×

फिर टूट गई रतन टाटा की शादी, वेलेंटाइन डे से एक दिन पहले...

टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे रतन टाटा ने बताया कि आर्किटेक्‍चर में ग्रेजुएशन करने पर उनके पिता नाराज हो गए। इसीलिए रतन टाटा लॉस एंजेलिस में नौकरी करने लगे।

SK Gautam
Published on: 13 Feb 2020 10:19 AM GMT
फिर टूट गई रतन टाटा की शादी, वेलेंटाइन डे से एक दिन पहले...
X

नई दिल्ली: फरवरी महिने की 14 तारिख को वेलेंटाइन डे मनाया जाता है। जिसे पूरे विश्व में मनाया जाता है। भारत के बड़े उद्योगपति रतन टाटा ने वेलेंटाइन डे 14 फरवरी से ठीक एक दिन पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी लव स्टोरी के बारे में बताया उन्होंने कहा कि ग्रेजुएशन के बाद लॉस एंजेलिस में काम करने के दौरान उनकी शादी लगभग हो ही गई थी।

उद्योगपति रतन टाटा की लव स्टोरी

देश के बड़े उद्द्योगपति रतन टाटा ने अपनी जिंदगी, माता-पिता के तलाक, दादी के साथ बिताए दिन, उनकी अच्‍छी सीख, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई, प्‍यार और यहां तक कि ये रिश्‍ता क्‍यों खत्‍म हो गया जैसे कई मुद्दों पर एक बात चीत विस्तार से बताया । यह बात लगभग तीन सीरिज में हुई। जाने-माने उद्योगपति और टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे रतन टाटा ने बताया कि आर्किटेक्‍चर में ग्रेजुएशन करने पर उनके पिता नाराज हो गए। इसीलिए रतन टाटा लॉस एंजेलिस में नौकरी करने लगे।

ये भी देखें : धमाके में उड़ी कार: बिछ गई लाशें ही लाशें, देखकर कांप उठे लोग

लॉस एंजेलिस में हुआ था रतन टाटा को प्‍यार

लॉस एंजेलिस में उन्‍होंने दो साल तक काम किया। उन दिनों को याद करते हुए रतन टाटा कहते हैं वो समय बहुत अच्‍छा समय था- मौसम बहुत खूबसूरत था, मेरे पास अपनी गाड़ी थी और मुझे अपनी नौकरी से प्‍यार था। लॉस एंजेलिस में रतन टाटा को प्‍यार हुआ और वो उस लड़की से शादी करने ही वाले थे। लेकिन, अचानक उन्‍हें वापस भारत आना पड़ा क्‍योंकि उनकी दादी की तबीयत ठीक नहीं थी।

इसलिए नहीं हो पायी थी रतन टाटा की शादी

और फिर भारत-चीन लड़ाई आ गई रतन टाटा की शादी के बीच में रतन टाटा को ये लगा था कि जिस महिला को वो प्‍यार करते हैं वह भी उनके साथ भारत चली जाएगी। लेकिन 1962 की भारत-चीन लड़ाई के चलते उनके माता-पिता उस लड़की के भारत आने के पक्ष में नहीं थे और इस तरह उनका रिश्‍ता टूट गया।

ये भी देखें : धु-धु कर जली दिल्ली: दर्जनों वाहन आग को काबू करने में जुटे

बात चीत में रतन टाटा ने अपनी दादी को भी याद किया

अपने बचपन के बारे में रतन टाटा बताते हैं कि उनका बचपन बहुत बढ़िया बीता, लेकिन माता-पिता के अलग (तलाक लेने के बाद) होने से उन्हें और उनके भाई को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। बातचीत के दौरान रतन टाटा ने अपनी दादी को भी याद करते हुए बताया कि, मुझे आज भी याद है कि किस तरह द्वितीय विश्‍व युद्ध के बाद वो मुझे और मेरे भाई को गर्मियों की छुट्टियों के लिए लंदन लेकर चली गई थीं। वास्‍तव में वहीं उन्‍होंने हमारे जीवन के मूल्यों के बारे में समझाया। वह हमें बताती थीं कि ऐसा मत कहो या इस बारे में शांत रहो और इस तरह हमारे दिमाग में ये बात डाल दी गई कि प्रतिष्‍ठा सबसे ऊपर है।

SK Gautam

SK Gautam

Next Story