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वेंटिलेटर पर 97 फीसदी मरीजों की मौत, दहशत में लोग, राज्य में मचा हड़कंप

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को सांस लेने में होने वाली परेशानी के दौरान उन्हें वेंटिलेटर पर रखा जाता है, हालाँकि एक मामला सामने आया है, जिसमें एक सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखें गए मरीजों की मौत हो गयी।

Shivani
Published on: 17 July 2020 3:33 AM GMT
वेंटिलेटर पर 97 फीसदी मरीजों की मौत, दहशत में लोग, राज्य में मचा हड़कंप
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बेंगलुरु: कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को सांस लेने में होने वाली परेशानी के दौरान उन्हें वेंटिलेटर पर रखा जाता है, हालाँकि एक मामला सामने आया है, जिसमें एक सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखें गए मरीजों की मौत हो गयी। मामला बेंगलुरु के सरकारी अस्पताल का है। इस घटना के बाद शंका जगी कि क्या वेंटिलेटर में कोई गड़बड़ी है।

कोरोना के 91 मरीजों ने बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में तोड़ा दम

दरअसल, बेंगलुरु के सौ साल पुराने विक्टोरिया हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। कोरोना के इलाज को लेकर इस अस्पताल को अप्रैल में बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (BMCRI) से जोड़ा गया। हालांकि तब से अब तक 91 मरीजों की मौत इस अस्पताल में हो चुकी है।

97 फीसदी मरीजों की मौत वेंटिलेटर पर

ध्यान देने वाली बात ये हैं कि इन 91 में से 89 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया था। यानी 97 फीसदी मौत वेंटिलेंटर पर हुई। बता दें कि विक्टोरिया अस्पताल में 50 वेंटिलेटर हैं, जो बेंगलुरु के अन्य सभी सरकारी अस्पतालों की तुलना में सबसे ज्यादा हैं।

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कहीं वेंटिलेटर में गड़बड़ी तो नहीं:

वेंटिलेटर पर इतनी मौत होने को लेकर बेंगलुरु के सेंट जॉन मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने बताया कि अगर वेंटिलेटर पर 97 फीसदी मरीजों की मौत हुई है तो इसका मतलब ये है कि ICU में ही कोई गड़बड़ी है।

अस्पताल प्रशासन ने कही ये बात:

वहीं वेंटिलेटर पर हुई मौतों पर सफाई देते हुए हॉस्पिटल के नोडल ऑफिसर डॉक्टर स्मिथा सेगु ने बताया कि उनमे से ज्यादातर मरीज गंभीर बीमार थे। उन्होंने कहा कि विक्टोरिया अस्पताल में ज्यादातर गंभीर मरीज आते हैं, ऐसे में 39 मरीज ऐसे भी हैं, जिन्होंने एडमिट होने के 24 घंटों में दम तोड़ दिया। यहां जिन मरीजों की मौत हुईं, उनमे 95 फीसदी दूसरी बीमारियों से पीड़ित थे और 30 फीसदी 60 की उम्र से ज्यादा के थे।

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