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कांग्रेस के 23 प्रमुख नेताओं की सोनिया को चिट्ठी, पार्टी में बड़े बदलाव की मांग
हाल के दिनों में कई राज्यों में कांग्रेस में पैदा हुए संकट के बाद अब पार्टी में बड़े बदलाव की मांग तेज हो गई है। पार्टी के 23 बड़े नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि पार्टी में ऊपर से नीचे तक बदलाव किया जाए।
नई दिल्ली: हाल के दिनों में कई राज्यों में कांग्रेस में पैदा हुए संकट के बाद अब पार्टी में बड़े बदलाव की मांग तेज हो गई है। पार्टी के 23 बड़े नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि पार्टी में ऊपर से नीचे तक बदलाव किया जाए। सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होने वाली है और इस कारण इस चिट्ठी को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चिट्ठी लिखने वालों में पांच पूर्व मुख्यमंत्री, कई पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और कई सांसद शामिल हैं।
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लीडरशिप को चुभ सकता है एजेंडा
इस चिट्ठी में कांग्रेस का जनाधार कमजोर होने और युवाओं के पार्टी से दूर होने पर गंभीर चिंता जताई गई है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक चिट्ठी में कहा गया है कि भाजपा लगातार मजबूत हो रही है और पिछले चुनावों में युवाओं ने नरेंद्र मोदी को जमकर वोटिंग की है। रिपोर्ट के मुताबिक सोनिया गांधी को यह चिट्ठी करीब 15 दिन पहले भेजी गई है। इसमें बदलाव के ऐसे एजेंडे पर काम करने को कहा गया है जो मौजूदा लीडरशिप को चुभ सकता है।
पूर्णकालिक और प्रभावी लीडरशिप की मांग
चिट्ठी में यह मांग प्रमुखता से उठाई गई है कि लीडरशिप पूर्णकालिक और प्रभावी होनी चाहिए। कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि पार्टी की लीडरशिप को फील्ड में पूरी तरह सक्रिय रहना चाहिए और उसका असर भी दिखना चाहिए।
चिट्ठी का यह बिंदु काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले लोकसभा चुनावों के बाद सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुना गया था मगर अपने खराब स्वास्थ्य और बीमारी के कारण वह इतनी सक्रियता नहीं दिखा पा रही हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भी उनकी भूमिका सक्रिय रुप से नहीं दिखी थी।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी का चुनाव हो
बैठक में कांग्रेस वर्किंग कमेटी का चुनाव कराए जाने की भी मांग की गई है। वर्किंग कमेटी के चुनाव को लेकर पार्टी के कुछ नेता समय-समय पर मांग उठाते रहे हैं मगर पहली बार इतनी ज्यादा संख्या में महत्वपूर्ण नेताओं ने इस मांग को उठाया है। इसके साथ ही चिट्ठी में इंस्टीट्यूशन और लीडरशिप मैकेनिज्म बनाने पर भी जोर दिया गया है। नेताओं का कहना है कि पार्टी में फिर से पुराना जोश भरने और कार्यकर्ताओं को गाइडेंस देने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है।
पत्र पर इन बड़े नेताओं के हस्ताक्षर
इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में पार्टी के कई बड़े नेता शामिल हैं। इन नेताओं में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी व शशि थरूर, सांसद विवेक तंखा, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य मुकुल वासनिक और जितिन प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राजिंदर कौर भट्ठल, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, पीजे कुरियन, अजय सिंह, रेणुका चौधरी और मिलिंद देवड़ा आदि शामिल है।
मांग करने वालों में ये नेता भी शामिल
इनके अलावा उत्तर प्रदेश के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर, दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, हिमाचल प्रदेश के कौल सिंह ठाकुर, बिहार के चुनाव प्रभारी अखिलेश प्रसाद सिंह, हरियाणा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, पूर्व सांसद संदीप दीक्षित और दिल्ली के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष योगानंद शास्त्री ने भी पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी
सूत्रों के मुताबिक इस पत्र में कहा गया है कि देश में लोकतंत्र की मजबूती के लिए कांग्रेस को पुनर्जीवित करना जरूरी है। पत्र में यह भी कहा गया है कि मौजूदा समय में देश राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में तमाम चुनौतियों का सामना कर रहा है और इन हालातों के बीच कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए कांग्रेस को एक बार फिर से मजबूत करना जरूरी है।
देश में भय और असुरक्षा का माहौल
पत्र के मुताबिक देश के लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल दिख रहा है और बीजेपी व संघ परिवार का सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडा लगातार मजबूत हो रहा है। आर्थिक मंदी, बेरोजगारी में इजाफा और सीमा पर पैदा हुई चुनौतियों का भी पत्र में जिक्र किया गया है।
पैसे के बल पर संगठन पर कब्जा
इस पत्र में राहुल गांधी का जिक्र नहीं किया गया है मगर यह बात कही गई है कि युवा कांग्रेस और एनएसयूआई में चुनाव कराने से संघर्ष और विभाजन की स्थिति पैदा हुई है। पत्र में कहा गया है कि ऐसी तमाम शिकायतें हैं कि चुनाव के दौरान विभिन्न राज्यों में पैसे और राजनीतिक संरक्षण वाले लोगों ने युवा कांग्रेस और एनएसयूआई पर कब्जा कर लिया।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक कल
इस पत्र का टाइमिंग काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होने वाली है। कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का एक साल का कार्यकाल भी इसी महीने पूरा हो रहा है।
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पिछले साल लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद सोनिया को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में लीडरशिप के मुद्दे पर भी चर्चा होने की उम्मीद जताई जा रही है। पार्टी का एक गुट राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहा है जबकि राहुल इसके लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं।
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