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जेल में बंद SIMI के कई कैदीः छोड़ा खाना-पीना, ये खतरनाक मांगें, बना रहे दबाव
कैदियों की मांगों को लेकर सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया है, “जेल में सिमी के गुर्गे अपने खतरनाक इरादे जाहिर करते रहते हैं। जेल के अंदर कहीं भी आने-जाने की सुविधा मांगना इसलिए खतरनाक है कि वे जेल से संबंधित जानकारी जुटा सकते हैं।"
भोपाल। केन्द्रीय जेल में बंद स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के कैदियों ने खतरनाक मांग की है। इस मांग को पूरा करने के लिए सिमी ने खाना-पीना छोड़ दिया है। सिमी ने मांग की है कि जेल में जो भी उनके साथी बंद है, उन्हें उनसे मिलने दिया जाए। जानकारी के लिए बता दें कि सिमी एक प्रतिबंधित संगठन है।
जेल में कैद है 28 कैदी
आपको बता दें कि भोपाल की जेल में बंद सिमी के करीब 8 कैदी जेल से भाग चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, इस जेल में लगभग 28 कैदी बंद है, जिनमें से 19 सिद्धदोषी है और 9 विचाराधीन कैदी बताया जा रहा है कि अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए 28 कैदियों में से 5 कैदियों ने खाना-पीना त्याग दिया है।
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चार कैदियों की हालात हुई खराब
जानकारी के मुताबिक करीब 10 दिनों से जेल प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए चार कैदी सादुली, सिबली, कमरद्दीन और कामरान ने खाना पीना छोड़ दिया था। इनकी हालात खराब होने के कारण जेल प्रशासन ने इन्हें राइल्स ट्यूब के जरिए तरल पदार्थ दे रहे हैं।
2016 में भागे थे 8 कैदी
बताया जाता है कि इस तरह का वाक्या पहले भी इस जेल में हो चुका है। जानकारी के अनुसार, 30-31 अक्टूबर 2016 को सिमी के 8 विचाराधीन कैदी रात को जेल से फरार हो गए थे। सूचना मिलने पर पुलिस ने उनकी तलाश जारी की और उनके मिलते ही एनकाउंटर में मार गिराया था।
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खतरनाक है इनकी मांगें
इन कैदियों की मांगों को लेकर सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया है, “जेल में सिमी के गुर्गे अपने खतरनाक इरादे जाहिर करते रहते हैं। जेल के अंदर कहीं भी आने-जाने की सुविधा मांगना इसलिए खतरनाक है कि वे जेल से संबंधित जानकारी जुटा सकते हैं। साथियों के एक जगह जमा होने से किसी भी साजिश को अंजाम तक पहुंचाने की आशंका है।”
उनकी धार्मिक ग्रंथों की तलाशी ना हो
जानकारी के मुताबिक, इन कैदियों ने एक और मांग है कि उनकी धार्मिक ग्रंथों की तलाशी ना हो। जेल नियमों के अनुसार, यह व्यवस्था सभी बंदियों के लिए लागू होती है।
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