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काम का ज्ञान: कब और क्यों आता है पैनिक अटैक, ऐसे करें व्यक्ति की मदद
कोरोना काल में पैनिक अटैक के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं जब लोग इन हालातों से घबराकर किसी तरह के भय या पैनिक का शिकार हुए हैं। पहले पैनिक अटैक के बारे में इतना सुनने को नहीं मिलता था जितना कि अब सुनने के मिल रहा है।
जब से कोरोना वायरस ने दुनिया में कोहराम मचाया हैं तब से हम घर के अन्दर बैठे-बैठे कई ऐसी बिमारियों के चपेटे में आ गए हैं, जिसके बारे में आपने काफी सुना होगा। लेकिन जब ये खुद पर बीतने लगती हैं तो आपको समझ नहीं आता क्या किया जाए, या किसे इस बारे में बताया जाए। मौजूदा समय में एक शब्द हर जगह सुनने को मिल रहा है पैनिक अटैक। बच्चों, जवान या बूढ़े सभी को पैनिक अटैक आने की खबरें भी अक्सर कानों में गूंजती रहती हैं। कोरोना काल में तो पैनिक अटैक के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं जब लोग इन हालातों से घबराकर किसी तरह के भय या पैनिक का शिकार हुए हैं। पहले पैनिक अटैक के बारे में इतना सुनने को नहीं मिलता था जितना कि अब सुनने के मिल रहा है। आइए जानते हैं क्या हैं ये और क्यों होता हैं पैनिक अटैक..
क्या होता है पैनिक अटैक
आमतौर पर इसे घबराहट, डर या गुस्से से जोड़ा गया हैं जब एक झटका मानसिक और शारीरक स्थिति को अचानक प्रभावित करता है। यह एक लहर की तरह आता है जिसमें किसी बात या मुद्दे को लेकर तनाव की स्थिति में इंसान का चला जाना ही पैनिक अटैक है। इस स्थिति में आपको खूब गुस्सा आना, रोते ही रहना या अकेले में भाग जाना ऐसे करने का मन करता हैं। एक झटके की तरह आकर दिल और दिमाग पर इसका असर हो जाना पैनिक अटैक है।
इसके लक्षण
इस हालत में आपको कपकपी, घबराहट, पसीना आ सकता हैं या जी मिचलाना हो सकता है। कई बार ज्यादा सोचने ,रोने से सीने में दर्द की शिकायत भी हो सकती है लेकिन इसे हार्ट अटैक की परेशानी से नहीं जोड़ा जा सकता। हालांकि पैनिक अटैक कुछ घंटों में खत्म हो जाता है लेकिन कभी-कभार इसका असर कुछ दिनों तक भी देखने को मिल सकता है। इन दिनों में व्यक्ति अकेला रहना पसंद करता हैं। लोगों से दूर रहने की कोशिश करता है क्योंकि इसका असर मस्तिष्क और शरीर दोनों पर होता है।
क्या करें जब कोई व्यक्ति आपने के सामने इसका शिकार हो रहा हो? अगर आप अपने सामने किसी व्यक्ति को पैनिक अटैक आते हुए देखते हैं, तो इस स्थिति में कुछ उपाय किए जा सकते हैं। पैनिक अटैक आने वाले इंसान को साधारण स्थिति में लाने के लिए कुछ घरेलू और कुछ व्यावहारिक उपाय भी हैं।
ग्रीन टी पिला सकते हैं
पैनिक अटैक में कोशिश करें ग्रीन टी पीने की इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफिनेल दिमाग के तनाव को कम करने में मदद करते हैं।यह दिमाग की कोशिकाओं को भी स्वस्थ करने में मदद करता है। अगर आपके सामने किसी को पैनिक अटैक आता है, तो उस व्यक्ति को आप ग्रीन टी का सेवन कराएं। अगर किसी को पैनिक अटैक आता है, तो उसे दिन में कम से कम दो से तीन कप ग्रीन टी लेनी चाहिए।
बादाम का पेस्ट भी लाभदायक
ग्रीन टी ना हो तो आप बादाम के पेस्ट का सेवन भी कर सकते हैं। कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम बहुतायत में पाया जाता है। पैनिक अटैक वाले इंसान को इसका सेवन कराना चाहिए।
संतरा भी लाभदायक
संतरा न्यूरॉन्स को शांत करने का काम करता है। साथ ही भरपूर मात्रा में विटामिन सी डेटा हैं जिससे पैनिक अटैक में यह खाना स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना जाता है।
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बातचीत से निकलेगा हल
बात चीत से भी इंसान को इस अटैक से निकला जा सकता हैं।आपके सामने अगर किसी को पैनिक अटैक होता है, तो उस इंसान से ऐसे बातें करें जो उनसके अन्दर पोजिटिव चीज़े भरे , जिसे उसे पहले जैसा अच्छा महसूस हो ।
पास बैठे पूछे परेशानी
आपको के आस पास भी कोई इस समस्या से परेशान हो तो उसके पास बैठे उस व्यक्ति के मन की बात जानने का प्रयास करें और उसके दर्द में सहभागी बनने की कोशिश करें। खुद शांत रहें लेकिन पैनिक अटैक आने वाले व्यक्ति को भी शांत करने की पूरी कोशिश करें।
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