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Golden Planet: सोने का ग्रह, जो लगाता है सूर्य का चक्कर

Golden Planet: सौर मंडल में अब आठ ग्रह हैं ।पर ना जाने कितने छोटे बड़े ग्रह अब भी हैं जिन्हें कोई नाम नहीं दिया गया है ।इन ग्रहों के बीच ना जाने कितने रहस्य भरे पड़े हैं ।

Akshita Pidiha
Published on: 5 Sep 2023 2:35 AM GMT
Golden Planet: सोने का ग्रह, जो लगाता है सूर्य का चक्कर
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Golden Planet (PHOTO: SOCIAL MEDIA )

Golden Planet : हमारी धरती सौरमंडल का एक हिस्सा है ।और ये सौरमंडल आकाश गंगा का एक हिस्सा। और ना जाने कितनी आकाश गंगाएँ इस ब्रह्मांड में हैं। जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं ।अब हम सौर मंडल की बात करते हैं , जिसका मुखिया सूर्य को कहा जाता है ।सौर मंडल में अब आठ ग्रह हैं ।पर ना जाने कितने छोटे बड़े ग्रह अब भी हैं जिन्हें कोई नाम नहीं दिया गया है ।इन ग्रहों के बीच ना जाने कितने रहस्य भरे पड़े हैं ।वैज्ञानिक इन रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिश में लगे हैं।जिसकी घोषणा समय समय पर वैज्ञानिकों द्वारा की जाती रही है ।

एक ऐसे ही एक क्षुद्र ग्रह की खोज की गयी थी, जो हमारी पृथ्वी की तरह ही सूर्य की परिक्रमा करता है ।पर उससे भी ख़ास बात ये है कि यह ग्रह सोने की धातुओं से भरा हुआ है ।यह देखने में आलू की बनावट का है ।इसका नाम 16साइकी है, इसे आप छोटे ग्रह के नाम से भी जानते हैं ।यह 16वां लघु ग्रह या क्षुद्र ग्रह है।इसलिये इसके नाम के आगे 16 जोड़ा गया है।यह लघु ग्रह मंगल और बृहस्पति के बीच सूर्य का चक्कर लगाता है। इसके कोर का निर्माण निकल और लोहे से हुआ है। इसके अलावा इस ग्रह पर बड़ी मात्रा में प्लैटिनम, सोना और अन्य धातुएं मौजूद हैं।

इस ग्रह में इतना सोना पाया गया है कि वैज्ञानिकों को भी हैरत हो रही है इस ग्रह की खोज खगोलशास्त्री एनीबेल डी गैस्पारिस ने 16साइकी को 17 मार्च 1852 को खोजा था। लेकिन इस ग्रह में सोने की खोज में सालों लग गए ।आधुनिक अंतरिक्ष उपकरणों और मिशन के माध्यम से इस ग्रह का अध्ययन किया गया है।

क्षुद्रग्रहों के चट्टानों या बर्फ से बने

अधिकांश क्षुद्रग्रहों के चट्टानों या बर्फ से बने होते हैं।पर इस ग्रह में सोना ही सोना है ।नासा के मुताबिक, आलू के जैसे दिखने वाला इस क्षुद्रग्रह का व्यास लगभग 140 मील है।

नासा ने अक्टूबर 2013 में इस क्षुद्र ग्रह पर मिशन भेजने की तैयारी की थी। लेकिन यह मिशन टल गया। इस मिशन का उद्देश्य लघु ग्रह के खजाने को इकट्ठा करना नहीं था, बल्कि इसका अध्ययन करना था।

नासा द्वारा दी गई जानकारी

नासा साइके नामक मिशन को अगस्त 2022 में लांच किया गया था । इस मिशन के नेतृत्व की जिम्मेदारी एरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा निभाई गयी। 2026 में साइके क्षुद्रग्रह तक पहुंचेगा, तथा 21 महीने तक खोजबीन करेगा।‘16 साइकी’ क्षुद्रग्रह का अध्ययन करने से पृथ्वी और पृथ्वी जैसे अन्य ग्रहों के कोर की उत्पत्ति के बारे में पता चल सकेगा। इस क्षुद्रग्रह का अध्ययन हमें यह जानने में मदद कर सकता है कि किसी ग्रह के भीतर का हिस्सा वास्तव में किस प्रकार का होता है।

कहा जा रहा है कि इस ग्रह में पाए जाने वाले खनिजों की क़ीमत अरबों ख़रबों में हैं।आप ऐसे समझ सकते हैं कि यदि अगर इसका पूरा सोना धरती पर आ जाता है, तो हर शख्स अरबपति बन सकता है।है ना हैरान और खुश करने वाली बात ।यदि इतना सोना धरती पर आ जाए तो सोने की क़ीमतों पर भारी गिरावट आ जाएगी ।हालाँकि इस ग्रह को कभी भी धरती में नहीं लाया जा सकता है । पर इस ग्रह के अध्ध्यन से धरती के रहस्यों से पर्दा उठ सकता है ।

Akshita Pidiha

Akshita Pidiha

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