TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

सावधान हो जाएं: ये काम पहुंचाएगा जेल, 10 लाख का लगेगा जुर्माना

अगर कोई महिला मां नहीं बन पाती है, तो उसके मां बनने के दूसरे रास्ते भी हैं। आज-कल ऐसा हो गया है कि लोग दूसरी महिला के भ्रूण से प्रजनन का प्रोसेस हो सकता है।

Roshni Khan
Published on: 20 Feb 2020 1:08 PM IST
सावधान हो जाएं: ये काम पहुंचाएगा जेल, 10 लाख का लगेगा जुर्माना
X
सावधान हो जाएं: ये काम पहुंचाएगा जेल, 10 लाख का लगेगा जुर्माना

नई दिल्ली: अगर कोई महिला मां नहीं बन पाती है, तो उसके मां बनने के दूसरे रास्ते भी हैं। आज-कल ऐसा हो गया है कि लोग दूसरी महिला के भ्रूण से प्रजनन का प्रोसेस हो सकता है। लेकिन अब इसी को देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सहायक प्रजनन तकनीक (नियमन) विधेयक को मंजूरी दी, जिसमें महिलाओं के प्रजनन अधिकारों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इस विधेयक में भ्रूण की खरीद फरोख्त करने वालों के खिलाफ भी सजा का प्रावधान किया गया है। जो भी चिकित्सक या गैर पेशेवर लोग ये काम करेंगे, उन पर पहले 10 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। अगर वो ऐसा करते हुए दोबारा पकड़े गए तो 12 साल की सजा दी जाएगी।

ये भी पढ़ें:मोबाईल लवर्स के लिए गुड न्यूज़: Flipkart पर चल रही है Mobile Bonanza की महा सेल

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर एवं स्मृति ईरानी ने बताया कि इस विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा।

शोध उद्देश्यों के लिए होगा डेटा का इस्तेमाल

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाओं के प्रजनन अधिकारों की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री और पंजीकरण प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव किया गया है जो सभी चिकित्सा पेशेवरों एवं इससे जुड़ी तकनीक का उपयोग करने वाले प्रतिनिधियों पर लागू होगा। इसमें एक राष्ट्रीय बोर्ड और राज्य बोर्ड गठन की बात कही गयी है जो कानूनी रूपरेखा को लागू करने में मदद करेगा। इसमें एक सेंट्रल डाटा बेस बनाने की भी बात कही गई है। इस डाटा का उपयोग शोध उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

ये भी पढ़ें:यूपी में सोने का भंड़ार: मची है ‘लूटम-लूट’, मौके पर मौजूद पुलिसफोर्स

इस कानून का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि ये देश में सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी सेवाओं का नियमन करेगा। अत: यह कानून बांझ दंपतियों में सहायक प्रजनन तकनीक (एआरटी) के तहत नैतिक तौर-तरीकों को अपनाए जाने के संबंध में कहीं अधिक भरोसा पैदा करेगा।

दोस्तोंं देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story