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दिल्ली चुनाव में नहीं खड़े हो सकेंगे ये नेता: केजरीवाल हैं वजह, जाने कैसे...
नामांकन से वंचित उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वह समय से निर्वाचन कार्यालय पहुंच गए। लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल के पहुंचने के बाद चुनाव अधिकारी उनका नामांकन भरवाने में लग गए और समय खत्म हो गया।
नई दिल्ली: दिल्ली में होने वाले चुनाव के लिए विधानसभा सीट से नामांकन न कर पाने वाले 11 लोगों ने निर्वाचन अधिकारी व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दोषी ठहराया है। नामांकन से वंचित उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वह समय से निर्वाचन कार्यालय पहुंच गए। लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल के पहुंचने के बाद चुनाव अधिकारी उनका नामांकन भरवाने में लग गए और समय खत्म हो गया। और उनके नामांकन स्वीकार नहीं किये। इस याचिका पर हाईकोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगी।
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को इस याचिका का उल्लेख किया गया जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर सुनवाई के लिए अन्य पीठ के समक्ष भेज दिया। इस याचिका पर मंगलवार को न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ के समक्ष सुनवाई होगी।
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पेश याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता 20 जनवरी की सुबह भरे हुए नामांकन पत्र व जरूरी कागजातों के साथ सही समय पर नामांकन के लिए जाम नगर हाउस पहुंच गए थे। वहां पर प्रतीक्षा कर रहे उम्मीदवारों को निर्वाचन अधिकारी ने टोकन दिए थे और उसके आधार पर बारी-बारी से नामांकन स्वीकार किए जाने थे।
समय के अभाव के कारण सभी उम्मीदवारों के नामांकन जमा नहीं हो सके और निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें अगले दिन बुलाया था। निर्वाचन अधिकारी ने यह भी कहा कि उन लोगों के टोकन अगले दिन भी मान्य रहेंगे।
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याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जब वह अगले दिन निर्वाचन कार्यालय पहुंचे तो उन्होंने देखा कि टोकन के बजाय उम्मीदवारों के नाम एक कागज पर लिख कर रखे गए थे। जब मुख्यमंत्री वहां पहुंचे तो उन्हें आवेदन के लिए अधिकारी सीधे अंदर ले गए। इसके पीछे निर्वाचन अधिकारी की बदनियति व मनमानी थी।
इससे याचिकाकर्ताओं के चुनाव लड़ने के लोकतांत्रिक व संवैधानिक अधिकार का हनन हुआ है। इसलिए उनके नामांकन भरवाने के लिए चुनाव आयोग व मुख्य चुनाव अधिकारी व निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया जाए।