स्टूडेंट्स ने कुत्ते और बिल्लियों के साथ समय बिताया उनमें कॉर्टिसोल हार्मोन में कमी पाई गई।यह तनाव पैदा करने वाला एक अहम हार्मोन है।
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यूनिवर्सिटी ने इस शोध के लिए 249 कॉलेज छात्रों को शामिल किया, इसके बाद इन छात्रों को चार ग्रुपों में बांट दिया गया। पहले ग्रुप के स्टूडेंट्स को कुत्ते और बिल्लियों के साथ 10 मिनट का समय बिताने को दिया गया जबकि दूसरे ग्रुप के स्टूडेंट्स को पहले ग्रुप को पेट्स के साथ खेलते हुए देखने को कहा। वहीं, तीसरे ग्रुप को उन पेट्स की फोटो के स्लाइड शोज दिखाए गए और चौथे को सिर्फ इंतजार करने को कहा।
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इसके बाद सभी स्टूडेंट्स के सेलाइवा (लार) के सैंपल लिए गए जिसमें यह पता चला कि जिन छात्रों ने जानवरों के साथ समय बिताया यानी पहले ग्रुप के स्टूडेंट्स की लार में कॉर्टिसोल का स्तर बहुत कम था। प्रोफेसर पेट्रीसिया पेंड्री ने कहा कि इस तरह वक्त बिताने से स्टूडेंट्स के स्ट्रेस हॉर्मोन में कमी होने से उनकी मेंटल हेल्थ को फायदा मिलता है।बता दे, कई यूनिवर्सिटीज ने 'पेट योर स्ट्रेस अवे' प्रोग्राम शुरू किए हैं, जहां आकर स्टूडेंट्स कुत्ते और बिल्लियों के साथ खेल सकते थे।