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उड़ेगा चीन-पाकिस्तान: सीमा पर नहीं रहा कोई वजूद, भारत से कापेंगे दुश्मन
भारतीय वायु सेना(IAF) के काफिले में 16 राफेल विमान और शामिल होने जा रहे हैं। ये राफेल विमान अप्रैल 2021 तक भारतीय सेना के पास होंगे। जिससे सेना की ताकत में और बढ़ोत्तरी होगी।
नई दिल्ली। भारत के दुश्मनों को अब डरने की जरूरत है। सीमा पर तैनात जवानों से खौफ खाने में ही अब दुश्मनों की भलाई है। जीं हां, देश की सेना के आगे अब चीन-पाकिस्तान का कोई वजूद नहीं रह गया है। ऐसे में भारतीय वायु सेना(IAF) के काफिले में 16 राफेल विमान और शामिल होने जा रहे हैं। ये राफेल विमान अप्रैल 2021 तक भारतीय सेना के पास होंगे। जिससे सेना की ताकत में और बढ़ोत्तरी होगी। बता दें, भारतीय वायु सेना के पास पहले से ही पांच राफेल लड़ाकू विमान मौजूद हैं, जोकि अंबाला स्थित गोल्डन एरो स्क्वाड्रन 17 में तैनात हैं।
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ऐसे में फ्रांस का सबसे बड़ा जेट इंजन निर्माता साफरान भारत में लड़ाकू इंजन और कलपुर्जे बनाने के लिए तैयार हो गया है। विमान संबंधी इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। वहीं 16 में से 3 राफेल विमान, आने वाली 5 नवंबर को भारत पहुंच जाएंगे।
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36 राफेल लड़ाकू विमान
5 नवंबर को आ रहे तीनों राफेल विमान दक्षिण-पश्चिम फ्रांस में बोर्दो-मेरिग्नैक फैसिलिटि में दासॉल्ट एविएशन असेंबली प्लांट से सीधे भारत के लिए उड़ान भरेंगे। इसी कड़ी में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, इस बार ये विमान रास्ते में कहीं नहीं उतरेंगे क्योंकि इन लड़ाकू विमानों में उड़ान के दौरान हवा में ही ईंधन भरा जाएगा।
फोटो-सोशल मीडिया
ऐसे में फ्रांस से जनवरी 2021 में तीन विमान और मार्च में तीन विमान और अप्रैल में सात राफेल जेट विमान भारत पहुंच जाएंगे। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने 5 अक्तूबर को कहा था कि सभी 36 राफेल लड़ाकू विमान वर्ष 2023 तक भारत आ जाएंगे।
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अप्रैल 2021 तक 16 और लड़ाकू विमान
आगे उन्होंने कहा कि फ्रांस ने 10 राफेल लड़ाकू विमान भारत को सौंप दिए हैं, जिनमें से पांच अभी फ्रांस में ही हैं। इनमें भारतीय वायुसेना के पायलटों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भारतीय पायलटों का मार्च, 2021 तक प्रशिक्षण पूरा होने की संभावना है।
अब अप्रैल 2021 तक 16 और लड़ाकू विमानों की डिलीवरी के साथ, गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को अपने सभी 18 लड़ाकू विमान मिल जाएंगे। जिससे देश की सेना पहल की अपेक्षा कई गुना ताकतवर हो जाएगी। पूर्वी मोर्चे के लिए कम से कम तीन लड़ाकू राफेल स्क्वाड्रन में भेजे जाएंगे। ये बंगाल के हासीमारा एयरबेस में तैनात होंगे, जो चीन से मुकाबला करने के लिए बिल्कुल तैयार होंगे।
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