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दोषी नेताओं के चुनाव लड़ने पर बैन! सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई है कि पंजाब के एक नेता के खिलाफ पिछले 37 सालों से क्रिमिनल केस पेंडिंग है। जिसके बाद कोर्ट ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट रजिस्ट्री से इस मामले में डिटेल पता करने के लिए कहा है।

Shreya
Published on: 11 Sep 2020 6:51 AM GMT
दोषी नेताओं के चुनाव लड़ने पर बैन! सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
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दोषी नेताओं के चुनाव लड़ने पर बैन! सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई है कि पंजाब के एक नेता के खिलाफ पिछले 37 सालों से क्रिमिनल केस पेंडिंग है। जिसके बाद कोर्ट ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट रजिस्ट्री से इस मामले में डिटेल पता करने के लिए कहा है। साथ ही अदालत ने राज्य सरकार से सवाल किया कि क्या इसके लिए अभियोजन पक्ष की जिम्मेदारी नहीं बनती है। उन्होंने कहा कि उम्रकैद का मामला इतने साल से पेंडिंग क्यों है। कोर्ट ने सोमवार तक इस मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।

देश में नेताओं के खिलाफ दर्ज हैं 4,442 केस

सुप्रीम कोर्ट को सभी हाई कोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, देश में नेताओं के खिलाफ लगभग चार हजार 442 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 2,556 ऐसे मामलों में वर्तमान सांसदों तथा विधायकों के खिलाफ मुकदमे लंबित हैं। इनमें से 352 मामलों की सुनवाई उच्चतर अदालतों के स्थगन आदेश की वजह से रूकी है। सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में नेताओं के खिलाफ पेंडिग मुकदमों की डिटेश पेश करने को कहा है और केसों का विवरण बताने के लिए कहा है।

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पंजाब में 1983 से पेंडिंग है एक केस

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट संसद और विधानसभाओं में चुने जन प्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक मामलों का तेजी से निपटारा करने के मुद्दे पर विचार करने के लिए दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी हाइकोर्ट को नेताओं के खिलाफ लंबित मामलों की जानकारी देने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया गया कि पंजाब में एक केस 1983 में दर्ज हुआ था। जो कि शिरोमणि अकाली नेता के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

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Supreme Court of India Supreme Court ने लंबित केस को लेकर जताई हैरानी (फोटो- सोशल मीडिया)

सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी

कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह हैरान करने वाला है। उन्होंने कहा कि 1983 का यह मामला इतने सालों बाद भी लंबित क्यों है? बेंच ने राज्य के अधिवक्ता से इसका जवाब मांगा। यह कहने पर कि राज्य के हाईकोर्ट के दूसरे अधिवक्ता से इस बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है, इस पर बेंच ने कहा कि आप सरकार के वकील हैं, आपको बताना होगा कि मामला 1983 से क्यों लंबित है? क्या आप सुनवाई तेजी से कराने के लिये जिम्मेदार नहीं है?

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जीवनभर चुनाव लड़ने पर लगाई जाए रोक

बता दें कि पंजाब का यह मामला डा सुदर्शन कुमार त्रेहन की हत्या से संबंधित है। इसमें शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक विरसा सिंह वोल्तोहा के खिलाफ केस दर्ज है। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की डिटेल पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अर्जी दाखिल करते हुए कहा कि जो दोषी ठहराए जा चुके हैं, उन्हें जीवनभर चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है।

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