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आ रहा राफेल का दूसरा खेप, चीन की अकड़ होगी ढीली, भारत की तैयारी पूरी

लद्दाख में भारत औऱ चीन के बीच तनाव चरम पर है। इस बीच भारत अपनी सामरिक ताकत बढ़ाने में लगा है। अगले महीने देश के वायुसेना की ताकत और बढ़ जाएगी। अगले महीने अक्टूबर में 5 और राफेल लड़ाकू विमान भारत आ रहे हैं।

Newstrack
Published on: 11 Sep 2020 3:57 PM GMT
आ रहा राफेल का दूसरा खेप, चीन की अकड़ होगी ढीली, भारत की तैयारी पूरी
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अगले महीने देश के वायुसेना की ताकत और बढ़ जाएगी। अगले महीने अक्टूबर में 5 और राफेल लड़ाकू विमान भारत आ रहे हैं।

नई दिल्ली: लद्दाख में भारत औऱ चीन के बीच तनाव चरम पर है। इस बीच भारत अपनी सामरिक ताकत बढ़ाने में लगा है। अगले महीने देश के वायुसेना की ताकत और बढ़ जाएगी। अगले महीने अक्टूबर में 5 और राफेल लड़ाकू विमान भारत आ रहे हैं। ये लड़ाकू विमाम पश्चिम बंगाल के कलईकुंडा एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात किए जाएंगे और चीन से लगती पूर्वी सीमा की रक्षा करेंगे। तो वहीं राफेल विमान गुरुवार को भारतीय वायुसेना में आधिकारिक रूप से शामिल हो गए।

भारत ने अपने हिसाब से कराए मोडिफिकेशन

चीन से लगने सीमा पर तापमान को देखते हुए इस विमान में भारत ने अपने हिसाब से कुछ मोडिफिकेशन कराए हैं। इसकी वजह से लड़ाकू विमान कम तापमान में भी आसानी से स्टॉर्ट हो सकता है। पहले बैच में भारत 5 राफेल विमान आए हैं। इन लड़ाकू विमानों की 250 घंटे से भी ज्यादा की उड़ान और फील्ड फायरिंग टेस्ट हो चुके हैं। इन विमानों को अंबाला में 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन में शामिल किया गया है।

अगले साल के आखिरी तक भारत आएंगे सभी राफेल

भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए डील की है। 36 राफेल विमानों में से 30 लड़ाकू विमान होंगे, तो वहीं 6 प्रशिक्षण विमान। प्रशिक्षण विमानों में दो सीट दी जाएंगी और उनमें लड़ाकू विमान वाली लगभग सभी खूबियां होंगी।

Rafale Fighter Jet

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घातक हथियारों से लैस हैं राफेल

फांस से भारत आए राफेल में उनके साथ Meteor बियांड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल, MICA मल्‍टी मिशन एयर-टू-एयर मिसाइल और SCALP डीप-स्‍ट्राइक क्रूज मिसाइल्‍स लगाई गई हैं। इससे टारगेट्स तबाह करने में आसानी होगी। Meteor मिसाइलें नो-एस्‍केप जोन के साथ आती हैं यानी इनसे कोई बच नहीं सकता, क्योंकि यह सटीक निशाना लगाती हैं। यह मीडियम रेंज की एयर-टू-एयर मिसाइलों से तीन गुना ज्‍यादा ताकतवर हैं। इस मिसाइल सिस्‍टम के साथ एक खास रॉकेट मोटर लगा है जो इसको 120 किलोमीटर की रेंज देता है।

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जानिए इसकी खासियत

– यह दो इंजनों वाला बहुउद्देश्यीय फाइटर जेट है। जो भारतीय वायुसेना की पहली पसंद है। हर तरह के मिशन में भेजा जा सकता।

-परमाणु आयुध का इस्तेमाल करने में सक्षम है।

-यह हवा से हवा में और हवा से जमीन पर हमले कर सकता है।

-फ्रांसीसी कंपनी दसाल्ट एविएशन ने विमान का निर्माण किया है।

-अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगा राफेल, प्लेन के साथ मेटेअर मिसाइल भी है।

-150 किमी की बियोंड विज़ुअल रेंज मिसाइल, हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल।

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-स्कैल्प मिसाइल की रेंज 300 किमी, हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की गारंटी।

-अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा और 3700 किमी. तक मारक क्षमता।

-1 मिनट में 60,000 फ़ुट की ऊंचाई और 4.5 जेनरेशन के ट्विन इंजन से लैस।

-24,500 किलो उठाकर ले जाने में सक्षम और 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान की गारंटी।

-75% विमान हमेशा ऑपरेशन के लिए तैयार हैं, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।

-अफगानिस्तान और लीबिया में अपनी ताकत का प्रदर्शन कर चुका है।

-फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट ने भारतीय वायुसेना के हिसाब से फेरबदल किए गए हैं।

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