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भारत के ये 63 अमीर: रखे हैं 'पूरे देश का पैसा', आंकड़े जान हो जायेंगे हैरान
भारत में अमीरों की संपत्ति का आंकड़ा आपको हैरान कर देगा। 63 अरबपतियों की संपत्ति इतनी ज्यादा है कि पूरे देश के एक साल के बजट से उसकी तुलना कर सकते हैं।
दिल्ली: भारत का बजट (Union Budget) जल्द पेश होने वाला है, जिसे लेकर आम नागरिक उत्साहित हैं कि इस बार सरकार उनके लिए क्या लेकर आने वाली है। लेकिन देश में ऐसे भी लोग हैं जिनकी आर्थिक स्थिति या संपत्ति इतनी हैं कि पूरे देश का एक साल का बजट आराम से बन जाए। दरअसल ये लोग इतने अमीर ( Indian Billionaires) है कि इनके पास देश की जनसंख्या से चार गुना ज्यादा संपत्ति है। इस बात का दावा World Economic Forum की एक रिपोर्ट के जरिये किया गया है।
देश की कुल आबादी से ज्यादा संपत्ति इनके पास:
भारत की कुल आबादी की तुलना में एक फीसदी लोग ऐसे हैं, जो बेहद अमीर हैं। इनकी संपत्ति का आंकड़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर देश की कुल 95.3 करोड़ लोगों की आय या संपत्ति को जोड़ दिया जाये तो उसकी चार गुना से ज्यादा संपत्ति पर इनका मालिकाना हक है।
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विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक में रिपोर्ट आई सामने:
इस बात का दावा विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) की सालाना बैठक में जारी एक स्टडी के दौरान किया गया। बता दें कि स्विटजरलैंड के शहर दावोस में डब्ल्यूईएफ की 50वीं सलाना बैठक हुई, जिसमें ऑक्सफेम (Oxfam) कंफेडरेशन ने 'टाइम टू केयर' नाम से ये रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व के कुल 2,153 अरबपतियों के पास धरती की कुल आबादी का 60 फीसदी हिस्सा रखने वाले 4.6 अरब लोगों से भी ज्यादा संपत्ति है।
भारत में 63 अरबपतियों के पास देश के कुल बजट से ज्यादा संपत्ति:
इतना ही नहीं ऑक्सफेम ने भारत के अरबपतियों के बारे में भी रिपोर्ट में जिक्र किया। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत में 63 अरबपतियों के पास इतनी अधिक संपत्ति हैं जो देश के कुल बजट से बहुत ज्यादा है। ये रिपोर्ट साल 2018-19 के बजट पर आधारित है। बता दें कि वित्त वर्ष 2018-19 में 24 लाख 42 हजार 2 सौ करोड़ रुपये का बजट था।
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दुनिया में 2 हजार 153 लोग सबसे ज्यादा रईस:
रिपोर्ट के मुताबिक़ दुनिया में लगभग 2 हजार से ज्यादा लोग बहुत ज्यादा अमीर हैं। वहीं गरीब लोगों का आंकडा कुल आबादी का अनुमानतम 60 फिसदी है। अमीर और गरीबों के बीच की खाई लगातार बढ़ी है। ज्यादातर अमीरों की संपत्ति एक दशक में दोगुनी हो गई है, जबकि संयुक्त रूप से देखा जाए तो उनकी संपत्ति बीते एक साल में कुछ कम हुई है।
गौरतलब है कि पांच दिन चली विश्व आर्थिक मंच की इस सालाना बैठक में आय व संपत्ति असमानता के अलावा लैंगिक असमानता पर भी चर्चा हुई।