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18 सितंबर, Uri Attack : जब भारत ने पाकिस्तान को दिया करारा जवाब...
18 सितंबर 2016, ये वो तारीख है जब भारत ने अपने कुछ बहादुर जवानों को खो दिया। जम्मू-कश्मीर में उरी कस्बे के नजदीक एक आतंकवादी हमला हुआ जिसमें 19 जवानों ने अपनी जान गंवा दी।
लखनऊ: 18 सितंबर 2016, ये वो तारीख है जब भारत ने अपने कुछ बहादुर जवानों को खो दिया। जम्मू-कश्मीर में उरी कस्बे के नजदीक एक आतंकवादी हमला हुआ जिसमें 19 जवानों ने अपनी जान गंवा दी।
इस हमले को पिछले 20 सालों में भारतीय जवानों पर हुआ सबसे बड़ा हमला बताया गया। हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली और इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की।
ये एक ऐसी घटना थी जिससे एक तरफ जहां भारतीय लोग बहुत ज्यादा दुखी थे वहीं दूसरी तरफ देश भर में आक्रोश का माहौल था। वक्त बीता और 2016 में हुई इस सर्जिकल स्ट्राइक पर साल 2019 में एक फिल्म बनी जिसका नाम था "उरी - द सर्जिकल स्ट्राइक"।
इस फिल्म में विक्की कौशल लीड रोल में थे और यामी गौतम, मोहित रैना, परेश रावल व कृति कुल्हारी ने अन्य अहम किरदार निभाए थे।
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सेना ने आतंकियों के घर में घुसकर दिया था जवाब
उरी हमले के बाद भारत ने जो कदम उठाया वो आतंक के खिलाफ लड़ाई में दुनिया के लिए बहुत बड़ा उदाहरण बनकर उभरा। इस घटना से पहले भारत ने आतंक के खिलाफ इतना अक्रामक रुख कभी नहीं अपनाया था।
भारत ने इस कायराना हरकत के 11 वें दिन यानी 29 सितंबर को भारतीय सेना ने आतंकियों के घर में घुसकर जवाब दिया। इसी दिन भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक किया था।
इस दौरान भारतीय सेना के पैरा कमांडोज ने गुलाम कश्मीर (पीओके) में घुसकर आतंकवादियों के 6 लॉन्च पैड्स को तबाह कर दिया। इस कार्रवाई में 50 आतंकवादी ढेर हो गए और दो पाकिस्तानी सेना के जवान भी मारे गए।
आतंक के खिलाफ इतने कम समय में इतनी बड़ी कार्रवाई ने दिखाया कि देश पर कोई हमला होगा तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा।
पाकिस्तान को अलग-थलग करने कवायद
भारत इस हमले से पहले पाकिस्तान को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहता रहा। पाकिस्तान ने भारत की एक न सुनी। लगातार उसकी जमीन भारत में आतंक फैलाने के लिए इस्तेमाल होता रहा। इसके बाद भारत ने ऐसे कदम उठाए की पाकिस्तान विश्व से अलग-थलग पड़ गया।
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सार्क समिट का बहिष्कार
पाकिस्तान को भारत ने कूटनीतिक तौर पर मात देने की कोशिश यहीं से शुरू की थी। उसी साल नवंबर में कराची में सार्क का 19वां समिट होने वाला था। भारत ने इस समिट का बहिष्कार कर दिया।
इसके बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी इसमें भाग लेने से मना कर दिया। इस हमले के बाद मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र को और मजबूत करने की कवायद भी शुरू कर दी।
कई देशों से अत्याधुनिक हथियार खरीदने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर, एस-400 एंटी बैलेस्टिक मिसाइल सिस्टम समेत कई डील हुए।
क्या हुआ उरी अटैक के दिन
तारीख 18 सितंबर 2016, जगह जम्मू-कश्मीर का उरी। वक्त सुबह के 5.30 बजे। जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादी भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वॉटर्स पर अचानक हमला कर देते हैं।
हमले में 19 जवान शहीद हो गए और कई जवान घायल। आतंकवादियों ने 3 मिनट में 17 हैंड ग्रेनेड फेंके। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ 6 घंटे तक चली और आखिर में चारों को मौत के घाट उतार दिया गया।
इस हमले को दो दशक में सुरक्षाबलों पर सबसे बड़ा हमला बताया गया। यह हमला ऐसे वक्त पर हुआ, जब कश्मीर घाटी में भयंकर अशांति फैली हुई थी।
हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी बुरहान वानी सुरक्षाबलों की मुठभेड़ में मारा गया था, जिसके बाद घाटी सुलग उठी। इसी का फायदा उठाकर आतंकवादी हमले को अंजाम देने में कामयाब हो गए।
लेकिन आतंकियों की नापाक हरकत पर भारत ने वो रुख नहीं अपनाया, जैसे अब तक चला आ रहा था। इस घटना के बाद भारत का रवैया अचानक बदला और सामने आया एक न्यू इंडिया, जिसमें घर में घुसकर बदला लेने का माद्दा था।
इस कायराना हरकत के 11वें दिन यानी 29 सितंबर को भारतीय सेना के पैरा कमांडोज ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुसकर आतंकवादियों के 6 लॉन्च पैड्स को तबाह कर दिया।
सेना की इस कार्रवाई में 50 आतंकवादी ढेर हो गए और 2 पाक सेना के जवान भी मारे गए। भारतीय पैरा कमांडोज ने जिस अदम्य साहस और शौर्य का परिचय दिया, उसने दुनिया को दिखा दिया कि अब देश पर कोई हमला होगा तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
उरी हमले के बाद भारत ने कई ऐसे कदम उठाए, जिसने पाकिस्तान का नापाक चेहरा सबके सामने ला दिया।
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