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पुलित्जर पुरस्कार पर विवाद, 132 हस्तियों ने लगाया आतंकवाद को बढ़ाने का आरोप

देश की इन हस्तियों ने पुलित्जर पुरस्कार के संबंध में पुरस्कार बोर्ड और जूरी को एक खुला पत्र भी लिखा है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में देश के 16 विश्वविद्यालयों के उपकुलपति, सेवानिवृत्त सैन्य अफसर, पूर्व वरिष्ठ नौकरशाह, ओलंपियन और पांच पद्मश्री पुरस्कार विजेता भी शामिल हैं।

Shivani Awasthi
Published on: 11 May 2020 4:10 AM GMT
पुलित्जर पुरस्कार पर विवाद, 132 हस्तियों ने लगाया आतंकवाद को बढ़ाने का आरोप
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के तीन फोटो पत्रकारों को पुलित्जर पुरस्कार देने पर विवाद पैदा हो गया है। देश की मशहूर 132 हस्तियों ने इस पुरस्कार पर सवाल खड़ा करते हुए चयनकर्ताओं पर झूठी खबरों और घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। इन हस्तियों ने पुलित्जर पुरस्कार दिए जाने के आधारों पर भी सवाल खड़े किए हैं।

जूरी को लिखा खुला पत्र

देश की इन हस्तियों ने पुलित्जर पुरस्कार के संबंध में पुरस्कार बोर्ड और जूरी को एक खुला पत्र भी लिखा है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में देश के 16 विश्वविद्यालयों के उपकुलपति, सेवानिवृत्त सैन्य अफसर, पूर्व वरिष्ठ नौकरशाह, ओलंपियन और पांच पद्मश्री पुरस्कार विजेता भी शामिल हैं।

इन तीन फोटो पत्रकारों को मिला है पुरस्कार

इस बार का पुलित्जर पुरस्कार जम्मू-कश्मीर के तीन फोटो पत्रकारों चन्नी आनंद, मुख्तार खान और डार यासिन को फीचर फोटोग्राफी के लिए दिया गया है। यह तीनों फोटो पत्रकार एसोसिएटेड प्रेस (एपी) न्यूज़ एजेंसी से जुड़े हुए हैं। अब इन तीनों फोटो पत्रकारों को पुरस्कार दिए जाने पर विवाद बढ़ गया है।

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इस बात को लेकर जताई आपत्ति

पुलित्जर पुरस्कार बोर्ड और जूरी को लिखे पत्र में उन्होंने मुख्तार खान और डार यासिन को पुरस्कार दिए जाने पर गहरी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इन दोनों ने अपनी तस्वीरों में भारत के नियंत्रण वाला कश्मीर जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लिए विवादित क्षेत्र जैसे शब्दों का प्रयोग भारत की संप्रभुता और अखंडता पर हमला और भारतीय संविधान की अवमानना है। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस बारे में कोई भी विवाद नहीं है। ऐसे में इस तरह के कैप्शन लिखने वालों को पुरस्कार दिए जाने को कैसे जायज माना जा सकता है।

अलगाववाद की पत्रकारिता का आरोप

पत्र में इन हस्तियों ने जूरी पर बड़ा आरोप लगाया है। आरोप लगाया गया है कि डार यासिन और मुख्तार खान जैसे फोटोग्राफरों को पुरस्कृत कर आप झूठ तथ्यों की गलत व्याख्या और अलगाववाद की पत्रकारिता व फोटोग्राफी को बढ़ावा दे रहे हैं। पत्र में झूठी खबरों और घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया गया है। वैसे इस पत्र में चन्नी आनंद के नाम को शामिल नहीं किया गया है।

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इन हस्तियों ने किया है पत्र पर हस्ताक्षर

इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली हस्तियों में पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त डॉ के के अग्रवाल, जवाहर कॉल, कंवल सिंह, दर्शन लाल जैन और डॉ. के एन पंडिता शामिल है। पत्र पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कमांडर हरिंदर सिक्का ने भी हस्ताक्षर किया है जो राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म नानक शाह फकीर के निर्माता और कॉलिंग सेहमत के लेखक भी हैं। इनके अलावा चंडीगढ़ से भाजपा सांसद किरण खेर और पहलवान गीता फोगट और योगेश्वर दत्त भी हस्ताक्षर करने वालों में शामिल हैं।

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Shivani Awasthi

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