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तेल कुएं से तबाही: हजारों परिवारों की जान पर आई बात, मरी सैंकड़ों मछलियां-डॉल्फिन

तिनसुकिया के नजदीक ऑयल इंडिया लिमिटेड के तेल कुएं से लीकेज हो रहा है जिसकी वजह से जीव-जंतुओं, जलस्रोतों और पर्यावरण पर भयानक दुष्प्रभाव पड़ रहा है।

Vidushi Mishra
Published on: 4 Jun 2020 2:13 PM IST
तेल कुएं से तबाही: हजारों परिवारों की जान पर आई बात, मरी सैंकड़ों मछलियां-डॉल्फिन
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नई दिल्ली। असम से तेल कुंए से लीकेज होने की बड़ी खबर आ रही है। तिनसुकिया के नजदीक ऑयल इंडिया लिमिटेड के तेल कुएं से लीकेज हो रहा है जिसकी वजह से जीव-जंतुओं, जलस्रोतों और पर्यावरण पर भयानक दुष्प्रभाव पड़ रहा है। बता दें, यहां लगातार तेल रिसने की वजह से कई जलस्रोतों का पानी भी खराब हो गया है। तेल रिसने की वजह से ही कुछ डॉल्फिंस मारी गई। ये इतना घातक था कि उनकी खाल तक निकल गई। वहीं सैकड़ों मछलियों की मौत हो गई और कई पशु-पक्षी भी इसका शिकार होकर मारे गए हैं।

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वॉल्व में खराबी आने की वजह से

27 मई से असम के तिनसुकिया से 43 किलोमीटर दूर बाघजान स्थित तेल कुएं मेंं गैस और तेल लीक हो रहा है। यह तेल का कुआं डिब्रु साइखोवा नेशनल पार्क के मागुरी-मोटापंग वेटलैंड्स के पास है। जोकि यहां से मुश्किल से एक किलोमीटर की दूरी पर ही होगा।

इसी मुद्दे पर ऑयल इंडिया लिमिटेड ने कहा है कि वॉल्व में खराबी आने की वजह से ये हादसा हुआ है। 60 प्रतिशत मरम्मत हो चुकी है। हमने सिंगापुर के कंपनी अलर्ट डिजास्टर कंट्रोल को बुलाया है जिससे वे हादसे के बाद हुए नुकसान का आकलन कर सकें।

1610 परिवारों को वहां से हटाकर

इस हादसे के तुरंत बाद ही बाघजान से 1610 परिवारों को वहां से हटाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया था। सुरक्षित स्थानों पर पंहुचाने के बाद इन परिवारों के लोगों को चार अलग-अलग रिलीफ कैंप्स में रखा गया है। गैस-लीकेज की वजह से सैकड़ों मछलियां, गंगा डॉलफिंस, पशु-पक्षी मारे गए हैं।

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पर्यावरणीय नुकसान की जांच कर रही

वहीं स्थानीय लोग ऑयल इंडिया लिमिटेड से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। असम वन विभाग के प्रवक्ता सैलेन पांडेय ने बताया कि वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों की एक एक्सपर्ट टीम इस हादसे के बाद के पर्यावरणीय नुकसान की जांच कर रही है।

ऐसे में असम वन विभाग के प्रवक्ता सैनेल पांडेय ने कहा कि यह टीम इस हादसे के बाद रिकवरी प्रोसेस के शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म स्टेप्स के बारे में बताएगी। यह भी बताएगी कि कैसे तेल और गैस के असर को कम किया जाए। कैसे पशु-पक्षियों और पेड़ पौधों की रक्षा की जाए।

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Vidushi Mishra

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