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भारत- यूरोपीय संघ की साझेदारी विश्व शांति और स्थिरता के लिए अहम: पीएम मोदी
र्तमान चुनौतियों के अलावा, जलवायु परिवर्तन जैसी दीर्घकालिक चुनौतियां भी भारत और यूरोपीय संघ के लिए प्राथमिकता हैं। भारत में नवीकरणीय ऊर्जा (रिन्यूबल एनर्जी) के उपयोग को बढ़ाने की हमारी कोशिशों में हम यूरोप से निवेश और प्रौद्योगिकी को आमंत्रित करते हैं।
नई दिल्ली: वर्तमान चुनौतियों के अलावा, जलवायु परिवर्तन जैसी दीर्घकालिक चुनौतियां भी भारत और यूरोपीय संघ के लिए प्राथमिकता हैं। भारत में नवीकरणीय ऊर्जा (रिन्यूबल एनर्जी) के उपयोग को बढ़ाने की हमारी कोशिशों में हम यूरोप से निवेश और प्रौद्योगिकी को आमंत्रित करते हैं।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 15वें भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) शिखर सम्मेलन को सम्बोधित करने के दौरान कही।
पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंडिया-ईयू समिट में भाग लिया। उन्होंने कहा कि हमें कोविड-19 के कारण मार्च में भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन को कैंसिल करना पड़ा था। यह अच्छा है कि हम वर्चुअल माध्यम से एक साथ आने में सक्षम हैं।
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भारत और यूरोपीय संघ प्राकृतिक साझेदार
पीएम मोदी यही पर नहीं रुके बल्कि आगे कहा कि भारत और यूरोपीय संघ प्राकृतिक साझेदार हैं। हमारी साझेदारी विश्व की शांति और स्थिरता के लिए अहम है। यह वास्तविकता वैश्विक स्थिति में और भी साफ़ हो गई है।
वही यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैं इंडिया के जरिए यूरोपीय संघ के साथ दिखाए गए सहयोग के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।
साथ ही कोविड -19 से लड़ने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपकी बहुपक्षीय भूमिका के लिए शुक्रिया करता हूं।
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मार्च में होना था समिट
बताते चलें कि इस वर्ष मार्च में ब्रसेल्स में यूरोपियन यूनियन का स्मित आयोजित होना था। देश के पीएम नरेंद्र मोदी भी इसमें शिरकत करने वाले थे। लेकिन कोरोना वायरस मह्मारी की वजह से बाद में इस समिट को ही कैंसिल करना पड़ गया था। जिसे अब जाकर वर्चुअल तरीके से आयोजित करना पड़ा है।
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