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सरकार का महिला कैदियों पर बड़ा फैसला, हुआ ये ऐलान, खुशी की लहर
गृहमंत्री मेकतोटी सुचरिता ने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अच्छे आचरण वाली महिला कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने ये फैसला मानवीय आधार पर लिया है।
अमरावती: आंध्र प्रदेश की सरकार एक बार फिर महिलाओं के पर मेहरबान हुई है। दरअसल, आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी सररकार ने जेल में बंद आजीवन कारावास की सजा काट रही 55 महिला कैदियों को दीपावली पर बड़ा तोहफा दिया है। यहां की सभी जेलों में पांच साल से अधिक समय से बंद महिलाओं को रिहा करने का फैसला किया है।
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यहां की जेलों में 147 महिला कैदी
बता दें, आंध्र प्रदेश की जेलों में फ़िलहाल 147 महिला कैदी हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार गंभीर अपराध वाली महिलओं को रिहा नहीं किया जाएगा। मुख्य रूप से यौन उत्पीड़न, बच्चों का अपहरण, छोटे बच्चों की हत्या जैसे मामलों में उम्रकैद की सजा दी गई महिलाओं को रिहा नहीं किया जाएगा। इन महिला कैदियों में से 55 को अगले सप्ताह रिहा कर दिया जाएगा।
गृह मंत्री ने दी ये जानकारी
गृहमंत्री मेकतोटी सुचरिता ने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अच्छे आचरण वाली महिला कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने ये फैसला मानवीय आधार पर लिया है। सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि महिला कैदियों को अगले सप्ताह रिहा करने का काम शुरू किया जाएगा।
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रोजगार की समस्या नहीं होगी उत्पन्न
अधिकारियों के मुताबिक जेल में इन महिला कैदियों ने जो कौशलता हासिल किया है, उससे यह स्पष्ट होता है कि इन महिला कैदियों को रिहा किये जाने से रोजगार की कोई समस्या उत्पन्न नहीं होगी। अधिकारियों ने बताया कि रिहा किये जाने वाली महिला कैदियों में एक ओपन यूनिवर्सिटी से बीए (डिग्री) की है। जबकि फाइनल ईयर की छह महिला कैदी हैं। बाकी अन्य महिला कैदियों में सिलाई, कढ़ाई, साड़ी पेंटिंग, बेकरी, कॉयर मैट, कवर और स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में निपुणता हासिल की है।
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