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रेलवे का 167 साल का सफर हुआ पूरा, पहली बार ऐसा हुआ इस विभाग के साथ

भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने आज 167 साल पूरे कर लिए हैं। आज ही के दिन 16 अप्रैल, 1853 में भारत की पहली पैसेंजर ट्रेन चली थी।

Shreya
Published on: 16 April 2020 7:48 AM GMT
रेलवे का 167 साल का सफर हुआ पूरा, पहली बार ऐसा हुआ इस विभाग के साथ
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रेलवे का 167 साल का सफर हुआ पूरा, पहली बार ऐसा हुआ इस विभाग के साथ

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने आज 167 साल पूरे कर लिए हैं। आज ही के दिन 16 अप्रैल, 1853 में भारत की पहली पैसेंजर ट्रेन चली थी। हालांकि मौजूदा समय में कोरोना वायरस के चलते लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से देश की पैसेंजर ट्रेन सेवाओं को बंद रखा गया है। ऐसे में ट्रेन सेवा 40 दिनों तक स्थगित रहेगी। आपको बता दें कि ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है कि इतने लंबे समय के लिए ट्रेनों की सेवाओं को बंद रखा गया हो।

इतिहास में पहली बार इतने समय के लिए बंद हुई रेलवे सेवा

इन 167 साल में भारतीय रेलवे ने कई बड़ी-बड़ी घटनाओं का सामना किया है, लेकिन इससे पहले ट्रेनों की सेवाओं पर ब्रेक नहीं लगा। कोरोना के संक्रमण की वजह से ऐसा पहली बार हो रहा है। बता दें कि भारतीय रेलवे की शुरुआत होने के बाद से रेलवे ने दो विश्व युद्ध देखे, लेकिन उस समय भी ट्रेनों के परिचालन पर ब्रेक नहीं लगा। उसके बाद देश का हुआ तभी ऐसा नहीं हुआ और न ही तब जब महामारी फैली। ऐसा रेलवे के इतिहास में पहली बार है जब ट्रेनों की यात्रा को पूरी तरह से बंद रखा गया हो।

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लॉकडाउन के चलते रेलवे को हो रहा भारी नुकसान

कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश को लॉकडाउन रखा गया है। सरकार ने 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक के लिए बढ़ाने का एलान कर दिया है। ऐसे में देखा जाए तो ट्रेन की सेवा 22 मार्च से 3 मई तक के लिए बंद है। जिसके चलते रेलवे को भारी नुकसान हो रहा है। इस दौरान करीब 94 लाख टिकट कैंसिल किए गए, जिस वजह से भारतीय रेलवे को राजस्व में 1,490 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। दरअसल, रेलवे की तरफ से कहा गया है कि लॉकडाउन की बढ़ी हुई अवधि के दौरान यात्रा के लिए बुक कराए गए सभी टिकटों के पूरे पैसे वापस किए जाएंगे।

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करीब 400 यात्रियों ने किया था सफर

बता दें कि 16 अप्रैल, 1853 में भारत की पहली पैसेंजर ट्रेन चली थी, जो की अंग्रेजों द्वारा शुरु की गई थी। पहली पैसेंजर ट्रेन मुंबई के बोरी बंदर स्टेशन (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे के बीच चली थी। इस ट्रेन में करीब 400 यात्रियों ने सफर किया था। पहली रेल यात्रा की दूरी करीब 34 किलोमीटर थी।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत में हर रोज 20 हजार से भी ज्यादा पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं। इसमें लंबी दूरी की यात्रा के लिए 3500 से ज्यादा ट्रेनें शामिल हैं। भारतीय रेलवे का नेटवर्क एशिया का दूसरा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। जिसमें रोजाना करीब 2.5 करोड़ लोग यात्रा करते है।

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